सोमवार, 27 जुलाई 2020

मोबाइल-कम्प्यूटर एडिक्शन के मरीज 4 गुनातक बढ़े, 8वीं से छोटी क्लास के बच्चों में भी आ रही समस्याः सर्वे

लॉकडाउन में लोगों का डिजिटल एक्सपोजर बढ़ा है। कंप्यूटर-मोबाइल, सोशल मीडिया, ऑनलाइन गेम्स, वेब सीरीज, मूवी, टीवी शो, ई-स्पोर्ट्स आदि में लोग खासा समय लगा रहे हैं। नतीजा रहा कि छात्रों व युवाओं में मोबाइल-इंटरनेट एडिक्शन बढ़ा है। ऐसे मरीज 4 गुना तक बढ़ गए हैं।

मुंबई, दिल्ली, पुणे, चेन्नई, हैदराबाद, बेंगलुरू जैसे बड़े शहरों के अलावा औरंगाबाद, आगरा, मेहसाणा, सिक्किम और मध्य प्रदेश, राजस्थान व हरियाणा के छोटे शहरों में भी मरीज बढ़ रहे हैं। यह बात केंद्र सरकार के दो शीर्ष एडिक्शन ट्रीटमेंट सेंटर के आकलन में सामने आई है। पहले 10वीं या इससे बड़ी क्लास के छात्रों में ये लत ज्यादा थीं, अब 8वीं या इससे छोटी क्लास के बच्चे एडिक्ट होने लगे हैं।

पॉर्न कंटेंट देखने की लत भी बढ़ी

22-35 वर्ष के युवाओं में तो अश्लील कंटेंट देखने की लत भी बढ़ गई। ब्रिंज वॉचिंग यानी 120 मिनट से अधिक लगातार टीवी देखना बढ़ा है। डिजिटल बर्न आउट (थकान), डूम सर्फिंग (कोरोना सर्चिंग) जैसी समस्याएं भी आ रही हैं।

बेंगलुरू के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ एंड न्यूरोसाइंसेस (निम्हांस) परिसर के शट (सर्विसेस फॉर हेल्दी यूज ऑफ टेक्नोलॉजी) क्लिनिक में वर्ष 2014 से कार्य कर रहे क्लीनिक प्रमुख और प्रोफेसर डॉ. मनोज कुमार कहते हैं कि लॉकडाउन के पहले रोज 1-2 मरीज आते थे। अब 3-4 मरीज संपर्क कर रहे हैं।

वहीं, दिल्ली के ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस (एम्स) के बिहेवियरल एडिक्शन्स क्लीनिक के कंसल्टेंट इंचार्ज डॉ. यतन पाल सिंह बल्हारा कहते हैं कि पहले हम रोज 2-3 ऐसे मरीज देखते थे, अब यह आंकड़ा 10 से 12 हो गया।

हाल ही में कॉलेज छात्रों पर कराए हमारे एक सर्वे में 51% छात्रों ने माना कि लॉकडाउन के बाद से उनकी गेमिंग हैबिट बढ़ी हैं। छात्र सुबह आठ से दोपहर तक लैपटॉप या मोबाइल पर होते हैं। इतने समय वे पढ़ाई ही कर रहे हैं, जरूरी नहीं।

बल्हारा कहते हैं कि महिलाएं भी सोशल मीडिया और वेब सीरीज या मूवी के लिए अधिक समय स्क्रीन पर बिताती हैं। 40 से अधिक उम्र के वयस्क पुरुष गेम, पोर्न और वेब सीरीज अधिक देख रहे हैं। लोग मोबाइल-कंप्यूटर पर ज्यादा वक्त तक एक्टिव रहते हैं।

3 बातों से समझें- आप डिजिटल एडिक्शन के शिकार तो नहीं हो रहे

  • लगातार तलब लगी रहे।
  • एक बार प्रयोग के बाद फिर आपके रुकने में समस्या आए और फिर आप मोबाइल उठा लें।
  • पता होते हुए भी कि जीवन प्रभावित हो रहा है, खेलने, सोने, खाने या कहीं आने-जाने में देरी हो रही फिर भी मोबाइल या स्क्रीन न छोड़ पाएं।

सावधानी:

  • 30 मिनट से ज्यादा न हो स्क्रीन एक्सपोजर।
  • एक बार में 30 मिनट से अधिक स्क्रीन पर न रहें।
  • अगर ज्यादा देर तक रहना है, तो हर 30 मिनट बाद 10 बार पलकें झपकाएं।
  • 10 बार सिर को लेफ्ट-राइट और अप-डाउन करें। कलाइयों को क्लॉक वाइस और एंटी क्लॉक वाइस घुमाएं।


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22-35 वर्ष के युवाओं में तो अश्लील कंटेंट देखने की लत भी बढ़ गई। ब्रिंज वॉचिंग यानी 120 मिनट से अधिक लगातार टीवी देखना बढ़ा है। (प्रतीकात्मक फोटो)


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