रविवार, 27 सितंबर 2020

क्या संसद में खेती से जुड़े बिल पास होने के बाद अडानी ने रातों-रात अनाज स्टोर करने की तैयारी कर ली? जानिए इस दावे का पूरा सच

खेती से जुड़े दो बिल लोकसभा और राज्यसभा में पारित हो चुके हैं। देश के कुछ हिस्सों में इन बिलों का विरोध भी हो रहा है। इसी बीच सोशल मीडिया पर दावा किया जा रहा है कि बिल पास होते ही अडानी ग्रुप ने एक विशाल वेयर हाउस बनाने की तैयारी शुरू कर दी है। जिससे फसल खरीदी से जुड़े नियमों में बदलाव का सबसे ज्यादा फायदा अडानी को मिल सके। दावे के साथ एक फोटो भी वायरल हो रही है।

और सच क्या है ?

  • दावा किया जा रहा है कि अडानी ग्रुप ने अनाज को स्टोर करने की तैयारी संसद में खेती से जुड़ा बिल पास होने के चलते की है। जबकि अडानी एग्री की ऑफिशियल वेबसाइट के अनुसार, यह ग्रुप अनाज स्टोर करने के लिए 2007 से ही इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करने का काम कर रहा है।
  • अब सवाल ये है कि अडानी ग्रुप, फूड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया के लिए अनाज भंडारण के लिए स्टोरेज क्यों विकसित कर रहा है? इसका जवाब भी वेबसाइट पर ही मिलता है। अडानी एग्री लॉजिस्टिक्स लिमिटेड ( AALL) और फूड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया के बीच 700 करोड़ रुपए की लागत वाले एक प्रोजेक्ट के लिए एग्रीमेंट हुआ है।
  • इस प्रोजेक्ट का मकसद है, बड़े पैमाने पर अनाज का सुरक्षित भंडारण करना। जिससे अनाज को खराब होने से बचाया जा सके। आसान भाषा में कहें तो अनाज किसानों से खरीदकर अडानी के इस ‘सिलो स्टोरेज’ में रख लिया जाता है। फिर मांग के मुताबिक, इसे देश के अलग-अलग हिस्सों में पहुंचाया जाता है।
  • न्यूज एजेंसी PTI की 4 साल पुरानी खबर से भी ये पुष्टि होती है कि फूड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया और अडानी एग्री के बीच गेहूं के भंडारण के लिए ‘सिलो’ स्थापित करने को लेकर एग्रीमेंट हुआ है। एग्रीमेंट के मुताबिक, अडानी एग्री ग्रुप पंजाब और बिहार में 1-1 स्टोरेज प्लांट बना रहा है।
  • एग्रीमेंट में तय हुआ है कि फूड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया अडानी ग्रुप को प्रति टन अनाज का भंडारण करने के लिए 98 रुपए के हिसाब से भुगतान करेगी। इस स्टोरेज प्लांट का संचालन भले ही अडानी ग्रुप कर रहा है। लेकिन, मालिकाना हक फूड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया के पास ही रहेगा।
  • इन सबसे स्पष्ट होता है कि अनाज के भंडारण के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण अडानी ग्रुप 13 सालों से कर रहा है। वहीं भारत सरकार के साथ अनाज को भंडार करने के लिए इस ग्रुप का 3 साल पहले एक एग्रीमेंट साइन हो चुका है। स्पष्ट है कि अडानी ने ये प्लांट रातों रात नहीं बनाए हैं। सोशल मीडिया पर किया जा रहा दावा भ्रामक है।


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Fact Check: Did Adani prepare to store grains overnight after the agriculture bill was passed in Parliament? Know the full truth of this claim


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