बुधवार, 3 जून 2020

इलाज में एंटीबायोटिक का ज्यादा इस्तेमाल जानलेवा, खतरनाक बैक्टीरिया दवाओं से लड़ने में सक्षम होते जा रहे

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) नेकोरोना से मुकाबले के लिए एंटीबायोटिक के ज्यादा इस्तेमाल पर चेतावनी दी है। डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस गेब्रेयेसस ने मीडिया से कहा कि एंटीबायोटिक दवाओं के ज्यादा इस्तेमाल से खतरनाक बैक्टीरिया की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ जाती है। यह जानलेवा साबित हो सकता है।

एंटीबायोटिक दवाओं केज्यादा सेवन से एक समय बाद खतरनाक बैक्टीरिया मजबूत हो जाते हैं। ग्रेब्रेयेसस ने कहा कि सिर्फ उन्हीं कोरोना मरीजों के इलाज में एंटीबायोटिक की जरूरत होती है, जिनमें बैक्टीरिया के संक्रमण का खतरा ज्यादा है। ऐसे मरीज कम होते हैं। कम गंभीर मरीजों को एंटीबायोटिक थेरेपी नहीं दी जाना चाहिए।

गरीब देशों में एंटीबायोटिक का ज्यादा इस्तेमाल हो रहा: डब्ल्यूएचओ

गेब्रेयेसस ने कहा कि एंटीमाइक्रोबियल प्रतिरोध का खतरा हमारे समय की सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक है। यह स्पष्ट है कि दुनिया गंभीर रूप से अहम एंटीमाइक्रोबियल दवाओं का इस्तेमाल करने की क्षमता खो रही है। जबकि कई गरीब देशों में इन दवाओं का अत्यधिक इस्तेमाल हो रहा है।

डब्ल्यूएचओ बोला- कोरोना कमजोर नहीं हुआ
डब्ल्यूएचओ के एक्जिक्यूटिव डायरेक्टर माइक रियान ने इटली के डॉक्टर के दावे को खारिज करते हुए कहा है कि कोरोना कमजोर नहीं हुआ है। इसलिए लापरवाही नहीं बरती जाना चाहिए। दरअसल, इटली के शीर्ष डॉक्टर अल्बर्टो जैंगरीलो ने कहा था कि उनके देश में क्लीनिकली तौर पर कोरोना का अस्तित्व खत्म हो चुका है। पिछले 10 दिनों में किए गए स्वाब टेस्ट में यह पाया गया है।

'कोरोना पहली की तरह ही फैल रहा'

डब्ल्यूएचओ की एपिडेमियोलॉजिस्ट मारिया वान ने भी कहा कि अभी तक ऐसा कोई सबूत नहीं मिला है, जिससे कहा जा सके कि कोरोना की स्थिति बदल गई है। कोरोना का प्रसार पहले की तरह हो रहा है।

डब्ल्यूएचओ को डेटा देने में चीन करता रहा आनाकानी
कोरोना रिसर्च का डेटा शेयर नहीं करने पर डब्ल्यूएचओ भी चीन से परेशान हो गया था। न्यूज एजेंसी एपी ने अपनी रिपोर्ट में यह दावा किया है। इसमें कहा गया है कि डब्ल्यूएचओ से भी चीन डेटा साझा करने में आनाकानी कर रहा था।

चीन ने कोरोना की जीनोम संरचना से जुड़े तथ्य छुपाए

चीन ने कोरोना से जुड़े जेनेटिक मैप, जीनोम की संरचना से जुड़े अहम तथ्य कई हफ्ते छुपाए रखे। यह भी शक है कि चीन ने रिसर्च की कई जानकारी डब्ल्यूएचओ से छुपा ली है। डेटा साझा करने को लेकर डब्ल्यूएचओ के अधिकारियों और चीनी स्वास्थ्य मंत्रालय के बीच ईमेल के जरिए कई बार बात हुई थी।

चीन की इस हरकत से वैक्सीन रिसर्च में देरी हुई

डब्ल्यूएचओ के एक मेल में लिखा है कि चीन की इन हरकतों से वैक्सीन रिसर्च की शुरुआत करने में देरी हो गई। डब्ल्यूएचओ को डेटा मिलने से पहले ही चीन की सरकारी मीडिया को यह मिल जाता था। डब्ल्यूएचओ के अधिकारियों ने चीन से इस बारे में सवाल भी किया था कि कैसे उन्हें अहम डेटा मिलने के 15 मिनट के भीतर ये चीनी मीडिया में आ जाता है।

वुहान में 1.1 करोड़ टेस्ट

चीन में दवाओं की सख्त जांच की जा रही है।उधर, वुहान में 1.1 करोड़ लोगों की टेस्टिंग का काम पूरा हो गया।



आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक ने कहा- एंटीबायोटिक दवाओं के ज्यादा सेवन से एक समय बाद खतरनाक बैक्टीरिया मजबूत हो जाते हैं। -फाइल


from Dainik Bhaskar https://ift.tt/2zVnHWf
https://ift.tt/3eO8FQL

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

If you have any doubt, please let me know.

Popular Post