मंगलवार, 13 अक्टूबर 2020

कहानी कभी ढाबा चलाने वाली महिला की, पति पर पहला केस साइकिल चोरी का था, बेटे ने ओवरटेक करने वाले को गोली से उड़ाया था

बात पिछले लोकसभा चुनाव के वक्त की है। 2 अप्रैल 2019 को बिहार के गया में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एक रैली थी। मंच पर नीतीश कुमार और सुशील मोदी समेत कई नेता थे। मोदी के ठीक पीछे हरी साड़ी पहने एक महिला नेता बैठी थीं। ये वो थीं, जिसका बेटा हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा काट रहा था। पति पर 17 से ज्यादा आपराधिक मामले दर्ज थे। शराबबंदी वाले बिहार में इस महिला के घर से शराब पकड़ाई थी। इसके बाद उन्हें सरेंडर करना पड़ा और छह साल के लिए जदयू से बाहर कर दी गईं। इस महिला का नाम है मनोरमा देवी। जितनी दबंग ये हैं, उतनी ही दिलचस्प इनकी कहानी भी है।

तस्वीर 2 अप्रैल 2019 की है, जब मोदी बिहार के गया में चुनावी रैली करने गए थे। उनके ठीक पीछे मनोरमा देवी बैठी थीं।

पिता ट्रक ड्राइवर थे, मां ढाबा चलाती थीं
मनोरमा देवी का नाता बिहार ही नहीं बल्कि पंजाब से भी है। उनके पिता हजारा सिंह ट्रक ड्राइवर थे। पंजाब के रहने वाले हजारा सिंह का अक्सर गया से गुजरने वाली जीटी रोड से आना-जाना होता था। रास्ते में ही एक ढाबे पर रुककर वो खाना खाते थे। इसी ढाबे वाले की बेटी थी कबूतरी देवी। हजारा सिंह ने कबूतरी से शादी कर ली और गया में ही जमीन खरीदकर बस गए।1970 में उनकी बेटी मनोरमा का जन्म हुआ।

जिस तरह से मनोरमा देवी के माता-पिता की शादी हुई थी। कुछ ऐसे ही मनोरमा की भी शादी हुई। उस समय बिंदेश्वरी यादव, जिन्हें बिंदी यादव के नाम से लोग जानते हैं, उनका उस ढाबे पर आना-जाना लगा रहता था। बिंदी यादव को मनोरमा पसंद आ गईं और दोनों ने 1989 में शादी कर ली। कुछ लोगों का कहना है कि बिंदी ने मनोरमा से जबरदस्ती शादी की थी। हालांकि, कोई भी पुख्ता तौर पर इस बात को नहीं कहता। बिंदी की मनोरमा से ये दूसरी शादी थी।

साइकिल चोरी के आरोपी से लालू-नीतीश के करीबी तक का सफर
1980 के दशक में बिंदी यादव गया में मामूली अपराध करता था। लोग बताते हैं कि उस पर पहला इल्जाम साइकिल चोरी का लगा था। लेकिन, बाद में उसके सपने बड़े होते गए। 1990 में बिंदी ने बच्चू यादव नाम के बदमाश से हाथ मिलाया। ये दोनों गया में बंदूक की नोक पर जमीन हथियाने के लिए बदनाम हो गए। धीरे-धीरे इनकी जोड़ी बिंदिया-बचुआ नाम से फेमस हो गई।

बाद में गया में बिंदी और बच्चू यादव पर सख्ती शुरू हो गई। उस समय बिंदी यादव को अहसास हुआ कि बिना पॉलिटिकल सपोर्ट के गुजारा नहीं हो सकता। इसलिए उसने 1990 में लालू यादव की जनता दल को ज्वॉइन कर लिया। 2001 में राजद के सपोर्ट से बिंदी यादव गया डिस्ट्रिक्ट बोर्ड का चेयरमैन बन गया। जबकि, पत्नी मनोरमा मोहनपुर ब्लॉक की अध्यक्ष बन गईं। 2003 से 2009 तक मनोरमा राजद के टिकट पर एमएलसी रहीं।

2005 के विधानसभा चुनाव में बिंदी ने किस्मत आजमाने के लिए गया से निर्दलीय चुनाव लड़ा, लेकिन हार गया। 2010 में राजद के टिकट पर गुरुआ से लड़ा, लेकिन फिर हार गया।

बाद में बिंदी यादव लालू की राजद छोड़कर नीतीश की जदयू में आ गया। बताते हैं कि बिंदी यादव लालू-नीतीश के करीबियों में से एक था और इसका उसने फायदा भी उठाया। दोनों के सपोर्ट से उसने ठेके लेने शुरू कर दिए।

देखते ही देखते बिंदी यादव बाहुबली बन गया। उसने आखिरी बार 2010 में चुनाव लड़ा था। उस समय उसने बताया था कि उसके ऊपर 17 क्रिमिनल केस चल रहे हैं। इनमें हत्या की कोशिश और धोखाधड़ी जैसे मामले शामिल थे। इसी साल जुलाई में बिंदी यादव की कोरोना से मौत हो गई।

बेटे का रौब इतना कि ओवरटेक करने वाले को गोली मार दी
साल 2016 में बिहार में एक चर्चित रोडरेज का मामला आया था। 7 मई 2016 को 20 साल के आदित्य सचदेवा की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। हत्या जिसने की थी, उसका नाम था रॉकी। मनोरमा देवी इसी रॉकी की मां हैं। इस घटना के बाद रॉकी तो फरार हो गया, लेकिन 9 मई को पुलिस ने बिंदी यादव को गिरफ्तार कर लिया।

बिंदी यादव की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने कोर्ट के आदेश पर मनोरमा देवी के घर की तलाशी ली। तलाशी में मनोरमा देवी के घर से शराब पकड़ाई थी। जबकि, बिहार में पूरी तरह से शराब पर पाबंदी थी। इसी तलाशी में उनके घर से लिमिट से ज्यादा गोलियां भी मिली थीं। 17 मई 2016 को मनोरमा देवी ने कोर्ट में सरेंडर कर दिया। कोर्ट ने उन्हें जेल भेज दिया। बाद में उन्हें जमानत मिल गई।

वापस लौटके आते हैं रॉकी पर। रॉकी ने आदित्य की सिर्फ इसलिए हत्या कर दी थी, क्योंकि आदित्य ने उसकी गाड़ी को ओवरटेक किया था। इससे नाराज होकर रॉकी ने आदित्य को गोली मार दी। इस घटना के करीब 6 महीने बाद 29 अक्टूबर 2016 को रॉकी ने सरेंडर कर दिया। 6 सितंबर 2017 को गया की एक कोर्ट ने रॉकी और उसके तीन दोस्तों को उम्रकैद की सजा सुनाई।

2005 में 79 लाख रुपए थी संपत्ति, आज करीब 90 करोड़
2005 में बिंदी यादव ने पहली बार चुनाव लड़ा, उस समय उसने अपने एफिडेविट में बताया था कि उसके पास 79.50 लाख रुपए की संपत्ति है। 2010 में उसकी संपत्ति बढ़कर 8.66 करोड़ रुपए हो गई। 2015 में मनोरमा देवी जब विधान परिषद का चुनाव लड़ रही थीं, तब उन्होंने अपनी संपत्ति 12.24 करोड़ रुपए बताई थी। जबकि, इस बार उन्होंने 89.77 करोड़ रुपए संपत्ति बताई है।



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Bihar Election 2020; Manorama Devi Political Career Update | Bahubali Bindi Yadav Wife and Gaya JDU MLC Manorama Devi Property Details and Criminals Cases


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