आज कहानी तीन भाइयों की है। उन्होंने तमाम तानों के बावजूद अपने मजबूत इरादों से सफलता की इबारत लिखी है। वाराणसी से 25 किमी दूर गाजीपुर हाइवे के पास नारायनपुर गांव के रहने वाले दो सगे भाई रोहित आनंद पाठक, मोहित आनंद पाठक और चचेरे भाई श्वेतांक पाठक ने डेढ़ लाख रुपए लगाकर मोती की खेती और मधुमक्खी पालन शुरू किया। आज इनकी कमाई तीन से चार गुना तक बढ़ गई है। वे किसानों को ट्रेनिंग देकर उन्हें रोजगार से भी जोड़ रहे हैं।
श्वेतांक पाठक ने BHU से एमए और बीएड किया है। उनका इंट्रेस्ट मोतियों पर काम करने को लेकर था। उन्होंने इसके बारे इंटरनेट से जानकारी ली और दोनों भाइयों से चर्चा करने के बाद ट्रेनिंग का मन बनाया। इसके बाद भुवनेश्वर जाकर CIFA से मोती की खेती की ट्रेनिंग ली। गांव आकर डेढ़ लाख रुपए की लागत से मोती की खेती की शुरू की।
छोटे भाई को दोनों भाई लगातार गाइड करते रहे
श्वेतांक के बड़े भाई रोहित बताते हैं कि मैंने BHU से ग्रेजुएशन करने के बाद MBA किया। 2010 से देश की एक बड़ी कंपनी में नौकरी करने लगा। आठ लाख रुपए से ज्यादा का पैकेज था। मन जॉब छोड़कर गांव लौटने का था। अपने दोनों भाइयों को 2018 से ही गांव पर कुछ करने को लेकर प्रेरित करता रहा। नवंबर 2018 में छोटे भाई श्वेतांक ने दो हजार सीपों से छोटा सा काम शुरू किया। मोहित और मैं फोन से लगातार उसके टच में रहे।
वर्क फ्रॉम होम के दौरान नौकरी छोड़ी
जुलाई 2020 में मन में आया कि घर बैठकर घंटों नौकरी करने से अच्छा है कि हम तीनों भाई पूरी तरह से मोती की खेती और मधुमक्खी पालन में लग जाए। बिना किसी को बताए मैंने रिजाइन दे दिया। घर पर जब लोगों को पता चला तो आपत्ति भी जताई गई।
इसी तरह मोहित ने BHU से ग्रेजुएशन कर एक कंपनी में अच्छे पैकेज पर नौकरी की। बड़े भाई रोहित से बातचीत करके मधुमक्खी पालन की योजना बनाई। अक्टूबर 2019 में नौकरी से रिजाइन देकर दिल्ली में ही गांधी दर्शन से मधुमक्खी पालन की ट्रेनिंग ली। कुछ दिन बाद गांव लौटकर श्वेतांक के साथ काम करने लगे। अब कई कंपनियां उनके यहां से शहद लेकर जाती हैं। वे कई वेरायटी का शहद सप्लाई करते हैं।
श्वेतांक पाठक कहते हैं कि अग्रिकाश हमारे परिवार की बनाई संस्था है। हमने 4000 सीपों से शुरुआत की थी। आज 12 हजार से ज्यादा सीपों का इंस्टॉलेशन हो चुका है। मोती की खेती के लिए इंटरनेट पर काफी समय तक सर्च करता रहा। बड़े भाई रोहित दोनों भाइयों को गाइड करने के साथ ही अन्य युवाओं को स्किल की ट्रेनिंग भी देते हैं। 50 से ज्यादा युवा और किसान इनसे जुड़े हैं। सीप की खेती, इंस्टॉलेशन, रख रखाव सभी के लिए पूरी टीम है।
PM मोदी ने किया ट्वीट, तो चर्चा में आए
श्वेतांक बताते है कि PM मोदी ने सितंबर महीने में हम लोगों की खबर को ट्वीट किया। आत्मनिर्भर भारत का एक उदाहरण हम तीनों भाई बन गए। जो लोग ताने देते थे, वही अब हमसे जुड़कर कारोबार कर रहे हैं। बकरी पालन और मशरूम का भी काम हम लोगों ने शुरू किया है।
आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
from Dainik Bhaskar https://ift.tt/3mNj5DQ
https://ift.tt/34C6360
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
If you have any doubt, please let me know.