शुक्रवार, 2 अक्तूबर 2020

खुलकर मुस्कुराइए क्योंकि कोरोनाकाल में यही मुस्कान आपको तनाव और डिप्रेशन से बाहर निकालेगी, उम्र लंबी भी करेगी

रिसर्च कहती है जब हम हंसते हैं तो चेहरे की मांसपेशियों में खिंचाव होता है। इसका असर मस्तिष्क तक होता है और हम खुश महसूस करते हैं। ऐसा होने पर दिमाग और ज्यादा मुस्कुराने को कहता है। यहीं से दिमाग की सेहत में सुधार होना शुरू होता है और इंसान खुद को काफी हल्का महसूस करता है।

कोरोना के दौर में ऑस्ट्रेलिया के वैज्ञानिकों ने भी मुस्कुराने की सलाह दी है। उनकी हालिया रिसर्च बताती है कि मुस्कुराने पर मस्तिष्क में पॉजिटिव विचार आते हैं जो बॉडी में एनर्जी लाने का काम करते हैं। रिसर्च में वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि जब चेहरे की मांसपेशियों में खिंचाव होता है इमोशंस बदलते हैं। यह नकारात्मकता को खत्म करने का काम करते हैं।

आज वर्ल्ड स्माइल डे है, इस मौके पर जानिए चेहरे पर आती स्माइल आपकी जिंदगी में कितना बदलाव लाती है।

ब्लड प्रेशर, दर्द, तनाव घटाना है और इम्युनिटी को बढ़ाना है तो मुस्कुराइए
रिसर्च कहती हैं, मुस्कुराने पर शरीर में कॉर्टिसॉल और एंडॉर्फिन जैसे हार्मोन रिलीज होते हैं जो बढ़े हुए ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करते हैं। शरीर में होने वाले दर्द को घटाते हैं। तनाव को कम करते हैं। रोगों से लड़ने वाले इम्यून सिस्टम को बूस्ट करते हैं और इम्युनिटी बढ़ते हैं। ब्लड प्रेशर कंट्रोल रहता है तो हार्ट डिसीज का खतरा घट जाता है।

अपनी उम्र से 7 साल ज्यादा जीते हैं
अमेरिका में महिलाओं की मुस्कान पर भी एक स्टडी गई है। रिसर्च में देखा गया कि सबसे ज्यादा नेचुरल और खुलकर हंसने पर क्या असर होता है। रिपोर्ट में सामने आया कि जिन महिलाओं ने चेहरे पर नेचुरल स्माइल रखी थी उनकी उम्र दूसरी महिलाओं के मुकाबले 7 साल तक बढ़ गई।

अमेरिकी शोधकर्ता और साइकोलॉजिस्ट डॉ. पाउला निएंडथल कहती हैं, एक बच्चा दिन में औसतन 400 बार हंसता है। दिनभर में एक एडल्ट 40 से 50 बार और 50 साल की उम्र के बाद इंसान 20 बार ही मुस्कुराता है।

अब बात वर्ल्ड स्माइल डे की
मैसाच्युसेट्स के आर्टिस्ट हार्वे बॉल ने मुस्कुराने वाला दुनिया का सबसे चर्चित स्माइल फेस बनाया था। यह खुशहाली का सिम्बल बन गया। स्माइल फेस का कमर्शियलाइजेशन बढ़ने के कारण हार्वे बॉल ने एक दिन इसके नाम करने का फैसला लिया। इस तरह अक्टूबर का पहला शुक्रवार वर्ल्ड स्माइल डे के नाम हो गया।

पहली बार वर्ल्ड स्माइल डे 1999 में मनाया गया, इसके बाद से यह दिन लगातार हर साल सेलिब्रेट किया जा रहा है। 1999 में ही वर्ल्ड स्माइल फाउंडेशन की शुरुआत की गई जो बच्चों को मदद करता है और उनके चेहरे पर मुस्कान लाने का काम करता है।

कर्मचारियों के चेहरे पर मुस्कान लाने के लिए हार्वे बॉल

ऐसे तैयार हुआ स्माइली फेस जो इतिहास में अमर हो गया
मैसाच्युसेट्स में एक इंश्योरेंस कम्पनी थी। जिसका नाम स्टेट म्यूचुअल लाइफ एश्योरेंस था। इस कम्पनी ने ओहियो की एक और इंश्योरेंस कम्पनी को खरीदा। इस मर्जर से कर्मचारी खुश नहीं थे। कर्मचारियों का मनोबल बढ़ाने के लिए स्टेट म्यूचुअल लाइफ एश्योरेंस कम्पनी ने 1963 में हार्वे बॉल की नियुक्ति बतौर फ्रीलांस आर्टिस्ट की।

हार्वे ने 10 मिनट में एक स्माइली फेस बनाया। जिसकी एक आंख छोटी थी। इसने कर्मचारियों के चेहरे पर मुस्कान लाया। इसके लिए हार्वे को उस दौर में 45 डॉलर मिले थे। जिसकी वैल्यू आज 3,300 रुपए है।

स्माइल इंसान का सबसे खूबसूरत हिस्सा
अमेरिका में हुए एक सर्वे में लोगों से इंसान के शरीर के सबसे आकर्षक हिस्से के बारे में पूछा गया। सर्वे में शामिल ज्यादातर लोगों का पहला जवाब था स्माइल। आंखें दूसरे पायदान पर थीं। 86 फीसदी महिलाओं का कहना था सुंदर मुस्कान और दांतों के लिए वे दिन में दो बार ब्रश करती हैं, जबकि 66 फीसदी पुरुष ही ऐसा कर पाते हैं।



आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
world smile day 2020 how a smile boost immunity resuces deppression and stree and inceases life span


from Dainik Bhaskar https://ift.tt/33hLUC2
https://ift.tt/2HHQcKw

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

If you have any doubt, please let me know.

Popular Post