सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में ड्रग्स एंगल की जांच कर रहे नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) ने बॉलीवुड की चार बड़ी हस्तियों से पूछताछ के लिए बुधवार को समन जारी कर दिए। इनमें दीपिका पादुकोण, श्रद्धा कपूर, सारा अली खान और रकुलप्रीत सिंह शामिल हैं। रकुलप्रीत को आज पूछताछ के लिए बुलाया गया है। फैशन डिजायनर सिमोन खंबाटा से भी आज ही सवाल-जवाब होंगे। सुशांत और रिया की पूर्व मैनेजर श्रुति मोदी को भी बुलाए जाने की रिपोर्ट है।
किस एक्ट्रेस को किस दिन का समन?
रकुलप्रीत सिंह: आज
दीपिका पादुकोण : 25 सितंबर
सारा अली : 26 सितंबर
श्रद्धा कपूर : 26 सितंबर
एक जैसा सिंडिकेट साबित हुआ तो क्या रिया जैसी धाराएं दीपिका पर भी लगेंगी?
NCB के एक अफसर ने बताया कि दोनों के मामले में कहीं से भी एक जैसा सिंडिकेट साबित हुआ एक जैसी धाराएं लगाकर एक जैसी सजा दी जा सकती है। रिया का मामला इस केस से मिलता है, क्योंकि टैलेंट मैनेजर जया साहा इन सभी के कॉन्टैक्ट में हैं और ड्रग्स का इंतजाम कराने की बात भी कह रही हैं।
दीपिका की गिरफ्तारी के सवाल पर NCB चुप
दीपिका और उनकी मैनेजर करिश्मा प्रकाश के चैट के स्क्रीनशॉट मिलने के बाद दीपिका को समन भेजा गया है। करिश्मा ने अपने वकील के जरिए से NCB से 25 सितंबर तक की छूट मांगी थी। वकील ने NCB से कहा कि करिश्मा बीमार हैं, इसलिए वे हाजिर नहीं हो पाएंगी। हालांकि, खबरें चलती रहीं कि वे गोवा में दीपिका के साथ हैं। NCB के डिप्टी डायरेक्टर (ऑपरेशन) कमल मल्होत्रा ने दीपिका की गिरफ्तारी की आशंका से जुड़े सवाल पर कुछ कहने से इनकार कर दिया।
हैश, वीड...
ये शब्द दीपिका और करिश्मा की चैट में थे। कयास लगाए जा रहे हैं कि हैश यानी हशीश और वीड यानी गांजे के लिए बातचीत हुई थी।
ड्रग्स की कितनी मात्रा पर कितनी सजा?
गांजा: 1 किलो से कम बरामद हो तो छोटी मात्रा है। 1 किलो से 20 किलो के बीच इंटरमीडिएट मात्रा है। दोनों जमानती अपराध हैं। 20 किलो से ऊपर कमर्शियल मात्रा है। ये गैर जमानती है।
चरस, कोकीन, मरिजुआना और हशीश: 100 ग्राम से कम छोटी मात्रा है। जमानत मिल जाती है। 100 ग्राम से 1 किलो तक हो तो जमानत फैक्ट्स के आधार पर मिलती है। 1 किलो से ऊपर होने पर जमानत नहीं मिलती।
हेरोइन: 5 ग्राम से कम छोटी मात्रा है, यह जमानती अपराध है। 250 ग्राम से ज्यादा कमर्शियल मात्रा है। इसमें कम से कम 10 साल सजा का प्रावधान है।
एनडीपीएस एक्ट के जानकार, सुप्रीम कोर्ट के वकील सुमीत वर्मा बता रहे हैं कि NCB की कार्रवाई का क्या आधार है...
क्या सोशल मीडिया में ड्रग्स के सिर्फ लेन-देन की बात सजा का आधार बन सकती है?
केस बन सकता है, NCB को चैटिंग को सबूत के तौर पर कोर्ट में साबित करना पड़ेगा। NCB को यह साबित करना होगा कि आरोपियों ने ड्रग्स खरीदी। पैसों का ट्रांजैक्शन भी दिखाना होगा।
चैटिंग में हैश जैसे कोड के इस्तेमाल से केस बनेगा?
केस तो बन जाएगा, लेकिन NCB को आरोपियों के मोबाइल के जरिए यह साबित करना होगा कि चैटिंग मजाक में नहीं की गई थी। जैन हवाला केस में भी डायरी के कोड वर्ड्स पर केस बना था।
क्या ऐसी चैटिंग के आधार पर छापा मारा जा सकता है?
बिल्कुल छापेमारी की जा सकती है। जांच को आगे बढ़ाने, बातचीत के लिंक को सही साबित करने और सबूत तलाशने के लिए जरूरी है।
ड्रग्स जब्त नहीं हो तो क्या सिर्फ लेन-देन की बात पर केस बनेगा?
ऐसे में ड्रग्स यूज करने का केस बनाया जा सकता है। इसमें एक साल की सजा या 20 हजार रुपए तक जुर्माना लगाया जा सकता है, लेकिन आरोपी कोर्ट में नशा छोड़ने की इच्छा जताए तो सजा नहीं मिलेगी, बल्कि नशा मुक्ति केंद्र भेजा जाएगा।
क्या किसी आरोपी के बयान के आधार पर किसी को भी पूछताछ के लिए बुलाया जा सकता है?
जांच आगे बढ़ाने के लिए ऐसा किया जा सकता है।
क्या जब्ती के बिना किसी के बयान के आधार पर किसी और के खिलाफ केस बन सकता है?
ऐसा किया जा सकता है। अगर व्यक्ति फैसिलिटेट कर रहा है और सबूत पेश कर रहा है तो उसके आधार पर भी NCB किसी और को गिरफ्तार कर सकता है।
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