फोटो छत्तीसगढ़ के रायगढ़ रेलवे स्टेशन की है। बुधवार सुबह स्टेशन पर बैठे एक बच्चे ने सभी का ध्यान अपनी ओर खींच लिया। एक ओर जहांलोग कोरोना संक्रमण को अनदेखा कर जरूरी सावधानियां नहीं बरत रहे हैं वहीं इस बच्चे ने बचाव के सभी उपायों को अपनाया था। मासूम ने मास्क लगा रखा था और ग्लब्स पहनेथे। वह अपने पापा से एक मीटर की दूरी पर बैठा था।
230 बिस्तर का अस्थाई कोविड केयर हॉस्पिटल बनाया
फोटो रायपुर के एकइंडोर स्टेडियम की है। कोरोना से इलाज के लिए अस्पतालों में बेड कर पड़ रहे हैं इसलिए स्टेडियम को अस्थाई कोविड केयर हॉस्पिटल बनाया जा रहाहै। इस हॉस्पिटल में230 बिस्तर बनाए गए हैं। रायपुर स्मार्टसिटी इस काम को देख रही है।
छोटे बच्चों में संक्रमण का खतरा ज्यादा है
फोटो अमृतसर के अलग-अलग इलाकों की है।कोरोना से बचाव के लिएसख्ती के बाद लोगों ने खुद तो मास्क पहनने शुरू कर दिए लेकिन बच्चों के लिए मास्क की अहमियत वह अभी भी नहीं समझ पा रहे। यही वजह है कि घर से बाहर निकलते समय ज्यादातर लोग अपने बच्चों को मास्क नहीं पहनाते हैं। डब्ल्यूएचओके विशेषज्ञकह चुके हैं कि बड़ोंके मुकाबले 10 साल से छोटे बच्चों मेंसंक्रमण होने का खतरा ज्यादा है।
मानसूनी गतिविधियां तेज होने सेपानी का रंग बदला
फोटोमहाराष्ट्र के बुलढाना कीलोनार झील की है। बुधवार को इस झील का पानी अचानक से गुलाबी हो गया।वैज्ञानिकों का मानना है कि मानसूनी गतिविधियां तेज होने के चलते पानी का रंग बदला है।
इतनी टडि्डयां किढक गया पेड़
फोटो छतरपुर के बिजावरगांव के एक पेड़ का है। पेड़ पूरी तरह से टिडि्डयों से ढक चुका है।बुधवार को क्षेत्र में टडि्डयों के दल ने हमला बोले दिया।टिड्डी दलबंधवार गांव से उड़ान भरकर बुधवार सुबह बिजावर विकासखंड के मलगुवां, गंजसिजारी, नयागांव, हटवाहा आदि गांवाें में पहुंचा।पहले से सजग कृषि विभाग के स्टाफ और ग्रामीणों ने शाेरगुल कर इन्हें सीमा से बाहर खदेड़ दिया।
बीमार औरघायल गोवंश का आईसीयू वार्ड ठंडा-ठंडा, कूल-कूल
फोटोबाड़मेरशहर से महज 3-4 किमीकी दूरी पर लालाणियों की ढाणी सड़क मार्ग पर बनी निराश्रित बीमार गोवंश के लिए बनीगोशाला की है। यहां अभी600 से ज्यादा विकलांग और निराश्रित गोवंश की सेवा की जा रही है। इनको गर्मी न लगे इसलिए गोशाला में पांच कूलर लगाए गए हैं।
कहीं तेज तो कहीं रिमझिम बारिश
फोटो राजस्थान के राजसमंद की है। जिले के कई इलाकों मेंबुधवार कोतेज तो कई मेंरिमझिम बारिश हुई। इस दौरान शहर के एक बच्चे ने बारिश में भीगने का जमकर लुत्फ लिया। शहर में दोपहर तीन बजे तक 19 एमएम बारिश हुई। बारिशके बाद शहर का न्यूनतम तापमान 19 डिग्री व अधिकतम 35 डिग्री रहा।
बरसात में भी काम जारी
फोटो अमृतसर के रणजीत एवेन्यू की है। शहर में बुधवार को जमकर बारिश हुई। इस दौरान बारिश केबीच ही एक मकैनिक गाड़ी ठीक करता रहा। बारिश के चलते दिन के तापमान में गिरावट तथा रात के तापमान में बढ़ोत्तरी दर्ज की गई।इस दौरान 3.4 मिमी बारिश रिकार्ड की गई। मौसम विभाग के मुताबिक आने वाले दिनों में भी आसमान में बादल छाए रहेंगे।
राहगीरों से ऐसा व्यवहार अपराध है
फोटो राजस्थान के अलवर की है। बुधवार कोयहां के मालवीय नगर तिराहे पर कुछ महिलाएं प्रदर्शन कर रही थीं। प्रदर्शन करना उनका अधिकार है परराहगीरों से दुर्व्यवहार अपराध।प्रदर्शन केदौरान जब एक राहगीर ने जाम तोड़कर निकलने का प्रयास किया तो महिलाएं उसकी बाइक खींचकर गिराने लगीं।
न सोशल डिस्टेंस, न मास्क, 1 पॉजीटिव तो सब संक्रमित
फोटोअमृतसर के सिविल अस्पताल की है। बुधवार कोयहां के कोरोना टेस्टिंग प्वाइंट पर लोग बिना किसी सोशल डिस्टेंसिंग के खड़े नजर आए। यहां तैनात पुलिस भी मानकों को अनदेखी करती रही। भीड़ में कुछ लोग ऐसे भी थे जिन्होंने मास्क गले पर लटका रखा था। ऐसे में अगर भीड़ में एक भी कोरोना पॉजिटिव निकला तो सभी के संक्रमित होने काखतरा बढ़ जाएगा।
महंगे भाव पर करानी पड़ रही धान की रोपाई
फाेटोमोगा के नाहट खोटे गांवकी है। राज्य सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार बुधवार को जिले में धान की रोपाई का काम शुरू हो गया है। लॉकडाउन के चलते हजारों प्रवासी मजदूर पलायन कर चुके हैं, ऐसे में किसानों को मंहगे दामों पर रोपाई करानी पड़ रही है। किसानों के युवा बेटों ने धान की रोपाई के लिए अपने पिता का सहारा बनते हुए खुद धान की रोपाई करनी शुरू कर दी है।
तालाब सुखा देने वाली गर्मी
फोटो यमुनानगर जिले के खिजराबाद गांव की है। भीषण गर्मी के कारण यहां पारा40॰पार कर गया है। गर्मी के कारण गांव का तालाब सूखने की कगार पर है। बुधवार को गांव का तापमान 30 डिग्री रहा।
मानसून की आहट, ग्रामीणों की धड़कने तेज हुईं
फोटो फिरोजपुर के सतलुज दरिया की है। मानसून की आहट होते ही जिले में सतलुज दरिया के किनारे बसे गांवों के लोगों की दिल की धड़कनें तेज होने लगी हैं। गांवों के लोग जून माह की शुरुआत से ही अपनी फसलों को बाढ़ के खतरे से बचाने के प्रयासों में जुट गएहैं। बीते वर्षमानसून सीजन में पहाड़ी क्षेत्रों में घनी बारिश के चलते जब भाखड़ा डैम के गेट खोल दिया गया था। इससे 50 हजार एकड़ धान की फसल बर्बाद हो गई थी।
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