भारत में 30 जनवरी को कोरोना का पहला केस आया, उसी दिन डब्लूएचओ कोरोना को पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी घोषित कर चुका था। ये छठा मौका है जब डब्यूएचओ ने इंटरनेशनल लेवल पर पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी घोषित की है। दुनियाभर में अब तक कोरोना के दो करोड़ से ज्यादा मामले आ चुके हैं। 7.5 लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।
कोरोना पहला ऐसा वायरस है ,जो दुनिया के 215 देशों और द्वीपों तक फैला है। इससे पहले किसी भी वायरस का प्रकोप इतने देशों तक नहीं फैला। कोरोना की चपेट में आए 3.5% लोग जान गंवा चुके हैं। पिछले साठ साल में वायरस संक्रमण की जितनी बड़ी बीमारियां आईं, उनमें कोरोना सबसे ज्यादा देशों तक फैला है।
मारबर्ग ने 80% तो निपाह ने 78% मरीजों की जान ली, कोरोना के 3.5% मरीजों ने जान गंवाई
कोरोना को लेकर राहत की बात ये है कि इसका डेथ रेट बाकी संक्रमणों के मुकाबले काफी कम है। इसकी चपेट में आए 3.5% लोगों की जान गई है। डेथ रेट के मामले में सबसे खतरनाक वायरस मारबर्ग था। इसके चपेट में आए 80% लोगों की जान गई थी। निपाह वायरस के 78% तो हेंड्रा वायरस के 57% फीसदी मरीजों की जान गई।
कोरोना का एक संक्रमित से 3.5 लोगों में संक्रमण फैल रहा, किसी भी दूसरे वायरस से ज्यादा
वायरस एक दूसरे व्यक्ति तक फैलते हैं। कोरोना के संक्रमण बाकी किसी भी वायरस से ज्यादा लोगों तक फैला। इसके एक मरीज ने औसतन डेढ़ से साढ़े तीन लोगों तक संक्रमण को फैलाया। कोरोना के बाद सार्स दूसरा सबसे ज्यादा फैलने वाला वायरस है। इसके एक संक्रमित ने तीन लोगों को संक्रमित किया।
13 देशों तक फैला मारबर्ग, 475 लोगों की जान ली
आज से 53 साल पहले 1967 में यह वायरस सर्बिया और युगोस्लाविया में सबसे पहले सामने आया। 1967 से लेकर 2014 तक इस वायरस के मामले सामने आते रहे। 13 देशों में इस वायरस का असर देखा गया, जिसमें से अधिकतर अफ्रीकी देश हैं। अब तक इस वायरस के सिर्फ 587 मामले सामने आए हैं। सबसे ज्यादा मामले अंगोला और डीआर कांगो में सामने आए हैं। दोनों देशों को मिलाकर 528 मामले होते हैं, जो कुल मामलों का लगभग 90% है। लेकिन चौंकाने वाली बात यह ही कि सिर्फ 587 मामलों में 475 लोगों की मौत हो गई। यह दुनिया का सबसे जानलेवा वायरस है। इसकी मृत्यु दर 80% है।
कोरोना के एक संक्रमित से 3.5 लोगों में संक्रमण फैल रहा, किसी भी दूसरे वायरस से ज्यादा
कोरोना अब तक 215 देशों तक फैल चुका है। 203 देश ऐसे हैं, जहां अभी भी कम से कम एक कोरोना मरीज है। ये ऐसा पहला वायरस है, जो बिना ब्रेक के छह महीने से लगातार फैल रहा है। अब तक दो करोड़ 17 लाख से ज्यादा लोग इसकी चपेट में आ चुके हैं। इनमें से 7.7 लाख से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है।
17 देशों में आ चुके हैं बर्ड फ्लू के मामले, अब तक 455 लोगों की जान ली
हर साल आप कम से कम एक बार इस वायरस का नाम सुनते होंगे। 2003 सबसे पहले यह वायरस पक्षियों से इंसानों में देखा गया था। सन 2003 से 2019 तक इस वायरस का असर 17 देशों में फैल चुका था। 2019 तक कुल 861 मामले सामने चुके थे। 861 मामलों में से 455 लोगों की मौत हुई। इसकी मृत्यु दर करीब 53% है।
इबोला सबसे पहले 1976 में सामने आया था। 44 सालों के बाद भी इस वायरस को पूरी तरह खत्म नहीं किया जा सका है। 44 सालों में यह वायरस 16 देशों में फैल चुका है। सीरिया, लाइबेरिया और गिनी में इसके सबसे ज्यादा मामले सामने आए। 31 हजार मामलों में 28 हजार से ज्यादा मामले इन तीन देशों में आए, जो कुल मामलों का 92% है। इसे डब्ल्यूएचओ ने पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी घोषित किया। इस संक्रमण से अभी तक करीब 13 हजार लोगों की जान जा चुकी है। 2013 से 2016 के बीच ही सीरिया, लाइबेरिया और गिनी के 11,300 लोगों की जान ली इस संक्रमण से गई। इसकी मृत्यु दर 40% से ऊपर है।
मर्स वायरस सबसे पहले 2012 में सामने आया। पिछले 8 साल से अभी तक इसके मामले सामने आ रहे हैं। आठ साल में यह वायरस 27 देशों में फैल चुका है। अभी तक इस वायरस के 2494 मामले सामने आ चुके हैं। इसके चलते अब तक 858 लोगों की जान जा चुकी है। इस वायरस की मृत्यु दर 34% से ऊपर है।
सार्स वायरस के सबसे ज्यादा मामले चीन और हॉन्गकॉन्ग में सामने आए। ये वायरस 30 देशों तक फैल चुका है। अब तक 8,437 लोग इसकी चपेट में आ चुके हैं। इनमें से सात हजार से ज्यादा मामले सिर्फ चीन और हॉन्गकॉन्ग में सामने आए। यानी, कुल मामलों का 84% से ज्यादा। इस वायरस से अब तक 813 मौतें हुईं। यानी, मृत्यु दर लगभग 10% है।
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