गुरुवार, 4 जून 2020

राजस्थान में 21 दिन में औसत पारा 44 डिग्री रहा, फिर भी रोज औसतन 241 रोगी बढ़े

राजस्थान में गर्मी ने सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए। चूरू तो 50 डिग्री तापमान के साथ दुनिया का सबसे गर्म शहर तक बन गया। इसके बावजूद कोरोना नहीं टूटा। हालांकि, ये दावे पहले ही खारिज हो चुकेे हैं कि गर्मी का कोरोना से कोई संबंध है। अब प्रदेश में भी अधिकतम पारे और मरीजों के आंकड़े दिखाते हैं कि कोरोना पर गर्मी बेअसर है।

राजस्थान में पिछले 21 दिनों में औसत अधिकतम पारा 44 डिग्री सेल्सियस तक रहा है, जबकि इन्हीं 21 दिनों में रोजाना मिलने वाले नए राेगियों की औसत संख्या 241 रही है। ये आंकड़े 13 मई से 2 जून तक के हैं। अभी तक राजस्थान में एक दिन में सर्वाधिक 342 मरीज मिलने का रिकॉर्ड 18 मई के नाम है।

उस दिन कोटा प्रदेश का सबसे गर्म शहर रहा और वहां पारा 42.5 डिग्री था। जिस दिन चूरू में पारा 50 डिग्री पहुंचा था, उस दिन प्रदेश में 272 रोगी मिले थे।

  • 20दिन में मरीजों की संख्या 5247 बढ़ी यानी कुल मिलाकर 56 प्रतिशत रोगी इसी दौरान आए हैं।
  • 100से ज्यादा संक्रमितों वाले जिलों की संख्या 12 मई को 9 थी, 2 जून तक यह संख्या बढ़कर 21 हो गई। इसकी सबसे बड़ी वजह हैं- प्रवासी। क्योंकि 13 मई से प्रवासियों का आना शुरू हुआ था।
  • 10जिले ही अब ऐसे हैं जहां एक्टिव मरीजों की संख्या 100 या उससे ज्यादा है। ऐसा इसलिए क्योंकि प्रदेश में मरीजों के ठीक होने की रफ्तार भी अपेक्षाकृत बेहतर है।


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The average mercury in Rajasthan was 44 degrees in 21 days, yet an average of 241 patients increased daily.


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