दुनिया में कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा 4.44 करोड़ से ज्यादा हो गया है। 3 करोड़ 27 लाख 02 हजार 064 मरीज रिकवर हो चुके हैं। अब तक 11.78 लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। ये आंकड़े https://ift.tt/2VnYLis के मुताबिक हैं। अमेरिका में पिछले हफ्ते हर दिन औसतन 70 हजार नए केस मिले। एक अहम खबर यूरोप से। फ्रांस के बाद जर्मनी में सबसे ज्यादा मामले सामने आए हैं। यहां सरकार ने आंशिक लॉकडाउन लगा दिया है। लेकिन, मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि जल्द ही सख्त लॉकडाउन लगाया जा सकता है।
वॉशिंगटन पोस्ट की एक रिपोर्ट के मुताबिक, मंगलवार के पहले एक हफ्ते तक अमेरिका में हर दिन औसतन 70 हजार नए संक्रमित मिले। अस्पतालों में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या भी तेजी से बढ़ रही है। इसके साथ ही मरने वालों का आंकड़ा भी पिछले हफ्ते 5600 बढ़ गया।
ट्रम्प का झूठ
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने पिछले हफ्ते कहा था कि देश में संक्रमण बढ़ने को लेकर भ्रम फैलाया जा रहा है। इसकी वजह यह है कि टेस्टिंग ज्यादा हो रही है या हो सकता है इसके पीछे कोई साजिश हो। लेकिन, व्हाइट हाउस के टेस्टिंग इंचार्ज ब्रेट गिरियोर ने राष्ट्रपति की बात को खारिज कर दिया। गिरियोर ने कहा- यह सच है कि केस बढ़ रहे हैं। इसका सबूत यह है कि अस्पतालों में भर्ती होने वालों के संख्या भी बढ़ रही है।
मास्क पहनने से अब भी बच रहे लोग
रिपोर्ट के मुताबिक, महामारी फैलती जा रही है, लेकिन अब भी देश के ज्यादातर हिस्सों में लोग मास्क पहनने में दिलचस्पी नहीं दिखा रहे। व्हाइट हाउस में कोरोनावायरस टास्क फोर्स के कोऑर्डिनेटर डेब्रॉह ब्रिक्स ने कहा- आप ग्रॉसरी स्टोर्स, रेस्टोरेंट्स और होटल्स में देखिए। यहां भी लोग आपको बिना मास्क के नजर आ जाएंगे।
जर्मनी में भी सख्त प्रतिबंधों की तैयारी
यूरोप के देश संक्रमण की दूसरी लहर से जूझ रहे हैं। फ्रांस ने एक महीने का सख्त लॉकडाउन लगाया। जर्मनी ने पार्शियल यानी आंशिक लॉकडाउन का ऐलान किया। लेकिन, कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि जल्द ही एंजेला मर्केल सरकार सख्त लॉकडाउन लगाने जा रही है। इसकी वजह देश में बढ़ता संक्रमण और लोगों का सावधानी न बरतना है। सरकार की कोशिश है कि संक्रमण एक घर से दूसरे घर तक न पहुंच सके। 10 लोगों से ज्यादा एक स्थान पर नहीं जुट सकेंगे। कुल 16 शहरों में सख्त प्रतिबंध रहेंगे। सरकार ने कहा है कि बहुत जरूरी न होने पर लोग यात्रा करने से बचें। इसकी वजह से दिक्कतें बढ़ सकती हैं।
साउथ अफ्रीकी प्रेसिडेंट आईसोलेशन में
दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा सेल्फ आईसोलेशन में चले गए हैं। शनिवार को रामफोसा एक डिनर में शामिल हुए थे। इस डिनर में शामिल एक शख्स को बाद में संक्रमित पाया गया। हालांकि, राष्ट्रपति के प्रेस सेक्रेटरी ने साफ कर दिया कि रामफोसा में फिलहाल किसी तरह के लक्षण नहीं देखे गए हैं। लेकिन, इसके बावजूद उन्हें ऐहतियातन आईसोलेट होने को कहा गया है।
चीन में 47 नए मामले
चीन में बुधवार को एक दिन में 47 नए मामले सामने आए। यह दो महीने में सबसे ज्यादा केस हैं। अब सरकार ने कहा है कि वो इसे संक्रमण की दूसरी लहर की तरह देख रही है और इसे रोकने के लिए सख्त उपाय किए जाएंगे। फिलहाल, सरकार की सबसे बड़ी फिक्र इस बात को लेकर है कि लोकल ट्रांसमिशन के मामले भी तेजी से बढ़ रहे हैं। नेशनल हेल्थ अथॉरिटी ने बुधवार रात जारी बयान में कहा- 23 मामले स्थानीय संक्रमण के हैं और यह परेशानी पैदा करने वाले हैं।
फ्रांस में दूसरा लॉकडाउन
फ्रांस में संक्रमण की दूसरी लहर को देखते हुए सरकार सतर्क हो गई है। बीबीसी के मुताबिक, राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने देश में दूसरी बार लॉकडाउन लगा दिया है। लॉकडाउन पूरे नवंबर के लिए रहेगा। नया प्रतिबंध शुक्रवार से शुरू होगा। लोगों को केवल जरूरी कामों या मेडिकल इमरजेंसी में ही घर से निकलने की इजाजत होगी। इस दौरान रेस्टोरेंट और बार बंद रहेंगे, लेकिन स्कूल और फैक्ट्रियां खुली रहेंगी। देश में अब तक करीब 12 लाख संक्रमित मिल चुके हैं और 35,541 लोगों की मौत हो चुकी है।
अमेरिका में एक हफ्ते में 5600 संक्रमितों की मौत
अमेरिका में चुनाव बिल्कुल सिर पर है, लेकिन यहां कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। एक हफ्ते में पांच लाख से ज्यादा नए संक्रमित मिले हैं। इसी दौरान 5600 संक्रमितों की मौत हो गई। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने यह जानाकारी दी है। कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य इलिनॉइस है। 31 हजार मामले इसी राज्य में सामने आए। पेन्सिलवेनिया और विस्कॉन्सिन में भी हालात तेजी से बिगड़ रहे हैं। विस्कॉन्सिन के हेल्थ इंचार्ज आंद्रे पॉम ने कहा- हम चाहते हैं कि चुनाव के लिए मतदान के दौरान कोरोना दिक्कत न बने। इसके लिए हर जरूरी व्यवस्था की जा रही है।
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