रविवार, 7 जून 2020

लाॅकडाउन खत्म हाेने के बाद देशभर में करीब 18 लाख महिलाएं करा सकती हैं गर्भपात, शिशु मृत्यु दर में भी बढ़ोतरी की आशंका

लॉकडाउन समाप्त होने के बाद देशभर मेंगर्भपात कराने वाली महिलाओं की संख्या में वृद्धि हो सकती है। फाउंडेशन फॉर रिप्रोडक्टिव हेल्थ सर्विसेज इंडिया (एफआरएचएस) के मुताबिक देश मेंहर महीने देशभर में 13 लाख महिलाएं गर्भपात कराती हैं। लॉकडाउन की वजह से 18 लाख महिलाओं को गर्भपात की सुविधाएं नहीं मिल पाई है। ऐसे में जिन महिलाओं के गर्भपात के 20 हफ्ते पुरे नहीं हुए हैं वो आने वाले महीनों में गर्भपात करा सकती हैं।

अनचाहे गर्भधारण के मामलों में बढ़ोतरी की आशंका

लॉकडाउन के दौरान हालांकि दवाई की दुकानें खुली हुई हैं लेकिन ऐसे कई लोग है जो घर से बाहर नहीं निकल पाए हैं।.कई कपल्स केपास लॉकडाउन के दौरान सुरक्षित यौन संबंध का कोई विकल्प नहीं होगा। ऐसे में अनचाहे गर्भ के मामले बढ़ सकते हैं।रिपोर्ट में बताया गया है कि देश में 23 लाख अनचाहे गर्भ धारण किए जाने की संभावना है। जबकि 6.79 लाख बच्चों के जन्म लेने, 14.5 लाख गर्भपात (इसमें असुरक्षित गर्भपात भी शामिल है) और 1,743 माताओं की मृत्यु की आशंका है।

राजस्थान में 40 से 50 हजार महिलाएं करा सकती हैं गर्भपात

एसआरकेपीएस नामक संस्था के अध्ययन के अनुसार राजस्थान में जिन महिलाओं के गर्भधारण के20 हफ्तेपूरे नहीं हुए हैं ऐसी करीब 40 से 50 हजार महिलाएं जून-जुलाई में गर्भपात करा सकती हैं। इनमें शहर, कस्बे और गांव की भी महिलाएंशामिल हैं। सर्वे का यह भी कहना है कि इस दौरानमातृ और शिशु मृत्यु दर में भी 10 फीसदी तक बढ़ोतरी हो सकती है। लॉकडाउन के दौरान 10 से 15 हजार महिलाएं ऐसी भी हैं, जो फैमिली प्लानिंग के लिए जरूरी साधनों का इस्तेमाल नहीं कर पाई। संस्था के अध्ययन के अनुसार, राजस्थान में हर साल करीब सवा दो लाख गर्भपात होते हैं।

डिलीवरी के मामलों में 10 से 20 फीसदी तक बढ़ोतरी का अनुमान

इसके साथ हीनवंबर-दिसंबर में डिलीवरी के मामलों में भी 10 से 20 फीसदी तक बढ़ोतरी का अनुमान है। राजस्थान में हर साल 14 लाख डिलीवरी होती हैं। इस साल डिलीवरी की संख्या में दो लाख तक की बढ़ोतरी हो सकती है।

निजी अस्पतालों व क्लीनिक में गर्भपात के लिए 4500 रुपए तक ज्यादा चुकाने होंगे
इस संस्था का अनुमान है कि निजी अस्पतालों और क्लीनिकों में गर्भपात कराना भी महंगा हो जाएगा। आने वाले समय में कोविड टेस्ट अगर सरकार की तरफ से मेंडेटरी कर दिया जाता है तो उसका बोझ भी गर्भवती महिलाओं पर पड़ेगा और जो खर्च 2 हजार से पांच हजार में हो जाता है उसके साथ 4500 रुपए अतिरिक्त देने पड़ेंगे। देशभर में एक महीने में 13 लाख के करीब गर्भपात कराए जाते हैं। ऐसे में यह खर्च करीब 1.5 करोड़ रुपए सलाना होता है।



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देशभर में एक महीने में 13 लाख के करीब गर्भपात कराए जाते हैं। ऐसे में यह खर्च करीब 1.5 करोड़ रुपए सलाना होता है।


from Dainik Bhaskar /local/rajasthan/sikar/news/after-the-lockdown-is-over-40-50-thousand-women-in-the-state-can-get-abortions-in-june-july-research-127383185.html
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