अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि पर मंदिर के नींव पूजन की तैयारियां जोर पकड़ने लगी हैं। ट्रस्ट सूत्रों ने बताया कि नींव पूजन का अनुष्ठान तीन दिन चलेगा। प्रधानमंत्री जिस दिन आएंगे, उससे दो दिन पहले ही नींव पूजा शुरू हो जाएगी। नींव पूजन में 1001 वैदिक ब्राह्मणों को शामिल होना था, लेकिन कोरोना संकट के चलते 11 या 21 ब्राह्मण ही अनुष्ठानकराएंगे। इसके लिए देशभर से वैदिक विद्वान बुलाए गए हैं।
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने पहले ही प्रधानमंत्री को 3 या 5 अगस्त को अयोध्या आने का न्योता भेज रखा है। प्रधानमंत्री कार्यालय ने अभी दौरे की औपचारिक घोषणा नहीं की है। स्थानीय लोगों का कहना है कि नींव पूजन समारोह की भव्यता में कोरोना संकट रोड़ा बना है। राम मंदिर का नींव पूजन 500 साल के इतिहास कीबड़ी घटना है। संतों ने कहा कि नींव पूजन के दिन अयोध्या दिवाली की तरह जगमगाएगी। मंदिरों में शंख, घंटे, मृदंग बजेंगे। अयोध्या राजपरिवार के वंशज विमलेंद्र मोहन मिश्र ने भी नींव पूजन को लेकर खुशी व्यक्त की है।
न्योता: 300 लोगों को बुलाने की तैयारी, उद्धव चौंकाने वाला नाम
सूत्रों के मुताबिक गृहमंत्री अमित शाह, संघ प्रमुख मोहन भागवत और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे समेत 300 लोगों को न्योता भेजने की तैयारी है। उद्धव को इस बात को ध्यान में रखकर न्योता दिया जा रहा है कि उनके पिता बाल ठाकरे राम मंदिर निर्माण के लिए प्रतिबद्ध थे। मुख्यमंत्री बनने के बाद उद्धव परिवार समेत अयोध्या जा चुके हैं। उन्होंने मंदिर निर्माण के लिए दान की घोषणा भी की थी।
विकास: सरयू किनारे सबसे ऊंची भगवान राम की प्रतिमा
प्रधानमंत्री मोदी अयोध्या में हजारों करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट का भी शिलान्यास करेंगे। वे सरयू किनारे दुनिया की सबसे ऊंची भगवान राम की प्रतिमा, सीता झील का निर्माण, नव्य अयोध्या के नाम से उपनगरी और अयोध्या से गोरखपुर तक सिक्स लेन प्रोजेक्ट का भी शिलान्यास कर सकते हैं।
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