शनिवार, 17 अक्तूबर 2020

मदर टेरेसा को शांति का नोबेल; 1814 में लंदन बीयर फ्लड में आठ की मौत; 1956 में शतरंज का गेम ऑफ द सेंचुरी

आज का दिन बेहद खास है। एक तो मदर टेरेसा को शांति का नोबेल पुरस्कार आज ही के दिन 1979 में दिया गया था। दूसरा, 1956 में शतरंज का वह यादगार मुकाबला खेला गया, जिसे गेम ऑफ द सेंचुरी कहा जाता है।

पहले बात मदर टेरेसा की। 26 अगस्त 1910 को अल्बेनिया के स्काप्जे में जन्म हुआ। नाम था गोंझा बोयाजिजू। सिर्फ 12 साल की थी, तब अनुभव हो गया था कि सारा जीवन मानव सेवा में लगाएंगी। 18 साल की उम्र में सिस्टर्स ऑफ लोरेटो में शामिल होने का फैसला लिया। आयरलैंड जाकर अंग्रेजी सीखी। 1929 में कोलकाता में लोरेटो कान्वेंट पहुंचीं। दूसरे विश्वयुद्ध के बाद बंगाल में भीषण अकाल पड़ा। तब मदर टेरेसा ने गरीबों की सेवा शुरू की।

उन्होंने अक्टूबर 1950 में वेटिकन से मिशनरी ऑफ चैरिटी बनाई। 1951 में भारतीय नागरिकता ली। उनकी मौत के वक्त यानी 1997 तक 120 देशों में उनकी मिशनरी 594 आश्रमों में और 3480 सिस्टर के रूप में फैल चुकी थीं। मदर टेरेसा को मानवता की सेवा के लिए भारत सरकार ने पहले 1962 में पद्मश्री और बाद में 1980 में भारत रत्न से सम्मानित किया। मानव सेवा और गरीबों की देखभाल करने वाली मदर टेरेसा को पोप जॉन पॉल द्वितीय ने 19 अक्टूबर 2003 को रोम में धन्य घोषित किया। 15 मार्च 2016 को पोप फ्रांसिस ने कार्डेना परिषद में संत की उपाधि देने की घोषणा की।

13 साल के बॉबी फिशर ने रचा इतिहास

बॉबी फिशर।

बात 1956 की है। 17 अगस्त को 13 साल के रॉबर्ट जेम्स फिशर ने इतिहास रचा, जिसे बाद में बॉबी फिशर के नाम से लोगों ने जाना। उन्होंने शतरंज के खेल में क्वीन का बलिदान देकर जीत हासिल की और इस गेम को कहा गया गेम ऑफ द सेंचुरी। अब तक इस गेम को शतरंज की हजारों किताबों और कलेक्शन में चर्चा में शामिल किया गया है। न्यूयॉर्क में यह मैच खेला गया था, जिसमें यूएस जूनियर चैम्पियन बॉबी फिशर ने डोनाल्ड बायर्न को हराया था।

लंदन में बीयर की 15 फीट ऊंची लहर

1814 में हुए लंदन में इंडस्ट्रियल एक्सीडेंट को आज भी लंदन बीयर फ्लड के नाम से जाना जाता है।

1814 में लंदन के सेंट जाइल्स में आठ लोगों की मौत हो गई थी और वह भी बीयर की बाढ़ में। यह एक इंडस्ट्रियल एक्सीडेंट था, जिसमें 3.20 लाख गैलन से ज्यादा बीयर से भरे कंटेनर धमाके में फट गए थे। नीचे गरीबों की बस्ती थी, जिस पर यह बीयर गिरी थी। धमाका इतना तेज था कि बीयर फैक्टरी की दीवार तक टूट गई थी। फैक्टरी में तो कोई हताहत नहीं हुआ, लेकिन फैक्टरी के पास रहने वाले एक बच्चे को अंतिम बिदाई देने जुटे लोगों पर यह आपदा ही थी। तमाम जांच बिठाई गई, लेकिन फैक्टरी मालिक को लापरवाही के लिए जिम्मेदार न ठहराकर इसे एक्ट ऑफ गॉड कहा गया। बीयर की लहर 15 फीट तक ऊंची गई थी, जो एकाएक आई और लोगों को संभलने तक का मौका नहीं मिला था।

आज की तारीख को इन घटनाओं के लिए भी याद किया जाता है

  • 1870ः कलकत्ता बंदरगाह को एक संवैधानिक निकाय प्रबंधन के तहत लाया गया।
  • 1888ः वैज्ञानिक थॉमस अल्वा एडिसन ने ऑप्टिकल फोनोग्राफ के पेटेंट के लिए एप्लीकेशन दी।
  • 1912ः बुल्गारिया, यूनान और सर्बिया ने ओटोमन साम्राज्य के खिलाफ लड़ाई की घोषणा की।
  • 1917ः प्रथम विश्व युद्ध में ब्रिटेन ने पहली बार जर्मनी पर हवाई हमले किए।
  • 1933ः प्रसिद्ध वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन नाजी जर्मनी से अमेरिका चले गए।
  • 1941ः द्वितीय विश्व युद्ध में पहली बार जर्मनी की पनडुब्बी ने एक अमेरिकी पोत पर हमला किया।
  • 2003ः चीन ने अंतरिक्ष में एशिया के पहले और दुनिया के तीसरे देश के रूप में अंतरिक्ष में मानव भेजने में सफलता प्राप्त की।
  • 2004ः गुआंतानामो बे जेल में कैदियों को यातना देने का खुलासा।
  • 2009ः हिंद महासागर में स्थित मालदीव ने पानी के अंदर दुनिया की पहली कैबिनेट बैठक कर सभी देशों को ग्लोबल वार्मिंग के खतरे से आगाह करने की कोशिश की।


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