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आतंकी हमले की आशंका को देखते हुए दिल्ली में हाई अलर्ट कर दिया गया है। न्यूज एजेंसी के सूत्रों के मुताबिक, दिल्ली पुलिस को आतंकी खतरे का इंटेलीजेंस इनपुट मिला है। 4-5 आतंकी दिल्ली में घुस सकते हैं।
दिल्ली के सभी 15 पुलिस डिस्ट्रिक्ट के साथ क्राइम ब्रांच और स्पेशल सेल भी हाई अलर्ट पर हैं। राज्य की सीमाओं पर आवाजाही पर खास नजर रखी जा रही है। बाजारों और अस्पतालों में भी निगरानी बढ़ा दी गई है।
कश्मीर के रजिस्ट्रेशन वाली गाड़ियों की तलाशी
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जम्मू-कश्मीर से आतंकी ट्रक से रवाना हुए हैं। वे बस, कार या टैक्सी से दिल्ली में घुस सकते हैं। दिल्ली के सभी होटल और गेस्ट हाउस पर नजर रखी जा रही है। शहर में कश्मीर के रजिस्ट्रेशन नंबर वाली कारें भी तलाशी जा रही हैं। सभी बस स्टैंड और रेलवे स्टेशनों पर भी अलर्ट कर दिया गया है।
सोमवार को कारोबार के पहले दिन बीएसई 160.3अंक ऊपर और निफ्टी 74.35पॉइंट की बढ़त के साथ खुला। इससे पहले शुक्रवार को बीएसई और निफ्टी बढ़त के साथ बंद हुए थे। उस दिन दिनभर की ट्रेडिंग के दौरान बीएसई 640.32 अंक तक और निफ्टी 180.75 पॉइंट तक ऊपर जाने में कामयाब रहा था। कारोबार के अंत में बीएसई 523.68 अंक ऊपर 34,731.73 पर और निफ्टी 152.75 पॉइंट ऊपर 10,244.40 पर बंद हुआ था।
बीएसई में शामिल बैंक शेयरों में बढ़त
बैंक
बढ़त (%)
RBL बैंक
7.79 %
बंधन बैंक
7.13 %
फेडरल बैंक
5.20 %
इंडसइंड बैंक
3.18 %
ICICI बैंक
3.00 %
कोटक बैंक
2.29 %
सिटी यूनियन बैंक
1.93 %
एक्सिस बैंक
1.92 %
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया
1.68 %
HDFC बैंक
0.85 %
अमेरिकी बाजारों में रहा उतार-चढ़ाव
शुक्रवार को अमेरिकी बाजारों में उतार-चढ़ाव देखने को मिला था। अमेरिकी बाजार डाउ जोंस 0.80 फीसदी की गिरावट के साथ 208.64 अंक नीचे 25,871.50 पर बंद हुआ था। वहीं, अमेरिका के दूसरे बाजार नैस्डैक 0.03 फीसदी बढ़त के साथ 3.07 अंक ऊपर 9,946.12 पर बंद हुआ था। दूसरी तरफ, एसएंडपी 0.56 फीसदी गिरावट के साथ 17.32 पॉइंट नीचे 3,098.02 पर बंद हुआ था। चीन का शंघाई कम्पोसिट 0.26 फीसदी बढ़त के साथ 7.68 अंक ऊपर 2,975.31 पर बंद हुआ था। इधर इटली, जर्मनी और फ्रांस के बाजार में गिरावट रही।
कोरोना से देश और दुनिया में मौतें
देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या 4,26,910 हो गई है। इनमें 1,75,904 की रिपोर्ट पॉजीटिव है। वहीं 2,37,252 संक्रमित ठीक हो गए हैं। देश में अब तक कोरोना से मरने वालों की संख्या 13,703 हो चुकी है। ये आंकड़े covid19india.org के अनुसार हैं। दूसरी तरफ, दुनियाभर में कोरोनावायरस से संक्रमित लोगों की संख्या 9,046,067 हो चुकी है। इनमें 470,703 की मौत हो चुकी है। अमेरिका में कोरोना से मरने वालों की संख्या 122,247 हो चुकी है।
09:43 AM बीएसई बैंकेक्स में शामिल सभी 10 कंपनियों के शेयरों में बढ़त है; RBL बैंक के शेयर में सबसे ज्यादा 7.47% की बढ़त है।
09:35 AM निफ्टी 50 के टॉप-10 लूजर स्टॉक्स; विप्रो के शेयर में सबसे ज्यादा गिरावट है।
09:31 AM निफ्टी 50 के टॉप-10 गेनर स्टॉक्स; सिप्ला के शेयरमें सबसे ज्यादा बढ़त है।
09:28 AMबीएसई 253.38 अंक ऊपर 34,985.11 पर और निफ्टी 90.15 पॉइंट ऊपर 10,334.55 पर कारोबार कर रहा है।
09:27 AM बीएसई के 23 में से 21 सेक्टर आज बढ़त के साथ खुले हैं।
09:25 AM बीएसई के 32 में से 31 इंडेक्स आज बढ़त के साथ खुले।
09:21 AM बीएसई 30 में शामिल 25 कंपनियों के शेयरों में बढ़त है; बजाज फिनसर्व और बजाज फाइनेंस के शेयरों में सबसे ज्यादा बढ़त है।
09:15 AMबीएसई 175.14 अंक ऊपर 34,906.87 पर और निफ्टी 53.25 पॉइंट ऊपर 10,297.65 पर कारोबार कर रहा है।
आतंकी हमले की आशंका को देखते हुए दिल्ली में हाई अलर्ट कर दिया गया है। न्यूज एजेंसी के सूत्रों के मुताबिक, दिल्ली पुलिस को आतंकी खतरे का इंटेलीजेंस इनपुट मिला है। 4-5 आतंकी दिल्ली में घुस सकते हैं।
दिल्ली के सभी 15 पुलिस डिस्ट्रिक्ट के साथ क्राइम ब्रांच और स्पेशल सेल भी हाई अलर्ट पर हैं। राज्य की सीमाओं पर आवाजाही पर खास नजर रखी जा रही है। बाजारों और अस्पतालों में भी निगरानी बढ़ा दी गई है।
कश्मीर के रजिस्ट्रेशन वाली गाड़ियों की तलाशी
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जम्मू-कश्मीर से आतंकी ट्रक से रवाना हुए हैं। वे बस, कार या टैक्सी से दिल्ली में घुस सकते हैं। दिल्ली के सभी होटल और गेस्ट हाउस पर नजर रखी जा रही है। शहर में कश्मीर के रजिस्ट्रेशन नंबर वाली कारें भी तलाशी जा रही हैं। सभी बस स्टैंड और रेलवे स्टेशनों पर भी अलर्ट कर दिया गया है।
जगन्नाथ पुरी में 23 जून को होने वाली रथयात्रा पर सुप्रीम कोर्ट ने 18 जून को ही रोक लगा दी थी, लेकिन कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ 6 रिव्यू पिटीशन लग चुकी हैं। इन पर आज 11 बजे सुनवाई होगी।
याचिकाओं में अपील की गई है कि रथयात्रा को बदले रूप में निकालने की परमिशन देने पर विचार किया जाए। पुरी शहर को टोटल शटडाउन कर और जिले में बाहरी लोगों की एंट्री पर रोक लगाकर यात्रा निकालने का प्रस्ताव दिया गया है।
परंपरा तोड़ना ठीक नहीं: पुरी पीठ के शंकराचार्य
स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने सुप्रीम कोर्ट से अपील की है कि इस मामले में दोबारा विचार करें। उन्होंने पुरी मठ से जारी अपने बयान में कहा- ‘किसी की यह भावना हो सकती है कि अगर इस संकट में रथयात्रा की परमिशन दी जाए तो भगवान जगन्नाथ कभी माफ नहीं करेंगे, लेकिन अगर इतनी पुरानी परंपरा तोड़ी तो क्या भगवान माफ कर देंगे।’
कोर्ट ने कहा था- लोगों की हिफाजत के लिए यात्रा नहीं होनी चाहिए
सुप्रीम कोर्ट ने 18 जून को रथयात्रा पर रोक के फैसले में कहा था कि कोरोना महामारी के के समय रथयात्रा की परमिशन दी तो भगवान जगन्नाथ हमें कभी माफ नहीं करेंगे। कोर्ट ने कहा था कि जब महामारी फैली हो, तो ऐसी यात्रा की इजाजत नहीं दी जा सकती, जिसमें भारी भीड़ आती हो। लोगों की सेहत और उनकी हिफाजत के लिए इस साल यात्रा नहीं होनी चाहिए। चीफ जस्टिस की बेंच ने ओडिशा सरकार से कहा कि इस साल राज्य में कहीं भी रथयात्रा से जुड़े जुलूस या कार्यक्रमों की इजाजत न दी जाए।
पिछली बार मुगलों ने यात्रा रोकी थी
रथयात्रा नहीं होती है तो 285 साल में दूसरी बार ऐसा होगा। पिछली बार मुगलों के दौर में यात्रा रोकी गई थी। इस बार रथयात्रा पर पहले से असमंजस की स्थिति बनी हुई थी। इस बीच, भुवनेश्वर के एनजीओ ओडिशा विकास परिषद ने सुप्रीम कोर्ट में पिटीशन दायर कर कहा था कि रथयात्रा से कोरोना फैलने का खतरा रहेगा। अगर लोगों की सेहत को ध्यान में रखकर कोर्ट दीपावली पर पटाखे जलाने पर रोक लगा सकता है तो रथयात्रा पर रोक क्यों नहीं लगाई जा सकती?
देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या 4 लाख 26 हजार 910 हो गई है। बीते 24 घंटे में 15 हजार 158 मरीज बढ़े। सबसे ज्यादा 3870 केस महाराष्ट्र में और इसके बाद 3000 मामले दिल्ली में आए। बीते 13 दिनों में देश में ठीक होने वाले मरीजों की संख्या इलाज करा रहे मरीजों की संख्या से काफी आगे निकल गई है। अब 1 लाख 75 हजार 904 मरीजों का इलाज चल रहा है, जबकि 2 लाख 37 हजार 252 ठीक हो चुके हैं। कुल 13 हजार 703 मरीजों की मौत हो चुकी है।
8 जून तक बीमार, ठीक होने वालों से ज्यादा थे
तारीख
एक्टिव केस
ठीक हुए मरीज
08 जून
1.29 लाख
1.29 लाख
09 जून
1.33लाख
1.34लाख
10 जून
1.38लाख
1.40लाख
11 जून
1.42लाख
1.46लाख
12 जून
1.46लाख
1.54लाख
13 जून
1.50लाख
1.62लाख
14 जून
1.53लाख
1.69लाख
15 जून
1.52लाख
1.80लाख
16 जून
1.54लाख
1.87लाख
17 जून
1.60लाख
1.94लाख
18 जून
1.63लाख
2.05लाख
19 जून
1.68लाख
2.14लाख
20 जून
1.70लाख
2.28लाख
21 जून
1.75लाख
2.37लाख
5 दिन,जब सबसे ज्यादा मामले आए
तारीख
केस
20 जून
15918
21 जून
15158
19 जून
14740
18 जून
13829
17 जून
13108
5 राज्यों का हाल
मध्यप्रदेश: उज्जैन में रविवार को 3 मामले सामने आने के बाद अब यहां कोरोना पॉजिटिव संख्या बढ़कर 826 हो गई है, जबकि दो मरीजों की मौत हुई। इस बीच, इंदौर जिले में 41 संक्रमित बढ़ गए। इसके साथ जिले में संक्रमितों की संख्या 4329 पर पहुंच गई है। अब तक 3185 व्यक्ति स्वस्थ हो चुके हैं।
महाराष्ट्र: पुणे स्वास्थ्य विभाग ने रविवार को बताया कि पिछले 24 घंटे में शहर में 823 मामले सामने आए। यह एक दिन में अब तक की सबसे बड़ी संख्या है। इस दौरान 24 मरीजों की मौत भी हुई। इससे पहले शनिवार को राज्य में एक दिन में सबसे ज्यादा 3874 मरीज मिले, जबकि 160 की मौत हुई। राज्य में संक्रमितों की संख्या 1 लाख 28 हजार 205 हो गई। उधर, मुंबई में शनिवार को 1197 मामले सामने आए, जबकि 136 मरीजों ने दम तोड़ा।
उत्तरप्रदेश: राज्य में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। रविवार को बागपत में 11, हरदोई और मुरादाबाद में 8-8, मुजफ्फरनगर में 2 फर्रूखाबाद में 7, एटा में डॉक्टर समेत 9 लोगों में कोरोना की पुष्टि हुई है। इसके साथ राज्यों में संक्रमित मरीजों की संख्या 17200 पहुंच गई है।
राजस्थान: चिकित्सा विभाग के मुताबिक, रविवार को 154 मामले सामने आए। इनमें सबसे ज्यादा 59 धौलपुर में मिले। इसके अलावा, जयपुर में 31, झुंझुनूं में 22, अलवर में 12, सीकर में 9, डूंगरपुर में 5, राजसमंद में 3, झालावाड़, नागौर और उदयपुर में 2-2, चुरू में एक मामला सामने आया। एक मामला दूसरे राज्य से है। ऐसा बताया जा रहा है कि उत्तर प्रदेश के बाद राज्य सरकार इस साल की कांवड़ यात्रा को रद्द कर सकती है।
बिहार: राज्य के 16 जिले में रविवार को 21 महिला समेत 99 पॉजिटिव मिले। इसके साथ राज्य में कुल कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़कर 7602 हो गई है। स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि दरभंगा जिले में कोरोना के सबसे ज्यादा 32 मामले आए। इसके बाद समस्तीपुर में 18, बांका और भागलपुर में नौ-नौ, पटना और रोहतास में पांच-पांच, सीवान में चार, किशनगंज और नवादा में तीन-तीन, भोजपुर, मधेपुरा, मुंगेर और पश्चिम चंपारण में दो-दो, जहानाबाद, नालंदा और वैशाली में एक-एक संक्रमित मिला।
दुनिया में कोरोनावायरस से अब तक 4 लाख 70 हजार 665 लोगों की मौत हो चुकी है। संक्रमितों का आंकड़ा 90 लाख 44 हजार 581 हो गया है। अब तक 48 लाख 37 हजार 952 लोग स्वस्थ हो चुके हैं। उत्तरअमेरिकी देश मैक्सिको में संक्रमण के मामले 1.80 लाख से ज्यादा हो गए हैं। इस महाद्वीप में अमेरिका (23 लाख से ज्यादा) के बाद सबसे ज्यादा मामले यहांहैं। मैक्सिको में 24 घंटे में 1044 लोगों की मौत हुई है। यहां मरने वालों की संख्या 21 हजार 825 हो गई है।
10 देश जहां कोरोना का असर सबसे ज्यादा
देश
कितने संक्रमित
कितनी मौतें
कितने ठीक हुए
अमेरिका
23,56,657
1,22,247
9,80,355
ब्राजील
10,86,990
50,659
5,79,226
रूस
5,84,680
8,111
3,39,711
भारत
4,26,910
13,703
2,37,252
ब्रिटेन
3,04,331
42,632
उपलब्ध नहीं
स्पेन
2,93,352
28,323
उपलब्ध नहीं
पेरू
2,54,936
8,045
1,41,967
चिली
242,355
4,479
2,00,569
इटली
2,38,499
34,634
1,82,893
ईरान
2,04,952
9,623
1,63,591
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स्पेन: 141 नए मामले
स्पेन में 24 घंटे में 141 नए मामले दर्ज किए गए हैं। एक और मरीज की मौत हुई है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने रविवार को बताया कि देश में अब तक 28,323 लोगों की मौत हुई है। वहीं, 2 लाख 46 हजार 272 लोग संक्रमित हुए हैं। नए मरीजों में मैड्रिड से 55, एरगोन क्षेत्र में 33 और कैटलोनिया में 25 पॉजिटिव पाए गए हैं।स्पेन में रविवार से लोगों को आवाजाही की अनुमति दे दी गई। वहीं, यूरोपीय देशों से लोगों को आने के लिए सीमा खोल दिया गया।
हेग: 400 प्रदर्शनकारी हिरासत में
नीदरलैंड के हेग शहर में लॉकडाउन के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लगभग चार सौ लोगों को पुलिस ने हिरासत में लिया है। पुलिस ने रविवार को ट्वीट किया- गिरफ्तार किए हए चार सौ लोगों में से ज्यादातर को रिहा कर दिया गया है। मालिवल्ड मैदान में प्रदर्शन शांतिपूर्वक तरीके से शुरू हुआ, लेकिन बाद में फुटबॉल समर्थकों ने पुलिस के साथ झड़प शुरू कर दी। उन लोगों ने पुलिस पर पत्थर और आंसू गैस के गोले फंके। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को खदेड़ने के लिए आंसू गैस के गोले दागे।
कैलिफोर्निया: एक दिन में 4515मामले
अमेरिकी राज्य कैलिफोर्निया में 24 घंटे में 4515 नए मामले दर्ज किए गए हैं। स्वास्थ्य विभाग ने रविवार को कहा कि राज्य में अब तक इससे प्रभावित होने वाले लोगों की संख्या 17,324 हो गई है। इससे पहले शुक्रवार को सबसे ज्यादा 4317 नए मामले दर्ज किए गए थे। पिछले पांच दिनों में 20,200 से ज्यादा मामले दर्ज किए गए हैं।
चिली: 5607 नए मामले
चिली में 24 घंटे में वायरस से 5607 नए मामले दर्ज किए गए हैं। देश में संक्रमितों की संख्या बढ़कर 2 लाख 42 हजार 355 हो गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि शनिवार रात नौ बजे तक देश में 118 मरीजों की मौत हुई। यहां अब मरने वालों की संख्या 4,479 हो गई है।
बीजिंग: नौ नए मामले
चीन की राजधानी बीजिंग में संक्रमण के नौ नए मामले दर्ज किए गए हैं। नगर निगम ने सोमवार को बताया कि यहां रविवार को संक्रमित पाए गए लोगों में से दो संदिग्ध हैं। वहीं पांच लोगों में कोई लक्षण नजर नहीं आए। आयोग के अनुसार बीजिंग में 11 जून से 21 जून तक 236 मामले दर्ज किए गए हैं। ये सभी मामले घरेलू संक्रमण के हैं।
रणजी ट्रॉफी में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले राजिंदर गोयल का रविवार को बीमारी के बाद निधन हो गया। 77 साल के बाएं हाथ के स्पिनर राजिंदर ने रणजी में 637 विकेट लिए। अब तक कोई दूसरा गेंदबाज 600+ विकेट नहीं ले सका।बीसीसीआई के अलावा कई पूर्व क्रिकेटरों ने उनकी मौत पर दुख जताया।
बोर्ड अध्यक्ष सौरव गांगुली ने कहा, ‘‘हमने घरेलू क्रिकेट के दिग्गज को खो दिया। उनका रिकॉर्ड बताता है कि वे कितने शानदार गेंदबाज थे। वे 25 साल से ज्यादा क्रिकेट खेले। इससे पता चलता है कि खेल के लिए उनका समर्पण कितना ज्यादा था।’’
उन्होंने रणजी के एक सीजन में 15 बार 25+ विकेट लिए। हरियाणा के राजिंदर ने 157 मैच में 750 विकेट लिए। एक पारी में 55 रन देकर 8 विकेट उनका बेस्ट रहा। उन्होंने 59 बार 5 विकेट और 18 बार 10 विकेट लेने का कारनामा किया। उन्होंने 1037 रन भी बनाए।
वे भारत के लिए एक बार भी नहीं खेले
वे पटियाला, पंजाब और दिल्ली से भी खेले। हालांकि, उन्हें इंटरनेशनल क्रिकेट खेलने का मौका नहीं मिला। इस पर उन्होंने कहा था कि मैं गलत दौर में पैदा हुआ। बिशन सिंह बेदी के होते हुए मेरा खेलना मुश्किल था। वे महान गेंदबाज थे। इसलिए मलाल नहीं है।
टीम इंडिया के कोच रवि शास्त्री ने ट्वीट किया, शानदार गेंदबाज, जिसने सटीक लाइन लेंथ से हमेशा बल्लेबाजों को परेशान किया। दुख की इस घड़ी में उनके परिवार को सांत्वना।
RIP #RajinderGoel ji. Master of his craft. Killer line & length in our terrain. Humility personified. Condolences to the entire family 🙏 pic.twitter.com/C3YJNPob1e
वीरेंद्र सहवाग ने भी ट्वीट किया, बेहत विनम्र इंसान, 750 फर्स्ट क्लास क्रिकेट लिए, लेकिन कभी भारत के लिए नहीं खेले। उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि।
A very simple, humble man. Highest wicket taker in his last first class season. 750 First- class wickets but never played for India. Was India’s loss. Rajinder Goel ji ko vinamra Shraddhanjali. Om Shanti pic.twitter.com/qTYvalr1nU
जगन्नाथ पुरी में 23 जून को होने वाली रथयात्रा पर सुप्रीम कोर्ट ने 18 जून को ही रोक लगा दी थी, लेकिन कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ 6 रिव्यू पिटीशन लग चुकी हैं। इन पर आज 11 बजे सुनवाई होगी।
याचिकाओं में अपील की गई है कि रथयात्रा को बदले रूप में निकालने की परमिशन देने पर विचार किया जाए। पुरी शहर को टोटल शटडाउन कर और जिले में बाहरी लोगों की एंट्री पर रोक लगाकर यात्रा निकालने का प्रस्ताव दिया गया है।
परंपरा तोड़ना ठीक नहीं: पुरी पीठ के शंकराचार्य
स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने सुप्रीम कोर्ट से अपील की है कि इस मामले में दोबारा विचार करें। उन्होंने पुरी मठ से जारी अपने बयान में कहा- ‘किसी की यह भावना हो सकती है कि अगर इस संकट में रथयात्रा की परमिशन दी जाए तो भगवान जगन्नाथ कभी माफ नहीं करेंगे, लेकिन अगर इतनी पुरानी परंपरा तोड़ी तो क्या भगवान माफ कर देंगे।’
कोर्ट ने कहा था- लोगों की हिफाजत के लिए यात्रा नहीं होनी चाहिए
सुप्रीम कोर्ट ने 18 जून को रथयात्रा पर रोक के फैसले में कहा था कि कोरोना महामारी के के समय रथयात्रा की परमिशन दी तो भगवान जगन्नाथ हमें कभी माफ नहीं करेंगे। कोर्ट ने कहा था कि जब महामारी फैली हो, तो ऐसी यात्रा की इजाजत नहीं दी जा सकती, जिसमें भारी भीड़ आती हो। लोगों की सेहत और उनकी हिफाजत के लिए इस साल यात्रा नहीं होनी चाहिए। चीफ जस्टिस की बेंच ने ओडिशा सरकार से कहा कि इस साल राज्य में कहीं भी रथयात्रा से जुड़े जुलूस या कार्यक्रमों की इजाजत न दी जाए।
पिछली बार मुगलों ने यात्रा रोकी थी
रथयात्रा नहीं होती है तो 285 साल में दूसरी बार ऐसा होगा। पिछली बार मुगलों के दौर में यात्रा रोकी गई थी। इस बार रथयात्रा पर पहले से असमंजस की स्थिति बनी हुई थी। इस बीच, भुवनेश्वर के एनजीओ ओडिशा विकास परिषद ने सुप्रीम कोर्ट में पिटीशन दायर कर कहा था कि रथयात्रा से कोरोना फैलने का खतरा रहेगा। अगर लोगों की सेहत को ध्यान में रखकर कोर्ट दीपावली पर पटाखे जलाने पर रोक लगा सकता है तो रथयात्रा पर रोक क्यों नहीं लगाई जा सकती?
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देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या 4 लाख 26 हजार 910 हो गई है। बीते 24 घंटे में 15 हजार 158 मरीज बढ़े। सबसे ज्यादा 3870 केस महाराष्ट्र में और इसके बाद 3000 मामले दिल्ली में आए। बीते 13 दिनों में देश में ठीक होने वाले मरीजों की संख्या इलाज करा रहे मरीजों की संख्या से काफी आगे निकल गई है। अब 1 लाख 75 हजार 904 मरीजों का इलाज चल रहा है, जबकि 2 लाख 37 हजार 252 ठीक हो चुके हैं। कुल 13 हजार 703 मरीजों की मौत हो चुकी है।
8 जून तक बीमार, ठीक होने वालों से ज्यादा थे
तारीख
एक्टिव केस
ठीक हुए मरीज
08 जून
1.29 लाख
1.29 लाख
09 जून
1.33लाख
1.34लाख
10 जून
1.38लाख
1.40लाख
11 जून
1.42लाख
1.46लाख
12 जून
1.46लाख
1.54लाख
13 जून
1.50लाख
1.62लाख
14 जून
1.53लाख
1.69लाख
15 जून
1.52लाख
1.80लाख
16 जून
1.54लाख
1.87लाख
17 जून
1.60लाख
1.94लाख
18 जून
1.63लाख
2.05लाख
19 जून
1.68लाख
2.14लाख
20 जून
1.70लाख
2.28लाख
21 जून
1.75लाख
2.37लाख
5 दिन,जब सबसे ज्यादा मामले आए
तारीख
केस
20 जून
15918
21 जून
15158
19 जून
14740
18 जून
13829
17 जून
13108
5 राज्यों का हाल
मध्यप्रदेश: उज्जैन में रविवार को 3 मामले सामने आने के बाद अब यहां कोरोना पॉजिटिव संख्या बढ़कर 826 हो गई है, जबकि दो मरीजों की मौत हुई। इस बीच, इंदौर जिले में 41 संक्रमित बढ़ गए। इसके साथ जिले में संक्रमितों की संख्या 4329 पर पहुंच गई है। अब तक 3185 व्यक्ति स्वस्थ हो चुके हैं।
महाराष्ट्र: पुणे स्वास्थ्य विभाग ने रविवार को बताया कि पिछले 24 घंटे में शहर में 823 मामले सामने आए। यह एक दिन में अब तक की सबसे बड़ी संख्या है। इस दौरान 24 मरीजों की मौत भी हुई। इससे पहले शनिवार को राज्य में एक दिन में सबसे ज्यादा 3874 मरीज मिले, जबकि 160 की मौत हुई। राज्य में संक्रमितों की संख्या 1 लाख 28 हजार 205 हो गई। उधर, मुंबई में शनिवार को 1197 मामले सामने आए, जबकि 136 मरीजों ने दम तोड़ा।
उत्तरप्रदेश: राज्य में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। रविवार को बागपत में 11, हरदोई और मुरादाबाद में 8-8, मुजफ्फरनगर में 2 फर्रूखाबाद में 7, एटा में डॉक्टर समेत 9 लोगों में कोरोना की पुष्टि हुई है। इसके साथ राज्यों में संक्रमित मरीजों की संख्या 17200 पहुंच गई है।
राजस्थान: चिकित्सा विभाग के मुताबिक, रविवार को 154 मामले सामने आए। इनमें सबसे ज्यादा 59 धौलपुर में मिले। इसके अलावा, जयपुर में 31, झुंझुनूं में 22, अलवर में 12, सीकर में 9, डूंगरपुर में 5, राजसमंद में 3, झालावाड़, नागौर और उदयपुर में 2-2, चुरू में एक मामला सामने आया। एक मामला दूसरे राज्य से है। ऐसा बताया जा रहा है कि उत्तर प्रदेश के बाद राज्य सरकार इस साल की कांवड़ यात्रा को रद्द कर सकती है।
बिहार: राज्य के 16 जिले में रविवार को 21 महिला समेत 99 पॉजिटिव मिले। इसके साथ राज्य में कुल कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़कर 7602 हो गई है। स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि दरभंगा जिले में कोरोना के सबसे ज्यादा 32 मामले आए। इसके बाद समस्तीपुर में 18, बांका और भागलपुर में नौ-नौ, पटना और रोहतास में पांच-पांच, सीवान में चार, किशनगंज और नवादा में तीन-तीन, भोजपुर, मधेपुरा, मुंगेर और पश्चिम चंपारण में दो-दो, जहानाबाद, नालंदा और वैशाली में एक-एक संक्रमित मिला।
फोटो भिलाई केपटेल चौक की। यहां से महज 100 मीटर की दूरी पर कलेक्टोरेट परिसर है। यहां से जिम्मेदार अधिकारी रोज गुजरते हैं लेकिन किसी ने चौक पर बनाईगईंतीन जेब्रा क्रॉसिंग पर ध्यान नहीं दिया। साल में डेढ़ लाख लोगों को नियमों का पाठ पढ़ाने वाली ट्रैफिक पुलिस खुद नियमों की अनदेखी कर रही है। चालक कंफ्यूज हैं किस जेब्रा लाइन को स्टॉप लाइन मानकर रेड सिग्नल पर रुकना है? डीएसपी गुरजीत सिंह ने कहा, यातायात व्यवस्था के लिए ट्रैफिक पुलिस के साथ कई अन्य एजेंसी काम करती है। चूक हुई है, जल्द सुधार लेंगे।
सूर्यग्रहण को अपनी हथेली पर ही ले आई छात्रा
फोटो पंजाब के रूपनगर जिले के मोरिंडा की है। शहर में रविवार को सूर्यग्रहण के चलते लोग टीवी चैनलों के पास ही बैठे रहे। वहीं एक छात्रा सूर्यग्रहण को अपनी हथेली पर ही ले आई। छात्रा लवनीत वशिष्ठ ने बताया कि उनकी छत पर लगी शीट से सूर्य की रोशनी नीचे सीढ़ियों पर पड़ रही थी, जिसमें की सूर्यग्रहण की परछाई दिख रही थी और परछाई को उसने हथेली पर ले लिया।
प्रकृति के रंग देखने उमड़े लोग
फोटो पंजाब के बठिंडा की है। रविवार को सूर्य ग्रहण की महत्वपूर्ण खगोलीय घटना को देखने के लिए लागों में उत्साह दिखा। शहर में सुबह 10.20 बजे सूर्य ग्रहण शुरू हुआ। लोगों ने खगोलीय यंत्रों के सहारे सूर्य ग्रहण को देखा। ग्रहण के दौरान मंदिरों के कपाट पूरी तरह से बंद रहे। साल का पहला सूर्यग्रहण रविवार दोपहर 2.02 बजे के बाद समाप्त हुआ।
प्राणायाम और योगाभ्यास से आंखों की रोशनी वापस आ गई
फोटो राजस्थान के हनुमागढ़ जिले के नूआं गांव की है। योग दिवस पर हर किसी ने योग किया लेकिन गांव नूआं की नीमा देवी को योग करते देख आप दांतों तले अंगुली दबा लेंगे।नीमा की उम्र 105 वर्ष है। जिस उम्र में आराम की आवश्यकता होती है उस उम्र में नीमा रोजाना योगाभ्यास करती हैं। उन्होंने बताया कि एक बार उनकी आंखें खराब हो गई थी और डॉक्टरों ने कहा कि उनकी आंखें कभी ठीक नहीं हो सकती। तभी उन्होंने प्राणायाम और योगाभ्यास शुरू किया। उनकी आंखों की रोशनी वापस आ गई।
पानी में 30 घंटे से अधिक समय तक योग कर सकते हैं राजेश्वर
फोटो छत्तीसगढ़ के बिलासपुर की है। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर आदिबद्री केदारनाथ मंदिर के पंडित राजेश्वर शास्त्री ने पानी में योग क्रियाएं की। महंत 20 वर्षों से पानी में योग क्रियाएं करते हैं। इस बार कोविड-19 के कारण अकेले ही सोम नदी की धारा में योग क्रियाएं कर स्वच्छता का संदेश दिया। उन्होंने बताया पानी में मुक्तापद आसान, पदमासन, शया आसन, विश्राम आसन, धेनु आसन सहिम अनेक योग क्रियाएं कर जीवन को संजीवनी दी जा सकती है। वहपानी में 30 घंटे के अधिक समय तक योग क्रियाएं कर सकते हैं।
रांची में 19 मिमी. बारिश, औसत से 18% अधिक
रविवार को झारखंड की राजधानी रांची में पूरे दिन झमाझम बारिश हुई। मौसम विभाग के मुताबिककुल 19 मिमी. बारिश रिकॉर्ड की गई। 24 घंटे में सबसे अधिक 44 मिमी. बारिश लातेहार में हुई। जून में अब तक 132.8 मिमी. बारिश हो चुकी है। जून में इस समय तक सामान्य बारिश 112.1 मिमी. होती है, यानी अभी औसत से 18% ज्यादा बारिश हो चुकी है। बारिश में एक रिक्शे वाले ने सड़क पर ही रिक्शे की छतरी खोलकर अपने को भीगने से बचाया।
नाव पर दर्जनों बाइक के साथ 100 से ज्यादा सवारी
फोटो बिहार के हाजीपुर की है। कच्ची दरगाह रुस्तमपुर पीपापुल बंद होते ही प्रखंड के नदी घाटों पर प्रशासन के नाक के नीचे नावों पर ओवरलोडिंग का खेल शुरू हो गया। खासकर कच्ची दरगाह रुस्तमपुर घाट और जेठुली घाट पर यह जानलेवा खेल चलरहा है। घाटों पर नाविकों की मनमानी चरम पर है। नाविकों द्वारा नावों पर क्षमता से अधिक लोगों की सवारी व साथ ही सामान भी लादा जाता है। ऐसे में कब बड़ी नाव दुर्घटना हो जाए कोई कह नहीं सकता। रविवार को नावों पर क्षमता से अधिक लोड कर नाव पार किया जा रहा था। लगभग दर्जनों बाइक के साथ 100 से ज्यादा आदमी सवार थे।
कान्ह के गंदे पानी से शिप्रा का रंग काला-हरा-लाल
फोटो मध्यप्रदेश के उज्जैन की है | मोक्षदायिनीशिप्रा नदी में जिम्मेदारों की लापरवाही के कारण एक बार फिर से नदी का पानी प्रदूषित हो गया। कान्ह नदी के केमिकल युक्त पानी को रोकने के लिए त्रिवेणी पर बनाए अस्थाई पुल के टूटने के बाद इंदौर के औद्योगिक क्षेत्र और नालों से आने वाला गंदा पानी मिलने से शिप्रा नदी में बढ़े प्रदूषण के कारण नदी के पानी का रंग ही बदल गया है। पिछले 5-7 दिनों के भीतर नदी में प्रदूषण इतनी तेजी से फैला कि नदी के पानी का रंग काला और हल्का लाल हो चुका है।
10 वर्षों से खराब है रोहुआ-हायाघाट मेन रोड
फोटो बिहार के समस्तीपुर जिले के वरिसनगर की है। यहां की रोहुआ- हायाघाट मुख्य सड़क पर रोहुआ गांव में जमी कीचड़ से आजिज ग्रामीणों ने रविवार को उसमें धनरोपनी की। उन्होंने बताया कि विगत 10 वर्षों से इस जगह पर जलजमाव के साथ कीचड़ सड़क पर लगी रहती है। इस समस्या पर किसी जनप्रतिनिधि व प्रशासन ने आज तक पहल नहीं की।
केवल खाना खाने के लिए नीचे उतरता है भालू
फोटो भोपाल के वन विहार नेशनल पार्क की है। आज से पार्क को खोल दिया जाएगा। डायरेक्टर कमलिका मोहंता ने बताया कि एनटीसीए, केंद्रीय जू अथॉरिटी और वाइल्ड लाइफ मुख्यालय द्वारा जारी गाइडलाइन के मुताबिक ही वन विहार खोला जा रहा है। वन विहार में दो शिफ्ट में एंट्री मिलेगी। पहली शिफ्ट सुबह 6:30 से दोपहर 12 बजे तक होगी जबकि दूसरी शिफ्ट में दोपहर 3 से शाम 6.30 बजे तक प्रवेश दिया जाएगा। गेट नंबर एक की ओर से एंट्री के वक्त सफारी गेट के पास भालू का बाड़ा दिखाई देता है। पर्यटक न होने से भालू ज्यादातर वक्त यूं ही अपनी मचान पर सोता रहता है। यह केवल खाना खाने के लिए नीचे उतरता है।
from Dainik Bhaskar /local/delhi-ncr/news/three-zebra-crossings-at-a-chowk-in-jharkhand-a-105-year-old-woman-regained-her-eyesight-from-yoga-in-peoples-confuse-rajasthan-127435077.html
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लेह में एक ‘वॉर हीरो कॉलोनी’ है। सेना और सरकार ने मिलकर ये कॉलोनी बनाई है और युद्ध में लड़नेवालों को यहां पर घर दिए हैं। इनमें करगिल युद्ध में शहीद हुए सैनिकों के परिवार और वीरचक्र, महावीर चक्र, अशोक चक्र पाने वाले वीर खुद अपने परिवारों के साथ रहते हैं। इसके अलावा यहां एवरेस्ट फतह करने वालों को भी कुछ प्लॉट्स दिए गए हैं। इसी कॉलोनी में कुछ ऐसे परिवार भी हैं, जिनके अपने इन दिनों गलवान घाटी और चीन से सटे बाकी इलाकों में पोस्टेड हैं।
सेरिंग के पति सूबेदार दोरजे करगिल युद्ध के दौरान नुब्रा सेक्टर में तैनात थे। पिछले एक महीने से वे गलवान इलाके में हैं, लेकिन सेरिंग के चेहरे पर इसकी जरा भी शिकन नहीं है। सेरिंग कहती हैं, ‘मैंने टीवी पर देखा कि गलवान में कुछ हो रहा है। मेरे पति वहीं पोस्टेड हैं। लेकिन टेंशन नहीं है, खुशी है कि वो देश के लिए काम करने गए हैं।’सेरिंग के तीन बच्चे हैं।एक 18 साल, एक 12 साल और एक 7 साल का है।
करगिलयुद्ध के दौरान सूबेदार दोरजे उस पलटन में शामिल रहे थे जो सबसे पहले पेट्रोलिंग पर निकली थी। करगिल युद्ध के लिए वीरचक्र पाने वाले ऑनररी कैप्टन ताशी चैपल सूबेदार दोरजे के बारे में बताते हुए कहते हैं, ‘दोरजे और उनके साथ पैट्रोलिंग पर गए लोगों पर ऊंची पहाड़ियों पर बैठे घुसपैठियों ने अचानक फायरिंग कर दी। उसमें हमारा सूबेदार छोटक शहीद हो गया। सूबेदार दोरजे के पैर में भी गोली लगी। वो बैटल कैजुअल्टी हैं, लेकिन फिर भी गलवान में लड़ने के लिए गए हुए हैं ये हमारे लिए बहुत गर्व की बात है।’
ताशी के मुताबिक, लद्दाख के 500 से ज्यादा लोग चीन बॉर्डर पर लड़ने गए हैं। वो कहते हैं, ‘लद्दाख में हमारा रेजिमेंटल ट्रेनिंग सेंटर है। यहां सेंटर में कुछ लोगों को छोड़कर सारे के सारे फिलहाल गलवान से लेकर देमचोक, पैन्गॉग और बाकी इलाकों में चीन से मुकाबले को तैनात हैं।’
ताशी कहते हैं, ‘लद्दाख स्काउट की 5 बटालियन है, उनमें से ज्यादातर उसी इलाके में हैं। हम चाहते भी हैं, हमारे लोगों को वहां पोस्टिंग मिले। क्योंकि हम यहां के रहने वाले हैं। हमें एक्लेमेटाइजेशन करने की जरूरत नहीं है। हम यहीं पैदा हुए हैं, पहाड़ी में चढ़ सकते हैं, हम दक्षिण भारत के लोगों से ज्यादा सर्दी बर्दाश्त कर सकते हैं। इसलिए हमारे लोगों की पोस्टिंग वहां होना भी चाहिए।’
नीलजा अन्गमो के पति सूबेदार जोलवन भी एक महीने पहले गलवान गए हैं। वे 4-लद्दाख स्काउट में पोस्टेड हैं। नीलजा की उनसे एक महीने से कोई बात नहीं हुई। वे बताती हैं, ‘वो लोग जब एक महीने पहले गलवान के लिए निकले तो हमें बताया भी नहीं। जल्दबाजी में निकले। पहले बोल रहे थे नहीं जाऊंगा, लेकिन फिर चले गए। वैसे हमने रोका नहीं।’
नीलजा बताती हैं, "उधर तो फोन भी नहीं चल रहा तो बात नहीं होती। वरना जहां भी पोस्टिंग जाते थे तो दिन में कम से तीन बार घर पर फोन करते थे। ये पहली बार है, जब इतने साल की नौकरी में एक महीने तक फोन नहीं किया। वहां क्या हो रहा है हमको नहीं पता, टीवी पर जो देखते हैं वही पता होता है।"
हमारे 20 सैनिक शहीद हुए ये खबर मालूम हुई तो इस वॉर हीरो कॉलोनी में अजीब मायूसी छा गई। नीलजा कहती हैं, 'वह खबर सुनकर यहां सन्नाटा पसर गया था। बहुत दुख हुआ कि हमारे सैनिक शहीद हो गए।'
शहादत इस कॉलोनी के लिए नई बात नहीं। डिस्किट डोलमा के पति करगिल में शहीद हुए थे। वे गर्व से बतातीं हैं कि बेटा अभी चुशूल में चीन सीमा पर पोस्टेड है। पति को याद करते हुए कहती हैं, ‘मेरे पति की लद्दाख से बाहर पोस्टिंग थी। छुट्टी में आए थे, लेकिन जम्मू पहुंचकर बोले कि मुझे करगिल लड़ाई में जाना है। ऐसा बोलकर करगिल चले गए और फिर लौटे ही नहीं।’
डिस्किट के बेटे को आर्मी में भर्ती हुए 5 साल हो गए हैं, जब भर्ती हुआ तो उम्र सिर्फ 17 साल थी। पिता शहीद हुए उसके पंद्रह साल बाद बेटा सेना में भर्ती हो गया। वे कहती हैं, ‘बेटा बोलता था मैं पापा की जगह लेना चाहता हूं। मेरे पति शहीद हुए और अपने पापा के लिए बेटा भी आर्मी में चला गया। मेरे लिए ये बहुत गर्व की बात है।’
डिस्किट बताती हैं, ‘बेटा पैन्गॉन्ग पहुंचा तो उसने फोन किया कि मैं ऊपर पोस्ट पर जा रहा हूं इसके बाद फोन बंद हो जाएगा। इसके बाद उसका अभी तक फोन नहीं आ रहा। मुझे चिंता होती है, तो जो आर्मी वालों की फैमिली है उनको फोन करके पूछती हूं। आपको फोन आया क्या? सब बोलते हैं हमें तो फोन आया लेकिन जहां आपका बेटा है वहां फोन नहीं है। मैंने तो अब सबकुछ ऊपर वाले पर छोड़ रखा है।’
ऑनररी कैप्टन सोनम वांगचुक परतापुर, ग्लेशियर, देमचोक, चुमूर में 30 साल ड्यूटी कर चुके हैं। इन इलाकों में चीन और भारतीय सेना आमने-सामने है। वेबताते हैं, "पहले भी वहां चीनी पेट्रोलिंग करने आते थे। वो पहले आते तो हम चुपचाप बैठ जाते थे। फिर हम जाकर उनकी तरह ही पैट्रोलिंग करते थे। कभी-कभी दोनों मिलते भी थे लेकिन कोई टेंशन नहीं होता था। कभी वो रुक जाते थे, कभी हम।"
सोनम कहते हैं, "दोनों सेना थोड़ी बहुत मिलती थी आमने-सामने, चुशूल में फ्लैग मीटिंग होती थी लेकिन मुक्केबाजी नहीं होती थी। अपने अफसर और चाइना के अफसर बात करते थे। फिर वो चले जाते थे। मुठभेड़ मैंने तो नहीं देखी।"
फिलहाल गलवान की तरफ जाने वाले रास्ते आम लोगों और मीडिया के लिए बंद है। गलवान जाना हमारे लिए संभव नहीं इसलिए हमनेउन लोगों से वहां की आबोहवा और बनावट की जानकारी लेने की कोशिश की जो वहां पोस्टेड रह चुके हैं।
गलवान के लिए पहले सड़क नहीं थी, 200 किमी चलना पड़ता था
कैप्टन ताशी ने 30 साल की सर्विस में 16 साल गलवान नाले के आसपास सरहद पर ड्यूटी की है। वे कहते हैं, ‘पहले सड़क नहीं थी पैदल 200 किमी चलना पड़ता था। खच्चर पर सामान लेकर जाते थे। परतापुर से वहां तक पहुंचने में 21 दिन लगते थे। सियाचीन ग्लेशियर में सबसे बुरी हालत थी। उस समय स्पेशल राशन और कपड़े नहीं मिलते थे। हम बर्फ में सोते थे, सुबह उठें तब-तक बर्फ में धंस जाते थे।’
ताशी कहते हैं, ‘हम जब रास्ते में जाते थे तो गलवान नाले के आसपास खच्चर के लिए घास का खुला मैदान मिल जाता था। तंबू लगाकर 2-3 दिन खच्चरों को वहीं रखते थे, आराम करते थे। अभी सुना है वहां चाइना बैठा है, कब से ये हमें नहीं पता।’
ताशी यह भी बताते हैं, ‘गलवान नाला दोनों ओर से खुला है, बीच में नाला है, नीचे श्योक नदी बहती है। अब वहां सड़क भी बन गई है। अब गाड़ी जाती है। सुबह लेह से निकलो तो 4 घंटे में गलवान पहुंच जाते हैं।’
ताशी बताते हैं कि लोग बोल रहे हैं गलवान में फिंगर 8 तक चीन आ गया है। ऐसे ही चुमूर में भी चीनी आ गए हैं। सच है कि झूठ है वो देखेंगे तो पता चलेगा। ताशी के मुताबिक, पहले और आज के वक्त में जमीन आसमान का अंतर हो गया है। ये 1962 नहीं है। इंडिया के पास सबकुछ है। न्यूक्लियर हथियार है, चीन के पास भी है। किसी चीज की कमी नहीं है। यदि चीन हरकत करेगा तो हम जमकर मुकाबला करेंगे।
लगातार 20 साल से आपदा से लड़ने, जूझने और उससे मिली सीख का ही नतीजा है कि ओडिशा में कोरोना से लड़ाई अलग अंदाज में चल रही है। मरीज कम हैं फिर भी कड़ाऔर लंबालॉकडाउन है। राज्य के दो गंजाम और खोरदा जिलों में 30 जून तक कम्प्लीट कर्फ्यू है। 12 तटीय जिलों में शनिवार औररविवार को लॉकडाउन रहता है। यह वह जिले हैं, जहां ओडिशा सरकार की नजर में कोरोना के ज्यादा केस हैं, जबकि देश के दूसरे राज्यों के जिलों में इससे कहीं ज्यादा मरीज हैं, फिर भी वहां काफी छूट है। ऐसा क्यों?
दरअसल, ओडिशा में आपदा प्रबंधन का मॉडल'जीरो कैजुएलिटी, एडवांस्ड प्लानिंग और कम्युनिटी कंट्रोल' पर टिका है। यहां कोरोना के खिलाफ भी लड़ाई की तैयारी साल भर की है। इन्हीं तैयारियों का परिणाम है कि राज्य में 21 जून तक सिर्फ 19मौतें हुईं, वह भी उनकी जो पहले से दूसरी गंभीर बीमारियों से पीड़ित थे।
सरकार एक-एक केस मॉनिटर कर रही है, उसे डाक्युमेंट कर रही है। यहां कोरोना के केस छिपाए नहीं, बताए जाते हैं। राज्य में कम्युनिटी स्प्रेड अब तक नहीं हुआ है। ओडिशा में अब तैयारी यह हो रही है कि लॉकडाउन खुलेगा, तब क्या होगा?
ओडिशा सरकार का अनुमान है कि 15 जुलाई तक वह राज्य में कोविड के कर्व को फ्लैट करने में कामयाब हो जाएगी। प्रवासियों का आना-जाना थम जाएगा। सीएम नवीन पटनायक ने भी एनाउंस किया है कि पंचायतों के अस्थाईमेडिकल सेंटर जून अंत तक बंद हो जाएंगे। इसके बावजूद हर ब्लॉक में क्लस्टर क्वारैंटाइन सेंटर बना रहेगा। पूरे राज्य में करीब 800-900 ऐसे सेंटर मार्च 2021 तक चलेंगे।
लेकिन, तैयारी यहीं खत्म नहीं हो रहीं। 30 जून के बाद मार्च 2021 तक के लिए अब हर पंचायत में 10-12 बेड का 'कोविड केयर सेंटर' बन रहा है। ओडिशा में 6 हजार 798 पंचायतें हैं। यानी साल भर के लिए 70 हजार बेड 1 जुलाई से तैयार हो जाएंगे। किसी को कोविड का सिम्पट्म्सहोगा तो वह यहीं रहेगा।
कोविड केयर सेंटर में यदि किसी की तबियत बिगड़ती है तो सरपंच की सूचना पर तत्काल एंबुलेंस आएगी और डेडिकेटेड कोविड अस्पताल लेकर चली जाएगी। ओडिशा के हर जिले में एक डेडिकेटेड कोविड हॉस्पिटल हैं। जहां ऑक्सीजन की सुविधा है।
इसके अलावा 6000 स्पेशलाइज्ड बेड वाले हॉस्पिटल हैं। सरकार ने 500 वेंटिलेटर का इंतजाम कर रखा है। स्वास्थ्य विभाग अतिरिक्त जरूरत का आकलन भी कर रहा है। तीन महीने के बाद क्या स्थिति होगी, उस पर काम शुरू हो गया है। प्रवासियों की वापसी की गति थमने के बावजूद 8 आईएएस अफसर दूसरे राज्य में रह रहे लोगों से लगातार कोऑर्डिनेट कर रहे हैं।
सरकार ने तैयारियों की मॉनिटरिंग के लिए 10 आईएएस अफसरों को फील्ड कोविड ऑब्जर्वर बनाया है। सबको दो से तीन जिले की जिम्मेदारी दी है, सभी स्थिति पर लगातार निगरानी रख रहे हैं, रिपोर्ट देते हैं। यह रिपोर्ट चीफ सेक्रेटरी हर दूसरे दिन रिव्यू करते हैं। मुख्यमंत्री के स्तर पर हर मंगलवार को रिव्यू होता है।
लोग बेपरवाह न हो जाएं, इसके लिए सरकार ने पूरे राज्य में दो दिन पहले ही नए सिरे से व्यापक स्तर पर इंटेंसिव एजुकेशन कैंपेन शुरू कियाहै। माइकिंग,एनिमेशन सीरीज बाजारोंमें दिखाई जा रही है। इस एनिमेटेड फिल्म में गांव का एक बदमाश लड़का लोगों से सवाल पूछता है, औरजवाब देता है।
वॉल पेंटिंग, मोबाइल में स्ट्रीमिंग की जा रही है। एसएमएस भेजे जा रहे हैं। यह सब इसलिए कि लोग बेपरवाह न हो जाएं। राज्य के सभी टेलीकॉम ऑपरेटर से सरकार का समझौता है कि यदि वह कोई भी डिजास्टर का मैसेज देती है तो ऑपरेटरों को इसे फ्री में ब्रॉडकास्ट करना है।
30 जून के बाद 45 दिनों तक लगातार डोर-टू-डोर स्क्रीनिंग शुरू होगी। इसमें आशा, आंगनबाड़ी वर्कर, एएनएम बीमार और बुजुर्ग लोगों की जानकारी एकत्रित करेंगे। घर के लोगों को मैसेज भेजेंगे कि माता- पिता का कैसे ख्याल रखें। कोई तकलीफ है तो क्या करें। जरूरत पड़ने कहां टेस्ट के लिए जाना है।
स्टेट रिलीफ कमिश्नर प्रदीप कुमार जेना कहते हैं कि सीएम का आदेश है कि जराभी गलतीबर्दाश्त नहीं की जाएगी। लिहाजा हमने मध्य फरवरी से ही कोरोना पर काम शुरू कर दिया था। तब तक हमें पता लग गया था कि महामारी रोकने का इकलौता उपाय क्वारैंटाइन है।
कमिश्नर प्रदीप के मुताबिक, इसके बाद सेक्वारैंटाइन सेंटर की पहचान शुरू कर दी गई। स्कूलों में अतिरिक्त बाथरूम का निर्माण शुरू हो गया। सोशल डिस्टेंसिंग को देखते हुए 1-1 मीटर की दूरी पर नल लगाए गए। नहाने और पीने के पानी का अलग इंतजाम किया गया। हमें अनुमान था कि लॉकडाउन होगा।
रिवर्स माईग्रेशन होगा। हाई माइग्रेंट लोड जहां ज्यादा दिखा, वहां ज्यादा सेंटर बनाए। ओडिशा में यह सब तब हो रहा था, जब प्रदेश में एक भी मरीज नहीं था। देश में कोरोना के सिर्फ 80 मरीज थे। ओडिशा सरकार ने 13 मार्च को ही कोरोना को 'स्टेट डिजास्टर' घोषित कर दिया। 15 मार्च से 5 जिलों में सात दिन का लॉकडाउन किया। फिर, 14 जिलों में लॉकडाउन किया। गांव में लोगों को 4 महीनेका चावल दिया।
सूचना एवं जनसंपर्क सचिव संजय सिंह कहते हैं कि ओडिशा में कोविड मैनजमेंट कम्युनिटी बेस्ड है। सरकार ने पंचायत को ताकत दी। सरपंचों को डीएम का अधिकार दिया। वह फाइन कर सकते हैं। क्वारैंटाइन में नहीं रहने पर केस कर सकते हैं।
सीएम ने सभी सरपंचों से बात की। हमारे यहां 7 लाख सेल्फ हेल्प ग्रुप हैं। इन्हीं में जरूरत के हिसाब से लोगों को भोजन बनाने का काम दिया। उन्हें प्रति थाली खाने पर 2 रुपए सीएम रिलीफ फंड से दिया गया।ओडिशा गरीब राज्य है, लेकिन कोविड मैनेजमेंट में गुजरात, महाराष्ट्र, दिल्ली से विकसित राज्यों को पीछे छोड़ चुका है।
दरअसल, ओडिशा में आपदा प्रबंधन एक संस्कृति है। कोरोनाकाल में भी यहां 19 जून को राज्य के 30 जिलों के 1,500 स्थानों पर आपदा प्रबंधन का मॉक ड्रिल हुआ।ओडिशा में एक आपदा की आड़ में दूसरी तैयारी टाली नहीं जाती।
यहां परफेक्ट डाक्यूमेंटेशन होता है।बकौल जेना- एक्सपीरियंस काउंट्स, 20 साल की यह लर्निंग है। 1999 में सीएम नवीन पटनायक कोयला और स्टील मिनिस्टर थे। तूफान में हमारे 10 हजार लोग मारे गए थे। वह जब चीफ मिनिस्टर बने तो कहा...तूफान आएगा, जाएगा, लेकिन क्या यह जरूरी है कि इतने लोग मारे जाएं। आज स्थिति क्या है? बुलबुल, फनी, अम्फान...हमने एक साल में तीन तूफान झेले। जीरो कैजुअलिटी हुई। लोग बोलते हैं, हमारे सीएम बात नहीं करते।
संजय बताते हैं कि डिजास्टर टाइम अधिकारियों की जिंदगी तबाह कर देते हैं। मॉनिटर करते हैं। घोड़ा जॉकी का वेट नहीं देखता, उसका स्किल देखता है। इसीलिए आज कोविड में भी हमारे यहां मृत्यु दर 0.31% है। सिर्फ 26% एक्टिव मरीज हैं, उनमें भी अधिकांश हमारे वह श्रमिक बंधु हैं, जो लौटे हैं।
आपदा प्रबंधन का ओडिशा मॉडल
ओडिशा में सबसे पहले डिजास्टर रिस्पांस फोर्स बनी। 2006 में नेशनल डिजास्टर रिस्पांस फोर्स का गठन किया।
राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकार सबसे पहले ओडिशा में बना, फिर दूसरे राज्यों ने इस मॉडल को अपनाया।
स्पेशलाइज्ड लोगों को स्पेशलाइज्ड काम दिया गया।
एम्पावरमेंट टूल : ओडिशा ने 13 मार्च को कोरोना को स्टेट डिजास्टर घोषित कर दिया। 14 मार्च को केंद्र सरकार ने यही काम किया।
ट्रेनिंग टूल : आईएएस अधिकारी अनु गर्ग को मार्च मध्य से अप्रैल मध्य तक 1 लाख मेडिकल और पैरा-मेडिकल स्टाफ को ट्रेनिंग की जिम्मेदारी दी गई।
कम्युनिकेशन टूल : ओडिशा स्किल डेवलपमेंट अथॉरिटी के चेयरमैन सुब्रतो बागची को कम्युनिकेशन जिम्मा दिया गया।
रजिस्ट्रेशन अरेंजमेंट : लॉकडाउन 1.0 के बाद ही प्रवासी श्रमिकों का देश में सबसे पहले रजिस्ट्रेशन शुरू किया। अनुमान लगा लिया कि 8-8.5 लाख लोग आएंगे। ये लोग आएंगे तो कहां रहेंगे?
एडवांस प्लानिंग
फरवरी-मार्च में लॉकडाउन से पहले विदेशों से आए लोगों को ढूंढा गया। सेल्फ रजिस्ट्रेशन के लिए 15000 का इंसेटिव तक दिया गया। तकरीबन 4000 लोगों ने रजिस्ट्रेशन कराया। सभी को होम क्वारैंटाइन किया गया। ग्राम पंचायत और अर्बन लोकल बॉडी उन्हें मॉनिटर करने लगे। 104 नंबर से कॉल किया गया, दिन में दो बार, चार बार...यदि जवाब नहीं मिला, तो फिर उन्हें लोकल पुलिस इंस्टिट्यूशनल क्वारैंटाइन सेंटर में भेजा गया।
पहला केस जाजपुर जिले में
जाजपुर जिले में दो-तीन केस मिले। पता चला कि सभी कोलकाता से आए हैं। फिर पूरे राज्य में कोलकाता से आए लोगों की खोज शुरू हुई। उन्हें क्वारैंटाइन किया गया। यह कारगर साबित हुआ, तो सभी ग्राम पंचायत में 30-50 बेड का क्वारैंटाइन सेंटर बनाने का फैसला हुआ। ओडिशा में 6798 ग्राम पंचायत हैं। इनमें 16828 से अधिक क्वारैंटाइन सेंटर बनाए गए। 7 लाख 68 हजार बेड उपलब्धहैं। यह सब प्रवासियों के आने के पहले हुआ।