जर्मनचांसलर एंजेला मर्केल ने कहा है कि रूस उनकी जासूसी करवा रहा है। उन्होंने बुधवार को संसद में कहा कि मैंने हर रोज रूस के साथ बेहतर रिश्ते बनाने की कोशिश की। दूसरी ओर रूस सेना ने मेरी जासूसी करनेकी कोशिश की। इसके ठोस सबूत सामने आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि 2015 में उनके कुछ अकाउंट्स की हैकिंग की जांच करने वाले जांचकर्ताओं ने एक विशेष संदिग्ध की पहचान की है।
जर्मनी की खुफिया एजेंसी ने कई बार रूस की जर्मनी के नेताओं और संसदों की जासूसी करवाने की बात कही है। जर्मन मीडिया के मुताबिक, 2015 में मर्केल की एक ईमेल और एक बुंडेस्टैग अकाउंट हैक करने की कोशिश की गई थी।
तथ्यों से भरमाना रूस की रणनीति का हिस्सा: मर्केल
मर्केल ने कहा कि दुर्भाग्यवश मैं इस निष्कर्ष पर पहुंची हूं कि रूस की यह कोशिश नई नहीं है। साइबर मध्यमों का इस्तेमाल कर तथ्यों से भरमाना रूस की रणनीति का हिस्सा। जाहिर है कि इस तरह की गतिविधियां रूस और जर्मनी के बीच बेहतर संबंध कायम करने के लिए आसान नहीं है। इस तरह की जासूसी कराने की गतिविधियां असुविधाजनक होने से कहीं ज्यादा हैं।
रूसी सेना के खुफिया अफसर के खिलाफ वारंट जारी हुआ था
जर्मनी की न्यूज मैगजीन डेर स्पाइगेल ने सबसे पहले मर्केल के दो ईमेल अकाउंट हैक करने की कोशिश होने का दावा किया था। हालांकि जर्मनी सरकार ने इस पर कोई जवाब नहीं दिया। अब तक यह भी पता नहीं चला है कि हैकर्स को इन अकाउंट से कुछ जानकारियां हासिल हुई या नहीं। इस साल 5 मई को जर्मनी ने इस मामले में संदिग्ध रूसी सेना के खुफिया अफसर दिमित्री बदिन के खिलाफ वारंट जारी किया था। बदिन पर साल 2016 में हुए अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में भी दखल देने का आरोप है।
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