कोरोना में हुए लॉकडाउन के चलते लोगों का स्क्रीन टाइम यानी मोबाइल और लैपटॉप पर खर्च किए जाने वाले समय भी काफी बढ़ा है। स्क्रीन टाइम बढ़ने से हेड फोन का इस्तेमाल भी काफी बढ़ गया जो अब एक समस्या के तौर पर उभर रहा है। कान में दर्द, फंगल इन्फेक्शन और सुनने में तकलीफ जैसे मामले काफी बढ़ गए हैं। मुंबई स्थित फोर्टिस अस्पताल में ऐसे मामले पहले से 20-30% ज्यादा बढ़ गए हैं।
वर्क फ्रॉम होम, ऑनलाइन क्लासेस, ऑनलाइन गेम और म्यूजिक के चलते कान में घंटों लगे ईयरफोन इसकी वजह बताए जा रहे हैं। भोपाल में ENT स्पेशलिस्ट डॉ. राहुल अग्रवाल कहते हैं कि ईयरफोन के साथ कान में जाने वाला बैक्टेरिया इन्फेक्शन की वजह है और हाई वॉल्यूम से बहरेपन की समस्या आ रही है। लॉकडाउन के बाद से ऐसे मामले ज्यादा सामने आने लगे।
हाई वॉल्यूम हाई रिस्क
डॉ. अग्रवाल कहते हैं कि लंबे समय तक हाई वॉल्यूम पर ईयरफोन यूज करने के काफी नुकसान हैं। यह कई तरह कि गंभीर बीमारियों की वजह बन सकती है। तेज आवाज में ईयरफोन यूज करने से न केवल सुनने की क्षमता पर असर पड़ता है बल्कि कई मानसिक बीमारियां भी हो सकती हैं।
कान में फंगल इन्फेक्शन का भी खतरा
डॉ. अग्रवाल कहते हैं आमतौर पर हम ईयरफोन को बहुत लापरवाही के साथ इस्तेमाल करते हैं। बार-बार यूज करने के बाद हम उसे बाहर ही छोड़ देते हैं। ईयरफोन के बड्स पर लगने वाले बैक्टीरिया सीधे कानों के कनाल में चिपक जाते हैं जो बाद में फंगल इन्फेक्शन की वजह बनता है।
अगर इस तरह के फंगल इन्फेक्शन के बाद इचिंग करने से घाव हो जाते हैं तो उनके इलाज में काफी दिक्कत होती है। कान के अंदर न ही ड्रेसिंग हो पाती है और न ही सफाई। जिसके चलते यह समस्या काफी लंबे समय तक बनी रहती है।
इससे बचने के उपाय
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कुछ बातों का ध्यान रखकर हम ईयरफोन से होने वाली समस्याओं से बच सकते हैं। एक्सपर्ट्स के मुताबिक, लगातार ईयरफोन यूज करने से बचना चाहिए और जब भी हम इसे यूज कर रहे हों तो इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए कि उसका वॉल्यूम ज्यादा न हो। आजकल स्मार्ट फोन्स वॉल्यूम को लेकर वार्निंग देते हैं जिसे इग्नोर करना खतरनाक साबित हो सकता है।
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आमतौर पर ईयरफोन यूज करने के बाद हम उसे कहीं भी रख देते हैं। जिससे इसके बड्स पर बैक्टेरिया चिपक जाते हैं जो हमारे कानों में इन्फेक्शन की वजह बनते हैं। एक्सपर्ट्स के मुताबिक, हमेशा हेड फोन को एक डेडिकेटेड बॉक्स में रखना चाहिए और यूज करने से पहले इसके बड्स को साफ करना चाहिए।
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हम में से ज्यादातर लोग किसी को ईयरफोन देने में या किसी से लेने में गुरेज नहीं करते। एक्सपर्ट्स के मुताबिक, यह सबसे ज्यादा खतरनाक है। ऐसा करने से एक दूसरे में इन्फेक्शन फैलने का खतरा बढ़ जाता है।
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