शुक्रवार, 18 सितंबर 2020

नाथद्वारा में भक्त नहीं कर पाएंगे मनोरथ दर्शन, द्वारिका में 30% लोग ही आ रहे, जगन्नाथ पुरी में कोई बड़ा आयोजन नहीं

शुक्रवार से अधिक मास शुरू हो रहा है। ये भगवान कृष्ण की भक्ति का महीना है। लेकिन, इस साल कोरोना के चलते देश के चार सबसे बड़े कृष्ण मदिरों में अधिक मास की कोई धूम नहीं होगी। राजस्थान के नाथद्वारा के श्रीनाथजी मंदिर, गुजरात के द्वारिकाधीश, पुरी के जगन्नाथ मंदिर और आंध्र के तिरुपति बालाजी में वैसा माहौल नहीं होगा जो 2018 के अधिक मास में था।

हम आपको बता रहे हैं कि इन चार बड़े मंदिरों में कोरोना काल में कैसे मनेगा...

नाथद्वारा में श्रीनाथजी मंदिर को हवेली भी कहा जाता है। ये मंदिर सदियों पुराना है। पुष्टिमार्गीय वैष्णवों की ये सबसे बड़ी पीठ मानी जाती है।

नाथद्वारा- द्वार रहेंगे बंद, बाहरी लोगों को दर्शन की अनुमति नहीं

राजस्थान के नाथद्वारा स्थित श्रीनाथजी मंदिर पुष्टिमार्गीय वैष्णवों की आस्था का सबसे बड़ा केंद्र है। ये मंदिर पौराणिक और ऐतिहासिक महत्व का है। मंदिर में अधिकमास आयोजन समिति का काम देख रहे पं. सुधाकर उपाध्याय ने बताया अधिक मास वैसे ही मनेगा जैसे हर बार मनता आया है।

हर दिन एक नया मनोरथ होगा। भगवान का रोज नया श्रंगार होगा, भोग से लेकर सारी चीजें हर अधिक मास की तरह ही होंगी। लेकिन, इस बार कोरोना के चलते किसी बाहरी व्यक्ति को प्रवेश नहीं मिलेगा। चूंकि, ठाकुरजी की तस्वीरें खींचना भी मना है, सो अभी लाइव दर्शन की व्यवस्था यहां नहीं है।

फिर भी हम कोशिश कर रहे हैं कि भक्तों को कुछ मनोरथों के दर्शन हो सकें। मंदिर प्रशासन ने ऑनलाइन सेवा और मनोरथ बुकिंग की व्यवस्था की है। हर अधिक मास में यहां 2 लाख से ज्यादा भक्त दर्शन करने आते हैं।

द्वारिका के जगत मंदिर में कुछ दिनों पहले ही श्रद्धालुओं का प्रवेश शुरू हुआ है। लेकिन, अभी यहां सीमित संख्या में ही दर्शन की अनुमति दी जा रही है।

द्वारिका- 30% लोग आ रहे हैं मंदिर में, लेकिन ऑनलाइन कर सकेंगे दर्शन

भगवान कृष्ण की नगरी गुजरात की द्वारिका के जगत मंदिर में दर्शन तो शुरू हो गए हैं। लेकिन, अभी 30% लोग ही दर्शन करने आ रहे हैं। कोरोना के कारण रोजाना लगभग तीन हजार लोग आ रहे हैं। जगत मंदिर के मुख्य पुजारी प्रणव भाई के मुताबिक, अधिक मास में भी इतनी ही संख्या में लोग आ सकेंगे।

पूरे महीने में भगवान के वे सारे मनोरथ (श्रंगार, भोग और दर्शन) होंगे जो सामान्यतः पूरे एक साल में अलग-अलग मौकों पर होते हैं। कोरोना गाइडलाइंस के पालन के साथ सारे मनोरथ होंगे। प्रशासन पूरी तरह व्यवस्था संभाले हुए है। जो लोग मंदिर नहीं आ पा रहे हैं, वो सारे मनोरथों के दर्शन मंदिर की ऑफिशियल वेबसाइट पर कर सकेंगे।

जगन्नाथपुरी मंदिर में पिछले 6 महीनों से बाहरी लोगों के प्रवेश पर प्रतिबंध है। मंदिर के सारे उत्सव परिसर के अंदर ही चुनिंदा लोगों की मौजूदगी में हो रहे हैं।

जगन्नाथ पुरी- इस साल कोई बड़ा आयोजन नहीं, सामान्य पूजापाठ होंगे

उड़ीसा में पुरी के जगन्नाथ मंदिर में इस साल अधिक मास का कोई विशेष आयोजन नहीं हो रहा है। हर रोज की तरह मंदिर में दैनिक पूजा और अनुष्ठान ही होंगे। करीब 6 माह से बंद मंदिर में इस समय भी श्रद्धालुओं की इंट्री नहीं है।

मंदिर समिति के सदस्य और पुजारी पं. श्याम महापात्रा के मुताबिक, पुरी सहित उड़ीसा के ज्यादातर क्षेत्रों में कोरोना के केस बढ़े हुए हैं। मंदिर में सिर्फ समिति सदस्यों और पुजारियों का ही प्रवेश हो रहा है। अधिक मास पर कुछ भी विशेष आयोजन नहीं होगा।

ब्रह्मोत्सव के लिए सजाया गया तिरुपति बालाजी मंदिर। हर साल ब्रह्मोत्सव में यहां 10 लाख से ज्यादा लोग आते हैं।

तिरुपति- ब्रह्मोत्सव की तैयारी पूरी, 19 से 27 तक हर दिन बड़े आयोजन

आंध्र प्रदेश के तिरुपति बालाजी मंदिर में इस साल अधिक मास में ब्रह्मोत्सव का आयोजन हो रहा है। हालांकि, ये हर साल की तरह भव्य तो नहीं होगा क्योंकि लोगों की संख्या सीमित ही होगी। इस समय मंदिर में औसतन 13 से 14 हजार लोग रोज दर्शन कर रहे है।

हर साल ब्रह्मोत्सव में करोड़ों का खर्च होता है क्योंकि देश-दुनिया से भगवान वैंकटेश्वर के भक्त इस दौरान यहां पहुंचते हैं। मंदिर ट्रस्ट के पीआरओ टी. रवि के मुताबिक, 19 से 27 तक ब्रह्मोत्सव का आयोजन होगा। इसमें रोज भगवान के नए श्रंगार और वाहनों की सेवा होगी। रोज किसी एक नए वाहन पर भगवान भ्रमण करने निकलेंगे।



आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
Adhik maas 2020 Devotees will not be able to see Manorath in Nathdwara, only 30% people are coming to Dwarka, no big event in Jagannathpuri


from Dainik Bhaskar https://ift.tt/3hBbEgA
https://ift.tt/33D7pwb

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

If you have any doubt, please let me know.

Popular Post