शुक्रवार, 5 जून 2020

यहां हर व्यक्ति के कार्बन उत्सर्जन का हिसाब, इसे घटाने के लिए 4 साल में 10 लाख पेड़ लगाए, फॉरेस्ट कवर 50% किया, कचरे से खाद बना रहे हैं

केरल की मीनागड़ी पंचायत देश की पहली कार्बन न्यूट्रल पंचायत बनने जा रही है। यहां के लोग जितना कार्बन उत्सर्जन कर रहे हैं, उसकी भरपाई इको फ्रेंडली एक्टीविटीज से कर रहे हैं। जैसे चार साल में यहां 10 लाख पेड़ लगाए गए हैं। इससे पंचायत में फॉरेस्ट कवर 50% हो गया।

पंचायत की अध्यक्ष बीना विजयन बताती हैं कि शुरू में हमारे पास कोई याेजना नहीं थी। लेकिन, समय के साथ हमने मॉडल विकसित कर लिया है। विशेषज्ञों की टीम 4 साल से पंचायत को कॉर्बन उत्सर्जन मुक्त बनाने का काम कर रही है। अब तो 85% काम पूरा कर लिया है।

हालांकि, अभी भी हम 17 हजार टन अधिक उत्सर्जन कर रहे हैं, जिसकी हमें भरपाई करनी है। जुलाई तक हम इसे कवर कर लेेंगे। लॉकडाउन का भी हमारे प्रयासों पर सकारात्मक असर हुआ है। गांव के अब्बास बताते हैं कि अब पंचायत के हर घर में फलदार पेड़ और किचन गॉर्डन हैं।

बड़ी हरियाली का ही नतीजा है कि यहां ऐसे पक्षी भी दिखने लगे हैं, जो दिखना बंद हो गए थे। स्कूल शिक्षक रहे ओवी पवित्रन कहते हैं कि यह इसलिए हो पाया, क्योंकि सभी ने अपने हिस्से का काम किया। यहां स्कूल की 4 चार एकड़ जमीन पर भी बांस लगाए गए थे। अब यह बेंबू पार्क बन गया है।

चार साल पहले जब पंचायत में लोगों ने मौसम को लेकर चिंता जताई थी, तब राज्य सरकार के सहयोग से यह काम शुरू हुआ था। इसके लिए विशेषज्ञों की एक टीम बनाई गई थी, जिसमें स्वामीनाथन फाउंडेशन, कन्नूर यूनिवर्सिटी और नीदरलैंड्स की डेल्प्ट यूनिवर्सिटी के विशेषज्ञ हैं।

पंचायत के मॉडल के 6 कदमः

  • पेड़ों की गणना की गई, मिट्टी और पेड़ों में कार्बन स्तर को जांचा गया

पेड़ों की गणना की। मिट्टी-पेड़ों में कार्बन स्तर का मूल्यांकन किया। यह इसलिए किया ताकि मिट्टी और वातावरण में मौजूद कार्बन की मात्रा पता की जा सके। हवा में मौजूद कार्बन पर्यावरण के लिए खतरा है।

  • हर परिवार के फ्यूल खर्च और कचरा उत्पादन का डेटा जुटाया गया

मीनागड़ी से गुजरने वाले मैसूर-कोझिकोड हाईवे पर आने-जाने वाले वाहनों की गिनती की। गांव के वाहनों की भी गिनती की गई। इस तरह हर परिवार का औसतन फ्यूल खर्च और कचरा उत्पादन का डेटा जुटाया गया।

  • गणना की गई कि हर व्यक्ति औसत कितना कार्बन उत्सर्जन कर रहा है

इन डेटा से यह गणना की गई कि औसत एक शख्स कितना कार्बन उत्सर्जन कर रहा है। फिर कार्बन उत्सर्जन घटाने की योजना बनाई गई। सबसे आसान तरीका यह था- खूब सारे पेड़ लगाए जाएं।

  • लोग अपनी जमीन पर पेड़ लगाएं, 85 लाख रु. की प्रोत्साहन स्कीम लाए

पंचायत ने 34 एकड़ जमीन पर 7.5 लाख पौधे लगाए। लोगों को प्रोत्साहित करने के लिए 85 लाख रु की राशि जारी की। लोगों ने 3.5 लाख पेड़ अपनी जमीन पर लगाए।

  • घर के कचरे से खाद बनाई, इसका इस्तेमाल 3500 परिवार कर रहे हैं

कचरे को खत्म करने के लिए घर-घर से कचरा जुटाया गया। उसकी खाद बनाई गई। अब 3500 परिवार अपने किचन गार्डन में कचरे से बनी खाद इस्तेमाल कर रहे हैं।

  • नई पीढ़ी को प्रोत्साहित करने के लिए उन्हें निशुल्क साइकिल दी जा रही है

नई पीढ़ी को तैयार किया जा रहा है कि वे मोटर व्हीकल का इस्तेमाल कम करें। उन्हें पर्यावरण के बारे में पढ़ाया जा रहा है। 450 छात्रों को साइकिल निशुल्क दी गई है।



आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
स्कूल की 4 एकड़ जमीन पर 45 किस्म के बांस लगाए गए हैं। 


from Dainik Bhaskar /national/news/here-according-to-the-carbon-emissions-of-every-person-in-order-to-reduce-it-in-the-4-years-1-million-trees-were-planted-forest-cover-was-reduced-by-50-making-manure-from-waste-127376603.html
https://ift.tt/3eS8hkp

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

If you have any doubt, please let me know.

Popular Post