23 जून को भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा निकलने के बाद रथ खींचते हुए एक नौजवान का फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जो बॉडी बिल्डर्स जैसा है। ये नौजवान अनिल गोचिकर हैं। बॉडी बिल्डिंग में एक बार मिस्टर इंटरनेशनल इंडिया, 4 बार मिस्टर इंडिया और 7 बार मिस्टर ओडिशा का खिताब जीत चुके हैं।
वर्ल्ड चैंपियनशिप में भी देश के लिए ब्रॉन्ज मेडल भी जीत चुके हैं। ये मंदिर में भगवान जगन्नाथ के सेवकों में से एक हैं, इन्हें भगवान का बॉडीगार्ड भी कहा जाता है।कम ही लोग जानते हैं कि भगवान जगन्नाथ की अपनी एक विशेष अंगरक्षक सेना है। इन्हें प्रतिहारी भी कहते हैं।
अनिल इसी का हिस्सा हैं। उनके परिवार की कई पीढ़ियां भगवान जगन्नाथ की इसी सेवा में हैं। अपने पिता के स्थान पर इस काम में आए अनिल ने 2012 में पहली बार मिस्टर ओडिशा का खिताब जीता। 2014 में दुबई में बॉडी बिल्डिंग की वर्ल्ड चैंपियनशिप में ब्रॉन्ज मेडल हासिल किया। 2019 में भी उन्होंने बॉडी बिल्डिंग में गोल्ड मेडल जीता है।
अनिल की बॉडी बिल्डिंग कई मायनों में बहुत खास है। सबसे आश्चर्यजनक बात ये है कि ये बॉडी उन्होंने बिना नॉनवेज खाए बनाई है। ब्राह्मण परिवार में जन्मे अनिल का कहना है कि ये एक मिथ है कि नॉनवेज से ही कसा हुआ शरीर पाया जा सकता है, मैंने अपने जीवन में कभी एक अंडा भी नहीं खाया है। शुद्ध शाकाहारी भोजन से ही बॉडी बनाई है।
- 3000 प्रतिहारी हैं भगवान की सेना में
अनिल बताते हैं कि प्राचीन काल में जब यहां मंदिर की स्थापना की गई थी तो भगवान की संपत्ति और परंपराओं की रक्षा के लिए एक सेना बनाई गई थी। इसे ही प्रतिहारी सेना कहते हैं। ये मंदिर की सारी चीजों की और भगवान की रक्षा के लिए थी। इस सेना में वर्तमान में लगभग 3000 प्रतिहारी हैं। इनमें से लगभग 1200 लोगों को इस साल रथयात्रा में शामिल होने की अनुमति मिली थी।
कोरोना के चलते ज्यादा उम्र वाले लोगों को शामिल नहीं किया गया था। इन प्रतिहारियों को जीवनयापन के लिए तत्कालीन राजा ने जमीन-जायदाद और मकान आदि उपलब्ध कराए थे। वर्तमान में तो अब सब मंदिर समिति मैनेज करती है। इसलिए, इन प्रतिहारियों का मुख्यकाम अब मंदिर की परंपराओं की रक्षा करना है।
- दूध, पनीर और चीज़है शामिल डाइट में
पूरी तरह से वेजिटेरियन अनिल की डाइट में रोजाना 4 से 5 लीटर दूध, दो से ढाई किलो फल और आधा किलो चीज़ शामिल है। अनिल बताते हैं कि उनके घर का बड़ा फ्रीज हमेशा फल और सब्जियों से भरा रहता है। डाइट के लिए वे ज्यादातर फल और मिल्क प्रोडक्ट ही लेते हैं।
- होटल और जिमचलाते हैं
मंदिर में सेवायत के अलावा अनिल के परिवार का होटल बिजनेस भी है,जिसमें वे एक आधुनिक जिम भी चलाते हैं। होटल उनका पारिवारिक व्यवसाय है, पहले पिताजी चलाते थे, 2006 में उनके गुजर जाने के बाद से अनिल और उनके भाई ही इस व्यवसाय को संभालते हैं।
- भाई ने ही सिखाई है बॉडी बिल्डिंग
अनिल के बड़े भाई सुनील भी नेशनल लेवल के खिलाड़ी रह चुके हैं लेकिन पारिवारिक जिम्मेदारियों के चलते उन्होंने बॉडी बिल्डिंग छोड़ पारिवारिक व्यवसाय को संभालना था, सो उन्होंने बॉडी बिल्डिंग छोड़ दी। इसके बाद उन्होंने अनिल को इसके लिए मोटिवेट किया। अनिल ने 2009 में इसकी शुरुआत की। वो बताते हैं तब पुरी में कोई आधुनिक जिम भी नहीं था। एक दोस्त की जिम में ही वे कसरत करते थे।
आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
from Dainik Bhaskar https://ift.tt/3g3ZtZh
https://ift.tt/2CG0XdM
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
If you have any doubt, please let me know.