चीन की एक महिला डॉक्टर ने दावा किया है कि कोरोनावायरस वुहान की सरकारी लैब से निकला था। डॉक्टर लि मेंग यान के मुताबिक, वे वुहान की उसी सरकारी लैब में निमोनिया पर रिसर्च कर रहीं थीं, जहां से कोरोनावायरस निकला। यान ने वही बात दोहराई है जो अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प कई महीनों से कहते आ रहे हैं। ट्रम्प ने मई में कहा था- हम सही वक्त पर दुनिया के सबूत रखेंगे कि कोरोना वुहान के लैब से ही निकला है और यह चीन की साजिश है।
मेरे पास वुहान के सबूत मौजूद
ब्रिटेन के एक टीवी टॉक शो में यान ने कहा- इस बात के साइंटिफिक एविडेंस यानी वैज्ञानिक प्रमाण हैं कि कोरोनावायरस वुहान के सरकारी लैब से ही निकला। मैं यह साबित भी कर सकती हूं। इसे जानबूझकर तैयार किया गया। वुहान ही इस वायरस का एपिसेंटर था। दुनिया को धोखा देने के लिए इस साजिश को छिपाने की भी कोशिश की गई।
कौन हैं डॉक्टर मेंग
डॉक्टर लि मेंग यान बीजिंग की रहने वाली है। पेशे से वॉयरोलॉजिस्ट और इम्युनोलॉजिस्ट हैं। वे हॉन्गकॉन्ग में भी रह चुकी हैं। वहां से अमेरिका आ गईं। यान ने कहा- जब कोरोनावायरस फैलने लगा तो मैंने इसकी जानकारी अपने अफसर को दी। खास बात ये है कि वो अफसर डब्ल्यूएचओ में कन्सलटेंट भी हैं, लेकिन मेरी बात को उन्होंने अनसुना कर दिया। हर किसी ने मुझे चुप रहने को कहा। मुझसे यहां तक कहा गया कि अगर इस बारे में मुंह खोला तो मुझे गायब कर दिया जाएगा।
अमेरिकी दावे पर मुहर
अमेरिका ने चीन पर आरोप लगाया था कि चीन वुहान लैब का सच छिपा रहा है। इसमें डब्ल्यूएचओ भी मदद कर रहा है। ट्रम्प ने तो डब्ल्यूएचओ की फंडिंग पर ही रोक लगा दी। यह अब भी जारी है। यान का दावा है कि शी जिनपिंग सरकार की इस हरकत को दुनिया के सामने लाने के लिए उन्होंने चीनी मूल के एक अमेरिकी यूट्यूबर से संपर्क किया था। यान के मुताबिक, वुहान का यह लैब चीनी सेना के अधिकार में आता है।
यान ने कहा कि वे जल्द ही चीन की इस साजिश के बारे में सबूत भी पेश करेंगी। वे इस बारे में एक रिपोर्ट तैयार कर रही हैं।
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