शुक्रवार, 18 दिसंबर 2020

पाकिस्तान में रेप के दोषियों को बनाएंगे नंपुसक; जानिए क्या है केमिकल कैस्ट्रेशन? भारत में उठती रही मांग

पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने एंटी-रेप ऑर्डिनेंस-2020 पर साइन कर दिया है। इसके साथ ही पाकिस्तान में रेप के दोषियों का केमिकल कैस्ट्रेशन (केमिकल से कुछ समय के लिए नपुंसक बनाने) की इजाजत मिल गई है। प्रधानमंत्री इमरान खान और उनकी कैबिनेट ने पिछले महीने ही इसे मंजूरी दे दी थी।

ये केमिकल कैस्ट्रेशन होता क्या है? रेप जैसे अपराध को रोकने में कितना कारगर है? जिन अपराधियों का केमिकल कैस्ट्रेशन होता है उनके शरीर पर क्या असर पड़ता है? पाकिस्तान सरकार ये कानून क्यों लाई? क्या भारत में इसे लाने की बात कभी हुई है? हमारे देश में इसे लागू करना क्यों मुश्किल है? दुनिया के किन देशों में ये कानून है? आइये जानते हैं...

केमिकल कैस्ट्रेशन क्या है?

  • केमिकल कैस्ट्रेशन में केमिकल से पुरुषों की सेक्सुअल डिजायर को घटाकर, उनके टेस्टोस्टेरोन को कम दिया जाता है। यह मुख्य रूप से सेक्स हार्मोन होता है।

  • इसमें एनॉर्फिडिसिएक ड्रग का यूज होता है। इसका असर कुछ समय के लिए ही होता है। इसी वजह से इसे एक निश्चित समय अंतराल के बाद दोबारा देना पड़ता है। असर खत्म होने पर सेक्सुअल डिजायर पहले जैसी हो जाती है।

  • इसे दवा और इंजेक्शन दोनों तरीके से दिया जा सकता है। दवा रेगुलर लेनी पड़ती है जबकि इंजेक्शन का असर कुछ महीनों तक रहता है। ऐसे में दोषियों का केमिकल कैस्ट्रेशन इंजेक्शन के रूप में होता है।

  • इसके लिए साइप्रोटेरोन एसिटेट (CPA), मेडरॉक्सीप्रोगेस्टेरोन एसिटेट (MPA) और LHRH जैसी दवाएं इस्तेमाल की जाती हैं। ये दवाएं टेस्टोस्टेरॉन और एस्ट्राडियोल हार्मोन को कम करती हैं। ये हार्मोन ही पुरुषों की सेक्स डिजायर के जिम्मेदार होते हैं। अमेरिका में केमिकल कैस्ट्रेशन के लिए MPA, जबकि ब्रिटेन, कनाडा और मध्यपूर्व में CPA का इस्तेमाल होता है।

केमिकल कैस्ट्रेशन कितना कारगर है?

  • अगर मेडिकल इफेक्ट की बात करें तो केमिकल कैस्ट्रेशन से हड्डियां कमजोर हो जाती हैं। खून की कमी होती है, मांसपेशियां कमजोर होती हैं और कई अन्य प्रभाव भी होते हैं।

  • स्कैंडिनेविया में हुई एक रिसर्च कहती है कि केमिकल कैस्ट्रेशन को लागू करने के बाद रीऑफेंडिंग रेट्स में 5 से 40% की कमी आई। दुनिया के दूसरे देश भी इसी तरह की बात कहते हैं। लेकिन, इसकी इफेक्टिवनेस हमेशा सवालों में रही है।

  • लीगल इफेक्ट की बात करते हुए सीनियर एडवोकेट आभा सिंह ने भास्कर से कहा कि ये बहुत इफेक्टिव नहीं है। इसे एक सर्टेन पीरियड के बाद देना पड़ता है। जिन देशों में इसका इस्तेमाल हो रहा है, वहां भी बहुत इफेक्टिव नहीं हैं। लेकिन, फिर भी कुछ नहीं से कुछ होना बेहतर है।

भारत में ये कितना इफेक्टिव हो सकता है?

  • एडवोकेट आभा सिंह कहती हैं कि ऐसा होता है तो ये एक तरह का फीयर फैक्टर होगा। इससे लोगों पर एक मानसिक दबाव पड़ेगा। शायद इससे परिवारों में लोग अपने बच्चों को महिला अपराधों के लिए अवेयर करने लगें।

  • देश में इस तरह के मांग तो उठती है, लेकिन इंडिया में इसे क्यों नहीं लागू किया जा सका? इस सवाल के जवाब में आभा सिंह कहती हैं कि हमारी मेल डॉमिनेटेड सोसाइटी है। देश के 30% MLA-MP ऐसे हैं, जिनके ऊपर सेक्सुअल असॉल्ट के मामले हैं। फिर ये खुद अपने खिलाफ कानून क्यों लाएगा।

  • आभा सिंह कहती हैं, ‘केमिकल कैस्ट्रेशन केवल दोषियों के परोल और फर्लो देने पर लगता है। इसमें चैलेंज ये है कि जो अपराधी परोल या फर्लो पर रहेगा। उसे ट्रैक करना सिस्टम के लिए चुनौती होगी। इसके साथ ही केमिकल कैस्ट्रेशन का असर खत्म होने पर अपराधी को दोबारा इंजेक्ट करने के लिए खोजना होगा। जो भारत जैसे बड़ी आबादी वाले देश में बड़ी चुनौती होगी।’

पाकिस्तान सरकार इस कानून को किस वजह से लेकर आई?

  • इसी साल सिंतबर में अपने बच्चों के साथ गुंजरावाला जा रही एक महिला से लाहौर में हाइवे पर गैंगरेप की घटना हुई थी। पूरे पाकिस्तान में इसे लेकर प्रदर्शन हुए। इस दौरान पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा था कि रेप जैसे अपराध के लिए दोषियों को या तो सरेआम फांसी पर लटका दिया जाना चाहिए या फिर केमिकली कैस्ट्रेशन का इस्तेमाल किया जाना चाहिए।

  • पिछले महीने इमरान कैबिनेट रेप के दोषियों को केमिकल कैस्ट्रेशन का अध्यादेश लाई, जो अब राष्ट्रपति की मुहर के बाद कानून बन गया है।

  • नए अध्यादेश में यौन अपराध के मामलों में जल्द ट्रायल के लिए देशभर में स्पेशल कोर्ट बनाने। चार महीने में कोर्ट को केस का निपटारा करने, पीड़ित की पहचान उजागर करने वाले तीन साल की जेल जैसी बातें शामिल की गई हैं।

क्या भारत में कभी इसकी मांग उठी है?

  • भारत में सजा के तौर पर केमिकल कैस्ट्रेशन की पहली बार वकालत 2011 में की गई थी। जब चार साल तक अपनी सौतेली बेटी का बलात्कार करने के दोषी को जेल की सजा की जगह केमिकल कैस्ट्रेशन की बात कही गई।
  • 2012 में निर्भया गैंगरेप के बाद भारत में भी यौन अपराधियों के केमिकल कैस्ट्रेशन की मांग उठी थी। उस वक्त भाजपा ने भी इस मांग का समर्थन किया था। उस समय वरिष्ठ भाजपा नेता और मौजूदा उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने मीडिया के सामने यह बात कही थी। पिछले साल हुए हैदराबाद गैंगरेप के बाद एक बार फिर इस तरह की मांग ने देश में जोर पकड़ा था।
  • कहा जाता है कि निर्भया रेप के केस के बाद जस्टिस जेएस वर्मा कमेटी ने जो रिपोर्ट सरकार को पेश की, उसमें भी केमिकल कैस्ट्रेशन की बात कही गई थी। उस वक्त सत्ता में रही कांग्रेस के भी कई नेता इसके समर्थन में थे, लेकिन कांग्रेस इसके पक्ष में नहीं थी। संसद की स्टैंडिंग कमेटी के पास भी यह प्रस्ताव पहुंचाया गया था। लेकिन, तीन सदस्यीय कमेटी ने इसे खारिज कर दिया। और इसे मानवाधिकारों का उल्लंघन बताया।

दुनिया में और किन देशों में केमिकल कैस्ट्रेशन को मान्यता मिली हुई है?

  • ब्रिटेन, जर्मनी, साउथ कोरिया, पोलैंड, इंडोनेशिया जैसे देशों और अमेरिका के कुछ राज्यों में यौन अपराधियों के केमिकल कैस्ट्रेशन का कानून है।

  • अमेरिका में सबसे पहली बार केमिकल या फिजिकल कैस्ट्रेशन का इस्तेमाल 18 सितंबर 1996 को कैलिफोर्निया में किया गया। जब सरकार ने यौन अपराधों में सजा काट रहे दोषियों को परोल पर छोड़ने की शर्त के रूप में इसका इस्तेमाल किया। इसके बाद आगे चलकर अमेरिका के आठ और राज्यों ने इसी तरह का कानून पास किया।

  • 2011 में रूस की संसद ने भी इस तरह का कानून पास किया। इसमें कोर्ट के कहने पर फॉरेंसिक मनोचिकित्सक, ऐसे यौन अपराधियों के लिए केमिकल कैस्ट्रेशन की सलाह दे सकते हैं, जो 14 साल से कम उम्र के बच्चों के साथ इस तरह का अपराध करने का दोषी पाया गया हो।

  • 2012 में ब्रिटेन के अखबार द मिरर में यौन अपराध के करीब 100 दोषियों के केमिकल कैस्ट्रेशन किए जाने की रिपोर्ट छपी। रिपोर्ट में बताया गया कि ये सरकार समर्थित वॉलेंटरी बेसिस पर किया गया था। सरकार ने भी इस रिपोर्ट के बाद द गार्डियन से बातचीत में हाई रिस्क सेक्स ऑफेंडर्स के लिए इसके यूज को सही ठहराया।

  • 2013 में साउथ कोरिया की नेशनल एसेंबली ने सेक्स क्राइम से जुड़े अपने लॉ में संशोधन किया। इसमें, लोकल कोर्ट बार-बार इस तरह के अपराध का दोषी पाए जाने वाले को केमिकल कैस्ट्रेशन की सजा दे सकती है। इसके अलावा न्यूजीलैंड, पोलैंड, इंडोनेशिया, इजराइल, मालडोवा में भी इस तरह के कानून हैं।



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Pakistan India Rape Law; What Is Chemical Castration? | All You Need To Know Pakistan Imran Khan Govt Rape Law


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