बुधवार, 19 अगस्त 2020

इस साल के 6 महीनों में फेसबुक ने 3.21 करोड़ भड़काऊ पोस्ट हटाए, 2019 में सालभर में ऐसे 2.12 करोड़ पोस्ट ही डिलीट किए थे

दुनिया की सबसे बड़ी सोशल मीडिया कंपनी अभी तक तो डेटा लीक को लेकर विवादों में आती थी। लेकिन, अब इसका नाम राजनीतिक विवाद में भी आ गया। इसकी शुरुआत हुई एक अमेरिकी अखबार "वॉल स्ट्रीट जर्नल' में छपी रिपोर्ट से। इस रिपोर्ट में दावा किया गया कि फेसबुक ने चुनाव में भाजपा और आरएसएस की मदद की है। दावा ये भी है कि फेसबुक ने जानबूझकर भाजपा नेताओं की "हेट स्पीच' वाली पोस्ट को नजरअंदाज किया।

इस रिपोर्ट में वॉल स्ट्रीट जर्नल ने तेलंगाना के एक भाजपा विधायक टी. राजा की पोस्ट का हवाला भी दिया। लिखा कि भारत में फेसबुक की पॉलिसी डायरेक्टर अंखी दास ने टी. राजा की भड़काऊ पोस्ट को हटाने का विरोध किया था। विरोध भी इसलिए, ताकि भाजपा से रिश्ते खराब न हो।

इस पूरे विवाद के बाद फेसबुक की निष्पक्षता को लेकर सवाल तो खड़े हुए हैं। लेकिन, फेसबुक का कहना है कि पूरी दुनिया में उनकी पॉलिसी एक जैसी है और वो किसी भी राजनीतिक पार्टी की हैसियत नहीं देखती। इस पूरे मामले को लेकर विपक्ष भी हमलावर है। कांग्रेस ने तो मामले की जांच जेपीसी यानी ज्वॉइंट पार्लियामेंट कमेटी कराने की मांग की है।

फेसबुक के इस ताजा विवाद को लेकर क्या है फेसबुक की पॉलिसी? हेट स्पीच को लेकर फेसबुक कितनी 'सख्ती' दिखाता है। इस रिपोर्ट के जरिए यही समझने की कोशिश करेंगे।

क्या है फेसबुक की पॉलिसी?
सोशल मीडिया का गलत इस्तेमाल न हो, इसके लिए फेसबुक ने कुछ कम्युनिटी स्टैंडर्ड बनाए हैं। इनमें बताया गया है कि फेसबुक पर किस तरह का कंटेंट पोस्ट करने की परमिशन है और किस तरह में नहीं। इन्हीं कम्युनिटी स्टैंडर्ड में एक है 'हेट स्पीच' यानी भड़काऊ बयान या सीधे-सरल शब्दों में ऐसी कोई भी पोस्ट जिससे नफरत फैलती हो।

फेसबुक अपने प्लेटफॉर्म पर हेट स्पीच के कंटेंट पोस्ट करने की परमिशन नहीं देता। अगर आप फेसबुक पर किसी धर्म के खिलाफ, किसी व्यक्ति के खिलाफ, किसी जाति या जेंडर के खिलाफ लिखते हैं, तो फेसबुक उसे या तो खुद ही हटा देता है या फिर दूसरे यूजर्स के रिपोर्ट करने पर उसे हटाता है।

हेट स्पीच को लेकर फेसबुक की सख्ती
फेसबुक ने 11 अगस्त को कम्युनिटी स्टैंडर्ड एन्फोर्समेंट को लेकर रिपोर्ट जारी की थी। इस रिपोर्ट में फेसबुक ने अप्रैल से जून तिमाही तक का डेटा दिया था कि उसने हेट स्पीच और उसके कम्युनिटी स्टैंडर्ड के खिलाफ जाने वाले कितने पोस्ट के खिलाफ एक्शन लिया?

इस रिपोर्ट के मुताबिक, फेसबुक ने अप्रैल से जून के बीच तीन महीनों के दौरान नफरत फैलाने वाले 2.25 करोड़ पोस्ट के खिलाफ सख्ती दिखाई और उन्हें प्लेटफॉर्म से हटा दिया। हालांकि, ये डेटा ग्लोबल है। यानी, पूरी दुनिया का। भारत से कितने पोस्ट हटाए, इसका डेटा कंपनी जारी नहीं करती।

ताज्जुब की बात ये है कि अप्रैल से जून के बीच ही फेसबुक ने हेट स्पीच से जुड़े जितने पोस्ट हटाए, उतने पोस्ट तो 2019 में पूरे सालभर में नहीं हटाए थे। पिछले साल फेसबुक ने 2.12 करोड़ पोस्ट हटाए थे।

अब ज्यादातर कंटेंट दूसरे यूजर्स के रिपोर्ट करने से पहले ही हटा दे रहा है फेसबुक
फेसबुक की रिपोर्ट की मानें तो अब वो हेट स्पीच से जुड़े ज्यादातर कंटेंट पर किसी दूसरे यूजर्स की रिपोर्ट आने से पहले ही हटा देता है। दरअसल, होता ये है कि जब भी कोई यूजर कोई कंटेंट पोस्ट करता है, तो दूसरे यूजर्स चाहें तो उसकी पोस्ट को रिपोर्ट कर सकते हैं। कई यूजर्स की रिपोर्ट आने के बाद फेसबुक उस पोस्ट को हटा देता है। और कई बार ऐसा भी होता है किसी यूजर का कंटेंट उसके कम्युनिटी स्टैंडर्ड के खिलाफ होता है, तो फेसबुक उसे खुद ही हटा देता है।

पिछले साल अप्रैल से जून के बीच फेसबुक ने करीब 71% कंटेंट खुद से ही हटा दिए थे। लेकिन, इस साल अप्रैल से जून तक फेसबुक ने खुद से ही 95% कंटेंट हटा दिया।

कंटेंट हटाए, तो लेकिन बाद में कुछ रिस्टोर भी कर दिए
होता ये है कि फेसबुक जिन कंटेंट को हटाता है, उसके खिलाफ यूजर्स को अपील करने का अधिकार भी होता है। अगर आपकी कोई पोस्ट फेसबुक ने हटा दी है, तो आप चाहें तो उसके खिलाफ अपील भी कर सकते हैं। अगर उसे लगता है कि पोस्ट गलती से हट गई है, तो फेसबुक उसे दोबारा रिस्टोर भी कर देता है। और कई बार फेसबुक अपने आप से ही हटाई गई पोस्ट को दोबारा रिस्टोर कर देता है।

11 अगस्त को आई फेसबुक की रिपोर्ट के मुताबिक, अप्रैल से जून के बीच उसने जितनी पोस्ट हटाई, उनमें से 1.52 लाख पोस्ट फेसबुक ने दोबारा रिस्टोर कर दी। इनमें से भी 1.47 लाख पोस्ट फेसबुक ने खुद से ही रिस्टोर की, जबकि 4.4 हजार पोस्ट यूजर की अपील के बाद रिस्टोर की।



आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
Facebook Hate Speech Policy and Rules Update | What is Facebook's policy? 2.25 Crore Hate Speech Content Removed By Facebook In April June 2020


from Dainik Bhaskar https://ift.tt/3iLyjI6
https://ift.tt/315R5nw

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

If you have any doubt, please let me know.

Popular Post