चीन ने गुरुवार को कहा कि भारत से उसकी इकोनॉमी को अलग करने से दोनों देशों को नुकसान होगा। चीन के राजदूत सुन वीडॉन्ग ने कहा कि उनका देश भारत के लिए स्ट्रैटजिक खतरा नहीं है। चीन का ये बयान ऐसे समय आया है जब भारत ने पिछले दिनों चाइनीज ऐप बैन किए हैं और बॉर्डर पर दोनों देशों के बीच तनाव बना हुआ है।
चीन के राजदूत भारत-चीन संबंधों पर इंस्टीट्यूट ऑफ चाइनीज स्टडीज, दिल्ली की तरफ से हुई वेबिनार में बोल रहे थे। उन्होंने सहयोग का रवैया रखने की वकालत करते हुए कहा है कि किसी एक को नुकसान पहुंचाने की सोच नहीं रखनी चाहिए। साथ ही कहा कि हमारी अर्थव्यवस्थाएं एक-दूसरे पर टिकी हुई हैं। इन्हें जबरदस्ती अलग करना ट्रेंड के खिलाफ है, इससे सिर्फ नुकसान होगा।
सरकार ने रंगीन टीवी के आयात पर रोक लगाई
डोमेस्टिक मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने और चीन जैसे देशों से गैर-जरूरी वस्तुओं का इंपोर्ट कम करने के मकसद से यह फैसला लिया गया है। भारतीय टीवी सेट के बड़े एक्सपोर्टर में चीन शामिल है।
व्यापार में सहयोग से इंडस्ट्रीज का डेवलपमेंट तेज: चीन
दूसरी तरफ चीन के राजदूत ने कहा कि 2018-19 में भारत में 92% कंप्यूटर, 82% टीवी, 80% ऑप्टिकल फाइबर, 85% मोटरसाइकिल कंपोनेंट चीन से इंपोर्ट हुए। इससे व्यापार में ग्लोबलाइजेशन का पता चलता है। आप चाहें या नहीं चाहें, इस ट्रेंड को बदलना मुश्किल है। भारत-चीन के बीच ट्रेड को-ऑपरेशन से मोबाइल फोन, हाउसहोल्ड एप्लायंसेज, इन्फ्रास्ट्रक्टर, ऑटोमोबाइल मेकिंग और मेडिसिन जैसी इंडस्ट्रीज का डेवलपमेंट तेज हुआ है।
चीन के सैनिक सभी मोर्चों से पीछे नहीं हटे: भारत
भारत ने पूर्वी लद्दाख में चीन के सैनिकों के पीछे हटने के दावों को खारिज किया है। विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि लद्दाख में सैनिकों के पीछे हटने का प्रोसेस अभी पूरा नहीं हुआ है। इसके लिए कमांडर लेवल की बातचीत का अगला राउंड जल्द शुरू किया जाएगा। उम्मीद है कि चीन सीमा पर शांति के लिए जल्द से गंभीरता दिखाएगा।
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