क्या वायरल : सोशल मीडिया पर कुछ मैसेज वायरल हो रहे हैं, जिनमें दावा किया जा रहा है कि भारत बायोटेक अपनी कोविड-19 वैक्सीन 15 अगस्त को लॉन्च करने जा रही है। दावा है कि भारत बायोटेक को देश की शीर्ष रिसर्च संस्था ICMR से वैक्सीन लॉन्च करने की अनुमति भी मिल गई है। वायरल हो रहे मैसेज के साथ ही ICMR का एक पत्र भी वायरल हो रहा है।
भारत में कोविड-19 की पहली वैक्सीन ‘को-वैक्सीन’ को हैदराबाद की फार्मा कंपनी भारत बायोटेक ने तैयार किया है। इसे आईसीएमआर और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी, पुणे के साथ मिलकर बनाया गया है। जानवरों पर इसका ट्रायल कामयाब रहा है। वहीं ह्यूमन ट्रायल के लिए इस वैक्सीन को पिछले माह ही मंजूरी मिली है।
‘को-वैक्सीन’ के सुर्खियों में आने के बाद से ही लगातार इससे जुड़े भ्रामक दावे सोशल मीडिया पर किए जा रहे हैं।
मैसेज के साथ शेयर किया जा रहा ICMR का पत्र
दावे से जुड़े ट्वीट
Bharat bio tech vaccine Received permission from central government from 15 th August it will be available in market as corona vaccine . Great news today see official permission👆👆
— Nupur Chandra (@NupurChandra14) July 28, 2020
Bharat bio tech vaccine Received permission from central government ICMR from 15 th August it will be available in market. pic.twitter.com/ZlSMcSWLTM
— Jharkhand (@Jharkha16573909) July 24, 2020
Bharat bio tech vaccine Received permission from central government from 15 th August it will be available in market as corona vaccine . Great news today see official permission. @HiHyderabad @swachhhyd pic.twitter.com/tzshXwP7gk
— MOHD ISMAIL (@BIGGBEE9) July 21, 2020
फैक्ट चेक पड़ताल
- वायरल हो रहे पत्र को पढ़ने पर पता चलता है कि इसमें वैक्सीन लॉन्च करने की अनुमति जैसा कुछ लिखा ही नहीं है।
- 2 जुलाई, 2020 को यह पत्र इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने भारत बायोटेक को लिखा था। इसमें ICMR ने भारत बायोटेक से 15 अगस्त, 2020 से पहले वैक्सीन लॉन्च करने को कहा गया है। पत्र में यह भी लिखा है कि आदेश का पालन नहीं करने को बहुत गंभीर माना जाएगा। इसलिए आपको (भारत बायोटेक को) सलाह है कि आप इस प्रोजेक्ट को सबसे ज्यादा प्राथमिकता दें और तय समय में इसे पूरा करें।
- अब सवाल यह है कि वायरल हो रहा पत्र असली है या नहीं। दैनिक भास्कर की वेबसाइट पर एक माह पहले छपी एक खबर से स्पष्ट होता है कि ICMR ने सच में भारत बायोटेक को इस तरह का पत्र लिखा था।
- दैनिक भास्कर की वेबसाइट पर 25 दिन पहले प्रकाशित एक खबर से पता चलता है कि ट्रायल में तेजी लाने के लिए लिखा गया यह पत्र एक महीने पहले भी वायरल हुआ था। इसके बाद ICMR के महानिदेशक बलराम भार्गव ने सफाई देते हुए कहा था, भारतीय लोगों की सुरक्षा और उनका हित हमारे लिए सबसे बड़ी प्राथमिकता है। हमने पुराने पत्र में यह कहा था कि ट्रायल में बेवजह की अड़चनों से बचने की कोशिश की जाए। बिना आवश्यक प्रक्रिया को दरकिनार किए ट्रायल में तेजी लाई जाए।
- 15 अगस्त तक वैक्सीन लॉन्च करने की बात पर एक्सपर्ट्स ने भी चेतावनी दी थी। कहा था कि समय से पहले वैक्सीन रिलीज करना फायदे से ज्यादा नुकसान पहुंचा सकता है। 1955 में ओरिजिनल साल्क पोलियो की वैक्सीन को बनाने में जल्दबाजी दिखाई गई थी, लेकिन इससे कोई अच्छे परिणाम नहीं मिले। बड़े स्तर पर वैक्सीन के निर्माण में हुई गड़बड़ी के कारण 70 हजार बच्चे पोलियो की चपेट में आ गए थे। 10 बच्चों की मौत हो गई थी।
- जिस पत्र पर ICMR पहले ही सफाई दे चुका है। उसके आधार पर अब सोशल मीडिया पर 15 अगस्त को वैक्सीन लॉन्च होने का दावा किया जा रहा है।
निष्कर्ष: 15 अगस्त को वैक्सीन लॉन्च करने की अनुमति मिलने वाली बात झूठी है। ICMR के पुराने पत्र का गलत दावे के साथ शेयर किया जा रहा है।
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