मंगलवार, 3 नवंबर 2020

पढ़िए आजाद होने के बाद भारत ने दुनियाभर के देशों को पहला संदेश क्या दिया?

आजाद भारत के प्रधानमंत्री के तौर पर जवाहर लाल नेहरू ने 3 नवंबर 1948 को संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) को संबोधित किया था। पेरिस में तीसरे UNGA में कई विषयों पर बोलते हुए नेहरू ने इस अंतरराष्ट्रीय संगठन को भविष्य की राह दिखाई थी। उन्होंने कहा था कि नफरत और हिंसा से दुनिया की समस्या का समाधान नहीं निकलने वाला। इसके लिए आर्थिक समस्याओं को दूर करना होगा।

आज अक्सर यूनाइटेड नेशंस के प्रभाव और प्रासंगिकता पर सवाल उठते हैं, लेकिन नेहरू का भाषण ध्यान में रखने की आवश्यकता है। नेहरू ने UN में अपने पहले भाषण में कहा था कि मैं ऐसे देश से आया हूं, जिसने लंबे, शांतिपूर्ण संघर्ष के बाद आजादी पाई है। हमारे महान नेता (महात्मा गांधी) ने संघर्ष के दिनों में हमें सिखाया कि अच्छे उद्देश्य को हासिल करना है, तो रास्ते भी अच्छे होने चाहिए।

उन्होंने यह भी कहा कि युद्ध का डर क्यों होना चाहिए? आइए, हम अपने आपको हर तरह की आक्रामकता के खिलाफ तैयार करें। यूनाइटेड नेशंस यहां किसी भी डर और चोट से बचाने के लिए है, लेकिन हम सभी को आक्रामकता के विचार को त्यागना होगा, फिर चाहे वह शब्द से हो या काम से।

लाईकाः सोवियत डॉग कॉस्मोनट

सोवियत सैटेलाइट में बैठी लाईका।

1957 में 3 नवंबर को ही सोवियत संघ ने स्पूतनिक 2 लॉन्च किया, जिसमें लाईका नाम के एक कुत्ते को भी अंतरिक्ष में पृथ्वी की कक्षा में भेजा गया था। इस तरह लाईका ने इतिहास रच दिया। वह स्पेस में जाने वाली पहली जीवित प्राणी बनीं। लाईका 6 किलो की थी। वह दो साल की मिक्स ब्रीड फीमेल डॉग थी। सोवियत स्पेसफ्लाइट प्रोग्राम के लिए उसे सड़कों से उठाया गया था। छोटी जगहों पर मेल डॉग्स के मुकाबले फीमेल डॉग्स बेहतर ढंग से एडजस्ट कर सकते हैं, इस वजह से लाईका को चुना गया। उसे सैटेलाइट में जीवित रहने की स्किल भी सिखाई गई थी। उसे लेकर गया सैटेलाइट 14 अप्रैल 1958 को पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश करते समय नष्ट हो गया था। हालांकि, वह कितने समय जीवित रही, यह एक बड़ा रहस्य है। रूसी भाषा में लाईका भौंकने को कहा जाता है, और वहीं से इसका नाम पड़ा। मॉस्को में 2008 में लाईका की मूर्ति के साथ एक छोटा सा स्मारक भी बनाया गया है।

वन वर्ल्ड ट्रेड सेंटर का लॉन्च

वन वर्ल्ड सेंटर, जिसे फ्रीडम टॉवर भी कहा जाता है।

न्यूयाॅर्क में वर्ल्ड ट्रेड सेंटर ट्विन टावर पर 11 सितंबर 2001 को हुए अलकायदा के आतंकी हमले ने अमेरिका को गहरा आघात दिया, लेकिन यह देश साहस दिखाते हुए इस त्रासदी से जल्द उबरा और आतंक के जवाब में उसी जगह 3 नवंबर 2014 में वन वर्ल्ड ट्रेड सेंटर नाम की ऊंची इमारत खड़ी कर दी। वन वर्ल्ड ट्रेड सेंटर को न्यूयॉर्क के मैनहट्टन में 9/11 हमले वाली उसी जगह पर बनाया गया है, जहां ट्विन टावर थे। इस इमारत की ऊंचाई 541 मीटर है और गुंबद के उच्च शिखर तक ऊंचाई 546 मीटर है। 104 मंजिल हैं। हमले के 13 साल बाद इसका निर्माण पूरा हुआ। इस निर्माण पर 3.9 अरब डाॅलर खर्च हुए। वन वर्ल्ड ट्रेड सेंटर इमारत को मजबूत बनाने के लिए इसके पिलर जमीन में 200 फुट गहराई तक ले जाए गए हैं। इस बिल्डिंग में 10 हजार मजदूरों ने बम निरोधक 20 मंजिला बेस सेट तैयार किया। भवन की 102वीं मंजिल पर ऑब्जर्वेशन डेक है। इसके व आसपास के इलाके में सुरक्षा के लिए 200 पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं।

भारत और विश्व इतिहास में 3 नवंबर की प्रमुख घटनाएं इस प्रकार हैं:

  • 1493ः क्रिस्टोफर कोलंबस ने डोमिनिका द्वीप की खोज की।
  • 1762ः ब्रिटेन और स्पेन के बीच पेरिस की संधि हुई।
  • 1903ः पनामा को कोलंबिया से आजादी मिली।
  • 1962ः चीन के हमले के मद्देनजर भारत में गोल्ड बाॅन्ड स्कीम की घाेषणा की गई।
  • 1984ः भारत में सिख विरोधी दंगों में तीन हजार से ज्यादा लोग मारे गए।
  • 1988ः वायु सेना ने आगरा से एक पैराशूट बटालियन समूह को लिया।
  • 2000ः भारत सरकार ने डायरेक्ट-टू-होम (D2H) प्रसारण सेवा सभी के लिए शुरू की।
  • 2001ः अमेरिका ने लश्कर व जैश-ए-मोहम्मद पर प्रतिबंध लगाया।


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