सुप्रीम कोर्ट आज प्राइवेट कंपनियों की याचिकाओं पर फैसला सुनाएगा। गृह मंत्रालय ने 29 मार्च को कहा था कि कर्मचारियों को लॉकडाउन पीरियड की पूरी सैलरी दी जाए। कुछ प्राइवेट कंपनियों ने इस आदेश को कोर्ट में चैलेंज किया था।उनका कहना थाकि लॉकडाउन में काम बंद होने की वजह से आर्थिक दिक्कतें हैं।
26 मई की सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से कहा था कि एक हफ्ते में हलफनामे के जरिए जवाब दें। सरकार ने 4 जून को कहा था जो कंपनियां सैलरी देने में दिक्कत होने की बात कर रही हैं उन्हें अपनी ऑडिटेड बैलेंस शीट कोर्ट में पेश करने के निर्देश दिए जाने चाहिए।
कोर्ट ने कहा- सरकार मध्यस्थ बन सकती है
जस्टिस अशोक भूषण, जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस एम आर शाह की बेंच इस केस की सुनवाई कर रही है। बेंच ने 4 जून को फैसला रिजर्व रख लिया था। कोर्ट ने कहा था कि कर्मचारियों को बिना सैलरी दिए नहीं छोड़ना चाहिए। कंपनियों के पास पैसे नहीं हैं तो सरकार मध्यस्थ बन सकती है। कोर्ट ने ये भी कहा कि सैलरी का 50% पेमेंट भी किया जा सकता था।
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