ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वनडे सीरीज में मिली हार के बाद भारत ने वापसी करते हुए टी-20 सीरीज 2-1 से अपने नाम की। सीरीज में भारतीय बल्लेबाजी शानदार रही। वहीं, जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद शमी की गैरमौजूदगी में भी भारत के यंग बॉलर्स ने शानदार प्रदर्शन किया। सीरीज के तीनों मैच मिलाकर टीम इंडिया ने डेथ ओवर्स यानी 16 से 20 ओवर में ऑस्ट्रेलिया से ज्यादा रन बनाए। भारत के युवा गेंदबाजों ने डेथ ओवर्स मेजबान ऑस्ट्रेलिया से अच्छी गेंदबाजी भी की।
दीपक चाहर ने दबाव बनाया, नटराजन ने मिडिल-डेथ ओवर्स में विकेट लिए
अपना पहला टी-20 सीरीज खेल रहे टी नटराजन ने अपने परफॉर्मेंस से सभी को प्रभावित किया। नटराजन ने भारतीय पेस बॉलिंग अटैक की कमान संभाली और अपने वेरिएशन से ऑस्ट्रेलिया के सभी बल्लेबाजों को परेशान किया। उन्होंने टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा 6 विकेट चटकाए। उनकी इकोनॉमी भी 6.91 रही। वहीं, स्पिनर्स में युजवेंद्र चहल ने भी शानदार प्रदर्शन किया। उन्होंने 3 मैच में 4 विकेट चटकाए। पहले टी-20 में वे कन्कशन सब्सटिट्यूट रहे थे। मैच में उन्होंने 3 विकेट चटकाए और मैन ऑफ द मैच बने।
कुल मिलाकर दीपक चाहर, टी नटराजन और शार्दूल ठाकुर की तिकड़ी ने शुरुआती ओवर्स से ही ऑस्ट्रेलियाई बैट्समैन पर दबाव बनाया। वहीं, स्पिनर्स ने मिडिल ओवर्स में ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों को जमने नहीं दिया।
टीम | पेस | स्पिनर्स |
भारत |
4 बॉलर्स का इस्तेमाल किया, 3 बॉलर्स ने 9 विकेट चटकाए |
2 गेंदबाजों ने 6 विकेट लिए |
ऑस्ट्रेलिया | 6 बॉलर्स का इस्तेमाल किया, 5 बॉलर्स ने 9 विकेट लिए | 3 गेंदबाजों ने 9 विकेट लिए |
पंड्या-जडेजा ने मैच फिनिशर का रोल निभाया
वनडे सीरीज के दौरान भारतीय टीम को मैच फिनिशर की सबसे ज्यादा कमी खली थी। बड़े टारगेट का पीछा करते हुए टीम अच्छा तो खेल रही थी, पर उसे फिनिश नहीं कर पा रही थी। टी-20 में हार्दिक पंड्या और रविंद्र जडेजा ने इस कमी को पूरी की और भारत को पहले 2 मैचों में जीत दिलाई। जडेजा ने पहले टी-20 में 23 बॉल पर 44 रन बनाकर टीम को 160 रन के पार पहुंचाया। वहीं, दूसरे टी-20 में पंड्या ने 22 बॉल पर 42 रन बनाकर टीम को जिताया।
टॉप ऑर्डर ने भी सीरीज में रन बनाए
टॉप ऑर्डर बैट्समैन भी सीरीज में फॉर्म में दिखे। लोकेश राहुल ने पहले मैच में 51 रन और दूसरे मैच में 30 रन की पारी खेली। वहीं, धवन ने दूसरे मैच में 52 रन और तीसरे मैच में 28 रन की पारी खेली। कप्तान विराट कोहली ने भी 3 मैच में 134 रन बनाए और वे भारत की तरफ से सीरीज में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज रहे।
पंड्या-सैमसन ने 2 शानदार कैच लपका
फील्डिंग के हिसाब से ये सीरीज दोनों टीम के लिए बेहद ही घटिया रही। दोनों टीमों ने कई आसान कैच ड्रॉप किए। हालांकि, पहले टी-20 में पंड्या और संजू सैमसन ने 2 बेहतरीन कैच लपके थे। जिसकी बदौलत टीम कम टोटल को डिफेंड कर पाई थी। हार्दिक पंड्या ने हवा में डाइव लगाकर ऑस्ट्रेलिया के कप्तान एरॉन फिंच का शानदार कैच पकड़ा था।
वहीं, सैमसन ने ने डाइव लगाकर फॉर्म में चल रहे स्टीव स्मिथ का शानदार कैच लपका था। हालांकि इसके बाद दोनों टीमें फील्डिंग में कुछ खास प्रदर्शन नहीं कर सकीं। दूसरे टी-20 में जहां हार्दिक और कोहली ने 1-1 कैच छोड़े। वहीं तीसरे मैच में स्मिथ और डेनियल सैम्स ने भी कैच छोड़े।
पावर-प्ले और डेथ ओवर्स में भारत ने सीरीज जीती
भारत ने तीनों मैच को मिलाकर 16 से 20 ओवर में 181 रन बनाए और इस दौरान 7 विकेट गंवाए। जबकि ऑस्ट्रेलिया 146 रन ही बना सकी और उसके 8 विकेट गिरे। साथ ही पहले टी-20 को छोड़ दें तो बाकी दो मैचों में उन्होंने ऑस्ट्रेलिया को बड़ी पार्टनरशिप नहीं करने दी। हालांकि इसकी भरपाई टीम इंडिया के गेंदबाजों ने मिडिल ओवर और डेथ ओवर में कर दी थी।
पहला टी-20
ओवर | ऑस्ट्रेलिया | भारत |
0-6 | 53-0 | 42-1 |
7-15 | 60-4 | 55-4 |
16-20 | 37-3 | 64-2 |
टोटल | 150/7 | 161/7 |
पहले टी-20 में भारतीय गेंदबाजों ने 7 से 15 ओवर के बीच ऑस्ट्रेलिया के 4 विकेट चटकाए। वहीं, 16 से 20 ओवर के बीच सिर्फ 37 रन दिए और 3 विकेट चटकाए।
दूसरा टी-20
ओवर | ऑस्ट्रेलिया | भारत |
0-6 | 59-1 | 60-1 |
7-15 | 73-2 | 81-2 |
16-20 | 62-2 | 54-2 |
टोटल | 194/5 | 195/4 |
टी-20 सीरीज में भारत के लिए सबसे अच्छी बात ये रही कि उन्होंने पावर-प्ले (1 से 6 ओवर) के बीच ज्यादा विकेट नहीं गंवाए। भारत ने पावर-प्ले के दौरान 3 विकेट गंवाए। जिसका फायदा उन्हें डेथ ओवर्स में मिला। पहले टी-20 को छोड़कर भारतीय बल्लेबाजों ने बाकी दोनों मैच में पावर-प्ले में ऑस्ट्रेलिया से ज्यादा रन बनाए।
तीसरा टी-20
ओवर | ऑस्ट्रेलिया | भारत |
0-6 | 51-1 | 55-1 |
7-15 | 88-1 | 56-3 |
16-20 | 47-3 | 63-3 |
टोटल | 186/5 | 174-7 |
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