कोरोना एक बार फिर डराने लगा है। कुछ दिन तक इसके नए मामलों में कमी आने के बाद अब फिर से नए मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। गुरुवार को 47 दिन बाद देश में रिकवरी से नए मामलों की संख्या बढ़ी। गुरुवार को देशभर में 46,185 मामले सामने आए। 45, 246 मरीज ठीक हुए। 583 मौतें हुईं। नतीजा एक्टिव केस में 343 की बढ़ोतरी हो गई। 3 अक्टूबर से ही देश में एक्टिव केसेस की संख्या कम हो रही थी।
ऐसे में सवाल उठता है कि क्या देश में कोरोनावायरस की दूसरी लहर आ गई है? इसका कोई भी जवाब देना अभी जल्दबाजी होगी। जून में WHO की चीफ साइंटिस्ट सौम्या स्वामीनाथन ने कहा था, कोरोना की दूसरी लहर आ सकती है, क्योंकि वायरस अब भी कम्युनिटी में मौजूद है।
महामारी में दूसरी लहर आ रही है, इसका पता इससे लगाया जाता है कि पहले केस तेजी से बढ़े, फिर कम होने लगे, लेकिन फिर तेजी से मामले बढ़ने लगे। हमारे देश में अब ग्राफ कुछ ऐसा ही दिख रहा है। 16 सितंबर को पीक आने के बाद नए मामलों में गिरावट आने लगी थी। 16 नवंबर को देश में एक दिन में सबसे कम 28,555 नए मामले सामने आए थे। लेकिन उसके बाद से मामले फिर बढ़ने लगे हैं।
क्यों सता रहा है कोरोना की दूसरी लहर का डर?
- कुछ एक्सपर्ट्स का कहना है कि देश में कोरोना की दूसरी लहर का खतरा बढ़ गया है, क्योंकि मामलों में कई दिनों की गिरावट के बाद नए मामले फिर तेजी से बढ़ने लगे हैं। नए मामले बढ़ने का मतलब एक्टिव केस बढ़ना और रिकवरी रेट घटना।
- देश में 16 सितंबर को पीक आया था। उस दिन अब तक के सबसे ज्यादा 97 हजार 860 नए मामले सामने आए थे। लेकिन, उसके बाद मामले कम होने लगे थे। पीक आने के बाद 16 नवंबर को सबसे कम 28 हजार 555 मामले आए थे। लेकिन, 19 नवंबर को 46 हजार 185 संक्रमित सामने आए।
- इसके अलावा कई राज्यों में भी अब हालात बिगड़ने लगे हैं। दिल्ली में तो कोरोना की तीसरी लहर आ गई है। दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन भी कह चुके हैं कि यहां तीसरी लहर चल रही है। मतलब जो हालात जून में थे, अब वही हालात फिर से हो गए हैं। दिल्ली के अलावा मध्य प्रदेश, राजस्थान, केरल, हरियाणा जैसे राज्यों में भी दूसरी लहर का खतरा बढ़ रहा है।
दूसरी लहर से बचने के लिए क्या कर रही हैं सरकारें?
केंद्र सरकार ने हेल्थ एक्सपर्ट की टीमें बनाई हैं, जो हरियाणा, राजस्थान, गुजरात और मणिपुर में जाकर वहां के हालातों की निगरानी करेंगी। केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को कोरोना को काबू करने के लिए जरूरी कदम उठाने को कहा है।
- मध्य प्रदेशः जिन जिलों में पॉजिटिविटी रेट 5% से ज्यादा है, वहां रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक नाइट कर्फ्यू रहेगा।
- राजस्थानः 21 नवंबर से सभी जिलों में धारा-144 लागू होगी। इसका सख्ती से पालन कराने के निर्देश जारी किए गए हैं।
- दिल्लीः मास्क न लगाने वाले लोगों पर फाइन 500 रुपए से बढ़ाकर 2000 रुपए किया। हॉटस्पॉट एरिया में पाबंदी लगाई गई है।
- गुजरातः सबसे बड़े शहर अहमदाबाद में 20 नवंबर की रात 9 बजे से 23 नवंबर की सुबह 6 बजे तक कर्फ्यू लगाया गया है।
- हरियाणाः स्कूल खुलने से 300 से ज्यादा बच्चे संक्रमित। अब 30 नवंबर तक बंद ही रहेंगे। रोज 30 हजार टेस्ट होंगे।
कोरोना की दूसरी लहर का खतरा बढ़ने के दो कारण
1. फेस्टिव सीजनः अक्टूबर में नवरात्रि और नवंबर में दिवाली की वजह से बाजारों में भीड़ बढ़ी। इससे संक्रमण फैल गया। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का कहना है कि दिवाली के दौरान बाजारों में लोगों की लापरवाही सामने आई। खरीदारी करते समय न तो लोगों ने मास्क लगाया और न ही डिस्टेंसिंग का पालन किया।
2. सर्दीः वैज्ञानिक पहले ही इस बात की चिंता जता चुके थे कि सर्दियों के मौसम में कोरोना के मामले तेजी से बढ़ सकते हैं। नीति आयोग की एक रिपोर्ट में भी यही जिक्र था कि सर्दियों में कोरोना खतरनाक हो सकता है। ऐसा हुआ भी। नवंबर से देश में सर्दियां शुरू हो गई हैं और इसी महीने से कोरोना के मामले फिर बढ़ने लगे हैं।
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