क्या हो रहा है वायरल : एक फोटो वायरल हो रही है। जिसमें कुछ लोग कान पकड़कर बैठे दिख रहे हैं। सामने एक पुलिसकर्मी खड़ा है। फोटो को देखने से स्पष्ट हो रहा है कि पुलिस ने ही लोगों को सजा देने की इस मुद्रा में बैठाया है। बिहार चुनाव के बीच इस फोटो को शेयर करते हुए दावा किया जा रहा है कि तस्वीर में कान पकड़कर बैठे लोग बिहार के मजदूर हैं।
फोटो के साथ कैप्शन शेयर किया जा रहा है - भूलना नहीं है बिहार वासियों! यह आपके साथ नहीं हुआ हो, पर आपके दूसरे गरीब बिहारी भाइयों के साथ ज़रूर हुआ है! उनके स्वाभिमान व न्याय की ख़ातिर भूलना नहीं है बिहार वासियों!
RJD के ऑफिशियल ट्विटर हैंडल से फोटो इसी दावे के साथ शेयर की गई।
और सच क्या है ?
- वायरल हो रही फोटो को गूगल पर रिवर्स सर्च करने से हमें यही फोटो Outlook वेबसाइट की फोटो गैलरी में मिली। कैप्शन के अनुसार, फोटो इसी साल मार्च महीने की है। यूपी के कानपुर में पुलिस लॉकडाउन का उल्लंघन करने वालों को सजा देती दिख रही है।
- मार्च महीने की कई अन्य मीडिया रिपोर्ट्स में भी इस फोटो को कानपुर का ही बताया गया है। दैनिक भास्कर की खबर के अनुसार, उत्तरप्रदेश में 22 मार्च से ही लॉकडाउन लागू हो गया था।
आप सब से पुनः अपील है कि लॉकडाउन को गंभीरता से लें। घर के अंदर रहें, अपने आप को बचाएं, अपने परिवार को बचाएं।
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) March 23, 2020
सभी से अनुरोध है कि निर्देशों, नियमों और कानूनों का पालन करें और इस महामारी के विरुद्ध लड़ाई में सरकार के साथ मिल कर काम करें।
सतर्क रहें, जागरूक रहें।
- आउटलुक की वेबसाइट पर कान पकड़कर बैठे मजदूरों की फोटो 24 मार्च, 2020 को पब्लिश हुई है। और यूपी में लॉकडाउन 22 मार्च से लगा। यानी फोटो 22 मार्च से 24 मार्च के बीच की ही है।
- साफ है कि जिस फोटो को RJD के सोशल मीडिया हैंडल्स ने बिहार के मजदूरों का बताया। असल में वो उत्तरप्रदेश के कानपुर की है।
आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
from Dainik Bhaskar https://ift.tt/3dXgAfv
https://ift.tt/37GZAZO
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
If you have any doubt, please let me know.