माता-पिता का कर्ज मृत्युपर्यंत कोई नहीं चुका सकता। यह रिश्ता सबसे अनमोल है और जब इसे निभाने की चाह हो तो निर्धनता, आयु या कोई और बहाना कभीनहीं रोक सकता। राजस्थान के उदयपुर जिले के अदवास गांव केएक जरूरतमंद परिवार ने इस बात काे सिद्ध किया है। जगत-जयसमंद सड़क मार्ग पर बीमार मां को इलाज के लिए ठेले पर बैठाकर तीन किमी दूर अस्पताल ले जा रहे 8 वर्षीय और 6 वर्षीय दोनों भाई । इन दोनों बच्चों को आज के श्रवण कुमार कहना कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी।
ध्वस्त चांदन पुल से नहीं रुकी आवाजाही, हो सकता है हादसा
बिहार केबांका जिले केचांदन पुल कोधवस्त हुए 68 दिन बीत गए। जिला प्रशासन ने पुल के दाेनाें छाेर पर दीवार देकर आवागमन बंद कर दिया। जिला मुख्यालय आने के लिए चार प्रखंड सहित दर्जनाें गांवाें के लाेग राेजाना अपनी जान जोखिम में डाल इस धवस्त पुल पर सफर कर रहे है। पुल हाेकर कार्यालय तो कोई अन्य जरूरी काम काे इस पुल पर सफर कर रहे हैं। दाे दिन से जिले भर में भारी बारिश के बाद चांदन नदी में जलस्तर बढ़ने से धवस्त चांदन पुल कभी नदी में समा सकता है और बड़ा हादसा हो सकता है।
मंजूरी के बाद भी कुटमा और डेंगुरजोर नालेमें पुल नहीं बन पाया
छत्तीसगढ़ के जशपुर मेंवन विभाग से मंजूरी मिलने के बावजूद भी कुटमा और डेंगुरजोर नाला में पुल नहीं बन पाया है। अब बारिश में जान जोखिम में डालकरतीन पंचायत के रहवासी सहित सैकड़ों लोग उफनते नाले को पार करने को मजबूर हैं।पुल नहीं बनने से ज्यादा बारिश होने पर बगीचा ब्लाक स्थित कलिया, साहीडाँड़ और कुटमा स्थित गांव कई बार टापू में तब्दील हो जाते हैं। ग्रामीण तेज बहाव होने के बावजूद कई बार मजबूरी में नाले को पार करने की कोशिश करते हैं। इससे वे कई बार हादसे का शिकार बन जाते हैं।
सतर्क रहें, सुरक्षित रहें
छत्तीसगढ़ कीराजधानी रायपुरमें प्रमुख चौक-चौराहों पर मास्क नहीं पहनने और ट्रैफिक नियमों का पालन नहीं करने वालों को अब यमराज और चित्रगुप्त आगाह करते हुए समझाइश दे रहे हैं। स्मार्ट सिटी और ट्रैफिक पुलिस के इस अभियान में लोगों को बता रहे हैं कि वो खुद के साथ दूसरों की जिंदगी को भी खतरे में डाल रहे हैं। सतर्क रहें, सुरक्षित रहें।
खुद सुरक्षित रहेंगे तभी परिवार को पाल सकेंगे
फोटोपंजाब के तरनतारन जिले के गोइंदवाल साहिब के बाजार की है।यहांपर सुबह के समय 20 मजदूर काम पर जाने के दौरान एक ही गाड़ी में सवार थे। किसी ने न तो मास्क लगाया थाऔर न सोशल डिस्टेंसिंग को लेकर जागरूक दिखे। अगर ऐसी लापरवाही करेंगे तो महामारी को कैसे राेक पाएंगे। ऐसे में यह तो कोरोना संक्रमण फैलने के लिए खुलेआम न्यौता है।दो जून की रोटी के लिए मजदूरी जरूरी है, लेकिन जब खुद सुरक्षित रहेंगे तभी तो परिवार का पालन-पोषण कर सकेंगे।
जड़ों पर डाली मिट्टी बारिश में बही, क्या ऐसे बचाएंगे पेड़
चंडीगढ़ मेंसेक्टर-18/19 की डिवाइडिंग रोड पर कुछ पुराने पेड़ हैं। इनकी जड़ें बाहर निकल आई हैं। लेकिन इन्हें बचाने के लिए जो प्रयास किए जा रहे हैं, वे बचकाना हैं। पेड़ों की जड़ों पर मिट्टी डाली गई, जो अगले दिन बारिश में बह गई। शहर में ऐसे बहुत पेड़ हैं। थोड़ी हवा और बारिश आने पर कई सेक्टर्स में पेड़ गिर जाते हैं, क्योंकि इनकी जड़ें बहुत ऊपर हैं। नए पौधे लगाना जरूरी है, लेकिन जो बड़े हो चुके हैं, उन्हें भी तो बचाना जरूरी है।
खाली ड्रम के बने नाव से पार करने को मजबूर ग्रामीण
बिहार के किशनगंज मेंबीते दो दिनों से प्रखंड क्षेत्र में रुक-रुककर हो रही बारिश और नेपाल के जलग्रहण क्षेत्रों में बारिश होने की वजह से प्रखंड क्षेत्र से होकर बहने वाली दो बड़ी नदी कनकई और बूढ़ी कनकई नदी के जलस्तर में सामान्य बढ़ोतरी हुईहै। परंतु दो दिनों से लगातार हो रही बारिश पानी से प्रखंड क्षेत्र के कई सड़कें कीचड़ में तब्दील हो गया है। कई डायवर्सन के ऊपर से पानी बहने लगा है।हरूवाडांगा बाजार से आगे बढ़ते ही मदरसा टोला के समीप डायवर्सन में चार से पांच फीट पानी भरने से बाइक सवार खाली ड्राम के बने नाव के सहारे डायवर्सन को पार करने को मजबूर हो रहेहैं।
धान की फसलों को पहुंचाया नुकसान
दो बार आकर वापस लौटने के बाद अब तक राजस्थान सीमा के पास मंडरा रहा टिड्डी दल शनिवार दोपहर को फिर से हरियाणा में घुस आया। सिरसा के रास्ते से एंट्री करते हुए 5 किलोमीटर लंबा व 5 किलोमीटर चौड़ा टिड्डियों का दल सिरसा, भिवानी व रेवाड़ी क्षेत्र के 60 से ज्यादा गांवों में घुमा। फसलों पर न बैठने से रोकने के लिए किसान पटाखे, पीपे व ढोल बजाते रहे। टिड्डी ने कई जगह खेतों में खड़ी कॉटन व धान की फसल को नुकसान भी पहुंचाया। सरकार ने टिड्डी दल से फसलों को बचाने के लिए 12 जिलों में प्रशासन को अलर्ट किया हुआ है।
बारिश में आकार लेने लगा कर्नाटक का जोग झरना
फोटो कर्नाटक के शिवमोगा में833 फीट की ऊंचाई से गिर रहे जोग वाटरफॉल की है। मानसूनी बारिश में यह झरना धीरे-धीरे नैसर्गिक आकार ले रहा है। यहां से चार झरने राजा, रानी, रोवर और रॉकेट शरावती नदी में गिरते हैं। इस खूबसूरत झरने को देखने के लिए जून से जनवरी के बीच देश-दुनिया से करीब 10 लाख लोग पहुंचते हैं।
अहिल्याबाई होलकर द्वारा निर्मित सराय और बावड़ी हुई जीर्ण-शीर्ण
मध्यप्रदेश केकरही से 15 किमी दूरी पर रोश्याबारी गांव के पास विंध्याचल पर्वत श्रंखला में अहिल्याबाई होलकर ने कुलाला पानी के नाम से सराय का निर्माण कराया था। वे इस जगह का उपयोग महेश्वर से इंदौर जाते समय अपने सैनिकों व घोड़ाें के ठहरने के लिए करती थीं। सराय के सामने की ओर कुंड है। इसकी झिरों का पानी सालभर नदी में बहता रहता है। देखरेख के अभाव में यह विरासत जीर्ण-शीर्ण हो गई है।
आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
from Dainik Bhaskar /local/delhi-ncr/news/mother-became-ill-in-rajasthan-then-two-young-sons-were-taken-to-the-hospital-3-kilometers-away-on-the-handcart-127504484.html
https://ift.tt/2W9Qb6B
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
If you have any doubt, please let me know.