नीट-जेईई परीक्षा को लेकर देश-विदेश की यूनिवर्सिटीज के 150 शिक्षकों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखी है। उन्होंने कहा है "इन परीक्षाओं में और देरी हुई तो यह स्टूडेंट्स के करियर से समझौता होगा। कुछ लोग अपने राजनीतिक एजेंडे के चक्कर में छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ कर रहे हैं।"
एडमिशन और क्लासेज पर आशंकाएं जल्द दूर करना जरूरी
चिट्ठी में लिखा गया है "युवा और छात्र देश का भविष्य हैं, लेकिन कोरोना महामारी की वजह से उनका करियर मुश्किल में आ गया है। एडमिशन और क्लासेज को लेकर बहुत सी आशंकाएं हैं, जिन्हें जल्द से जल्द दूर करना जरूरी है। हर साल की तरह इस बार भी लाखों छात्रों ने 12वीं पास की है, लेकिन अब घर बैठकर इंतजार कर रहे हैं कि आगे क्या करना है।"
युवाओं के सपनों से समझौता नहीं होना चाहिए
"सरकार जेईई-मेन्स और नीट परीक्षाओं की तारीखों का ऐलान कर चुकी है। अब इनमें देरी होने से स्टूडेंट्स के कीमती साल बर्बाद हो जाएंगे। युवाओं के सपने और भविष्य से किसी भी कीमत पर समझौता नहीं होना चाहिए। हमें पक्का यकीन है कि सरकार जेईई और नीट की परीक्षाएं सुरक्षा के साथ करवाने में सफल रहेगी और 2020-21 का एकेडमिक कैलेंडर भी जारी कर दिया जाएगा।"
मोदी को चिट्ठी लिखने वालों में इन 10 प्रमुख यूनिवर्सिटीज के शिक्षक भी शामिल
1. दिल्ली यूनिवर्सिटी
2. इग्नू
3. लखनऊ यूनिवर्सिटी
4. जेएनयू
5. बीएचयू
6. आईआईटी, दिल्ली
7. यूनिवर्सिटी ऑफ लंदन
8. यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफॉर्निया
9. हिब्रू यूनिवर्सिटी ऑफ जेरुसलेम
10. बेन गुरियन यूनिवर्सिटी, इजरायल
गैर-एनडीए शासित 7 राज्यों के मुख्यमंत्री एग्जाम टालना चाहते हैं
कोरोना के बीच जेईई-मेन्स और नीट की परीक्षा अब सरकार बनाम विपक्ष का मुद्दा बन चुका है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के नेतृत्व में बुधवार को 7 राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने परीक्षा टालने की मांग की है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि सभी राज्य मिलकर सुप्रीम कोर्ट चलें। इसके बाद फैसला लिया गया कि सुप्रीम कोर्ट में रिव्यू पिटीशन फाइल की जाएगी। वहीं, झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन ने कोर्ट जाने से पहले राष्ट्रपति से मिलने की बात कही।
जेईई-मेन परीक्षा 7-11 अप्रैल और नीट 3 मई को होनी थी, लेकिन कोरोना की वजह से 2 बार टाल दी गईं। अब सितंबर का शेड्यूल है। इन परीक्षाओं को और टालने की अर्जी सुप्रीम कोर्ट पहले ही खारिज कर चुका है। नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) ने भी मंगलवार को कहा था कि परीक्षाएं अब तय समय पर यानी जेईई 1 सितंबर से 6 सितंबर तक और नीट 13 सितंबर को करवाई जाएगी। दूसरी ओर इन परीक्षाओं का विरोध करने वाले राज्यों का दलील है कि कोरोना की स्थिति को देखते हुए अभी एग्जाम करवाना सही नहीं होगा।
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