शनिवार, 7 नवंबर 2020

जब लोग तारीफ करें तो उसमें झूठ खोजिए, अगर आलोचना करें तो उसमें सच की तलाश कीजिए

कहानी - रामायण में युद्ध चल रहा था। रावण और लक्ष्मण आमने-सामने थे। रावण ने एक ऐसी शक्ति चलाई कि लक्ष्मण कुछ देर के लिए बेहोश हो गए। उस समय हनुमानजी ने देखा कि रावण लक्ष्मण को उठाने का प्रयास कर रहा है तो वे तुरंत वहां पहुंच गए। अब हनुमानजी और रावण आमने-सामने आ गए थे। हनुमानजी ने रावण को एक मुक्का मारा तो वह बेहोश होकर गिर गया।

कुछ देर बाद जब रावण को होश आया तो उसने खड़े होकर हनुमानजी की खूब तारीफ की। रावण जैसा विश्व विजेता, जिसने कभी किसी की तारीफ नहीं की, वह आज हनुमानजी की तारीफ कर रहा था। तब हनुमान ने कहा, "रावण चुप रहो, मैं तुम्हारे मुख से अपनी प्रशंसा सुनना नहीं चाहता। मुझे तो धिक्कार है कि मेरे मुक्का मारने के बाद भी तुम जीवित बच गए हो। ये मेरी ही कमजोरी है।"

ये बात सुनकर रावण समझ गया कि ये व्यक्ति अपनी प्रशंसा के झांसे में नहीं आएगा। हनुमानजी भी जानते थे कि रावण जैसे लोग तारीफ करके पहले बरगलाते हैं, फिर पराजित कर देते हैं।

सीख - जब भी कोई आपकी तारीफ करे तो देखना कि ये चापलूसी तो नहीं है, हमें लालच तो नहीं दिया जा रहा है, इसमें झूठ तो नहीं है। तारीफ में से केवल इतना हिस्सा रख लो, जो हमें प्रेरणा देता हो। जब भी कोई निंदा करे तो उसमें सच खोजना चाहिए, क्योंकि निंदा में हमारे लिए कोई बहुत बड़ा संकेत हो सकता है, जो खुद को सुधारने में काम आ सकता है।

ये भी पढ़ें...

जीवन साथी की दी हुई सलाह को मानना या न मानना अलग है, लेकिन कभी उसकी सलाह का मजाक न उड़ाएं

कन्फ्यूजन ना केवल आपको कमजोर करता है, बल्कि हार का कारण बन सकता है

लाइफ मैनेजमेंट की पहली सीख, कोई बात कहने से पहले ये समझना जरूरी है कि सुनने वाला कौन है



आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
aaj ka jeevan mantra by pandit vijay shankar mehta, ramayana motivational story, ram and ravan war, life management tips by pandit vijay shankar mehta


from Dainik Bhaskar https://ift.tt/2Igxn1y
https://ift.tt/3531SRs

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

If you have any doubt, please let me know.

Popular Post