शनिवार, 31 अक्तूबर 2020

पोते ने 6 साल की बच्ची से रेप किया, फिर जमीन पर पटककर मार डाला; सबूत मिटाने के लिए दादा ने आग लगाई

(परमिंदर बरियाणा) यहां के टांडा स्थित एक गांव में 21 अक्टूबर को 6 साल की बच्ची का रेप कर उसकी हत्या करने के बाद शव को जला दिया गया था। मामले में महज 8 दिन में जांच पूरी कर एडिशनल सेशन जज नीलम अरोड़ा की कोर्ट में टांडा के डीएसपी दलजीत सिंह खख और डीएसपी माधवी शर्मा ने शुक्रवार शाम को चालान पेश कर दिया। जब यह मामला बिहार के चुनाव में उठा तो मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और डीजीपी दिनकर गुप्ता ने यह दावा किया था कि 4 दिन में ही चालान पेश कर दिया जाएगा। हालांकि, फोरेंसिक रिपोर्ट की देरी की वजह से चार्जशीट पेश करने में 8 दिन का समय लग गया।

सीसीटीवी फुटेज में आरोपी बच्ची को ले जाते हुए साफ दिख रहा है।

इस केस में पुलिस ने मुख्य आरोपी सुरप्रीत को बनाया है, जबकि उसके दादा सुरजीत सिंह पर सबूत मिटाने का आरोप है। सुरप्रीत ने 35 मिनट में ही पूरी घटना को अंजाम दिया। पुलिस की चार्जशीट के मुताबिक, 21 अक्टूबर को मूल रूप से बिहार के रहने वाले परिवार की 6 साल की बच्ची जब अपने घर में खेल रही थी, तब सुरप्रीत ने उसे बिस्किट दिलाने का झांसा देकर अपनी हवेली में ले गया। वहां बच्ची से रेप किया और बाद में उसे पटक-पटककर मार दिया। इसके बाद लाश को चारे के बर्तन में रखकर प्लास्टिक के बोरों और घासफूस से ढंक दिया।

बाद में जब आरोपी के दादा (सुरजीत) को घटना का पता चला तो उसने हवेली में आकर बच्ची के शव को आग लगा दी और शाम को उसके घर जाकर यह कह दिया कि बच्ची ने खुद आग लगा ली है, जिसकी वजह से उसकी मौत हो गई।

दादा पर सबूत मिटाने की धारा लगाई
आरोपी सुरप्रीत के दादा सुरजीत पर सबूत मिटाने का ही चार्ज लगाया गया है, बाकी आरोप सुरप्रीत पर ही है। शुक्रवार को CRPC की धारा-173 के तहत इस मामले में दायर FIR नंबर-265 दिनांक 21 अक्टूबर को जो चालान पेश किया, उसमे मर्डर की धारा-302, 12 साल से कम उम्र की बच्ची के साथ रेप की धारा-376-एबी, छोटे बच्चे को किडनैप करने की धारा-366 ए, सबूत मिटाने की धारा-201 और साजिश रचने की धारा-34, प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रन फ्राॅम द सेक्सुअल एक्ट (अमेंडमेंट) 2012, 2019 के सेक्शन-4 और 6 और एससी/एसटी एक्ट के सेक्शन 3 (2) (5) के तहत यह चार्जशीट पेश की गई है।

आरोपी दादा को 7 साल तक की सजा हो सकती है। वहीं, इससे पहले जो FIR दायर की गई थी, उसमे कुछ धाराएं अलग थीं, जिन्हें हटा दिया गया है।

सीसीटीवी अहम गवाह, 35 मिनट की पूरी वारदात
70 पन्नों की चार्जशीट में पुलिस ने CCTV को ही अहम एविडेंस बनाया है और केस में करीब 30 गवाह तैयार किए है। जब आरोपी सुरप्रीत बच्ची को उसके घर से लेकर अपनी हवेली ले जा रहा था, तो रास्ते में एक चौक पर लगे CCTV कैमरे की रेंज हवेली तक थी। CCTV में यह साफ दिख रहा था कि सुरप्रीत ही बच्ची को लेकर हवेली में दाखिल हुआ और बाद में जब वह वहां से निकला तो अपने कपड़ों को झाड़ रहा था। आरोपी 21 अक्टूबर की दोपहर 2.54 मिनट पर उस चौक में दिखता है और पूरे 35 मिनट के बाद वह अकेला ही हवेली से बाहर निकलता है। बाद में उसका दादा भी हवेली में जाते और बाहर आते दिख रहा है।

मामले को फांसी तक लेकर जाएंगे

जांच में अहम भूमिका निभाने वाले टांडा के डीएसपी दलजीत सिंह खख ने कहा कि आरोपी को फांसी दिलवाकर ही दम लेंगे, क्योंकि यह घटना उससे कम की है ही नहीं। उधर, एसएसपी नवजोत सिंह माहल ने कहा कि मुख्यमंत्री और डीजीपी के निर्देश थे कि इस मामले में रिकार्ड समय में चालान पेश किया जाए। हमारी टीम ने दिन-रात जांच करके 9 दिन में ही चार्जशीट फाइल कर दी।

11 नवंबर को पहली सुनवाई

पीड़ित पक्ष के वकील नवीन जैरथ ने बताया कि अदालत ने 11 नवंबर को पहली सुनवाई तय की है। दोनों आरोपी गुरदासपुर की जेल में बंद हैं। सुनवाई में वे वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए पेश होंगे।जैरथ इस केस के लिए कोई फीस नहीं लेने की घोषणा पहले ही कर चुके हैं।



आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
21 अक्टूबर को आरोपियों की हवेली पर जली अवस्था में मिली थी लाश।


from Dainik Bhaskar https://ift.tt/3eaK3me
https://ift.tt/3ekbBpy

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

If you have any doubt, please let me know.

Popular Post