मंगलवार, 14 जुलाई 2020

बिहार: बक्सर जिले में नदियां उफान पर, लोग जान जाेखिम में डालकर चचरी पुल से कर रहे नदी पार

बारिश के साथ ही बिहार के बक्सर जिले के विभिन्न प्रखंडों की नदियों में उफान आने लगा है। चौसा, आलमनगर के बाद अब कुमारखंड प्रखंड की नदियों का जलस्तर भी बढ़ने लगा है। इस कारण से विभिन्न जगहों पर पुल नहीं रहने के कारण चचरी भी या तो बह गई या फिर जर्जर चचरी से लोग जान जोखिम में डालकर आवागमन करने को विवश हैं। कुमारखंड प्रखंड क्षेत्र में लगातार कई दिनों से हो रही बारिश के कारण सुरसर नदी के जलस्तर में लगातार वृद्धिहो रही है।

बाढ़ से बचाव की तैयारी,एक-एक बोरीमिट्टी लेकर रास्ते में किया भराव

फोटो झारखंड के हजारीबाग जिला के इचाक प्रखंड में उग्रवाद प्रभावित बभनी, बांका गांव की है। हर साल बारिश के दिनों में नाला उफान पर होता है और गांव के लोग प्रखंड मुख्यालय से कट जाते हैं। इचाक प्रखंड से 15 किमी दूर इन गांवों में अबतक सरकार नहीं पहुंची तो ग्रामीणों ने खुद पहल की।

गांव के 50महिला-पुरुषों ने चार दिनों में रास्ता बनाया और नाले पर बांस-बल्ली का पुल भी तैयार कर लिया। ग्रामीणों ने सोमवार को पुल का उद‌्घाटन भी दिलचस्प अंदाज में किया। 500 महिलाएं पैदल चलकर पुल को पार की। वे एक-एक बोरा मिट्टी भी साथ ले गईं, ताकि रास्ते के गड्ढे का भराव किया जा सके।

बिहपुर के गोविदपुर में स्कूलका भवन कट रहा

बारिश के बाद कोसी और गंगा नदी के जलस्तर में वृद्धि जारी है। इससे बिहार के बिहपुर, खरीक, इस्माइलपुर, रंगरा सहित अन्य प्रखंडके कई गांवों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। वहीं बिहपुर प्रखंड के हरिओ पंचायत के गोविंदपुर गांव में भीषण कटाव जारी है। सोमवार कोमिडिल स्कूल का तीन चौथाई भवन कोसी में समा गया।

ग्रामीणोंने बताया कि स्कूल का शेष भाग कभी भी नदी में विलीन हो सकता है। यहां दो दिन में सात घर कटाव की भेंट चढ़ चुके हैं। इससे पहले करीब एक माह पूर्व 50 से अधिक घर कोसी की गोद में समा चुके हैं। ग्रामीणों के अनुसार गांव की 95 प्रतिशत आबादी विस्थापित हो चुकी है।

नेपाल में लगातार बारिश से बिहार की नदियां उफान पर

नेपाल में लगातार हो रही बारिश के बाद उत्तर बिहार की नदियों में तेज़ उफान है। खासकर गंडक, कोसी, बागमती, कमला बलान, भूतही बलान, अधवारा, महानंदा और परमान नदियों के जलस्तर में वृद्धि हो रही है। ये नदियां लगातार खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। आगे भी जलस्तर में बढ़ोतरी की संभावना व्यक्त की गई है।

गंडक नदी पर वाल्मीकिनगर में जबकि कोसी पर वीरपुर में बराज है। देर रात यहां पानी का तेज़ दबाव उत्पन्न हो गया। सोमवार की सुबह तक वाल्मीकिनगर बराज पर 2.60 लाख क्यूसेक पानी था। कोसी के वीरपुर बराज पर पानी की मात्रा 2.46 लाख क्यूसेक पर पहुंच गई है।

पांचोता में ढाई घंटे बारिश, कुंड भी लबालब

राजस्थान के नागौर में सोमवार को क्षेत्र में ढाई घंटे तेज बारिश हुई। बारिश से क्षेत्र के जल स्त्रोत पानी से लबालब हो गए। पास ही स्थित धार्मिक स्थल पांचोता कुंड सोमवार को इस सीजन की पहली तेज बारिश से भर गया। वही पांचोता कुंड के आस-पास की पहाड़ियों से लबालब नाले बहने लगे। पांचोता क्षेत्र में सुबह से ही रुक-रुक कर हल्की बारिश आ रही थी।इससे नाले पूरे उफान के साथ बहने लगे। पहाड़ी के पास स्थित इस नाले को पार करने के दौरान एक बाइक सवार की बाइक तक बह गई। वही एक ट्रैक्टर भी नाले में फंस गया।

314 लाख क्यूसेक पानी छूटा

नेपाल में हो रही भारी बारिश के कारण वाल्मीकि डैम से पानी का डिस्चार्ज हर घंटे हो रहा है। नेपाल में मध्यम दर्जे की बारिश होने पर 2-2 घंटे के अंतराल पर पानी छोड़ा जाता है। दो दिनों से भारी बारिश के कारण प्रति घंटे डिस्चार्ज हो रहा है। सोमवार का सर्वाधिक डिस्चार्ज 3 लाख 3 हजार 800 क्यूसेक बता गया। इससे दियारे के हालात आज और बिगड़ सकतें हैं।

कोरोना पॉजिटिव मरीज को ले जा रही एंबुलेंस पंक्चर, स्वास्थ्यकर्मियों ने बनाया

फोटो छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले के पत्थलगडा की है। सोमवार को कोरोना संक्रमित मरीजों को लाने के लिए पत्थलगड़ा पहुंचे स्वास्थ्य कर्मी असहज दिखे। पत्थलगडा गांव से एंबुलेंस में एक संक्रमित मरीज को बैठाकर दूसरे मरीज को लाने के लिए दुंबी गांव पहुंचे तो 108 एंबुलेंस पंक्चर हो गया। स्वास्थ्य कर्मी पीपीई किट पहने थे और गर्मी से परेशान थे। आसपास कोई गैरेज व मिस्त्री के नहीं मिलने के बाद उन्होंने पीपीई किट पहने ही एंबुलेंस का टायर बदला व दूसरे मरीज को लेने के लिए गये।

पहली बार रंगीन ध्वजों से सजाया सवारी मार्ग

श्रावण में महाकालेश्वर की दूसरी सवारी सोमवार को नए मार्ग पर ही निकाली गई। सवारी मार्ग को पहली बार रंगीन ध्वजों से सजाया गया। लाल कारपेट, गमले, रंगोली से सजे मार्ग पर एक जगह श्रद्धालु ने गुलाब की पंखुड़ियां भी बिछा दी। सवारी जब रामघाट से वापस लौटी तो देवी हरसिद्धि मंदिर के सामने पहली बार अद्भुत नजारा बन गया।

मंदिर के द्वार पर आतिशबाजी की वंदनवार थी। मंदिर के द्वार पर हरसिद्धि मंदिर प्रबंध समिति की ओर से दामाद महाकाल का पूजन कर आरती कर सोला-उत्तरीय, साफा, मिठाई, फल, पंचमेवा भेंट किए। महाकाल मंदिर प्रबंध समिति ने वधु हरसिद्धि के लिए सुहाग जोड़ा भेंट किया।

माना जाता है कि पानी में नहीं तैरता सिंहवंश

आमतौर पर आपने शेरों को तैरते हुए नहीं देखा होगा। लेकिन गुजरात में जूनागढ़ के रावल तालाब का एक वीडियो सामने आया है। इसमें तीन शेर तैरकर तालाब पार करते दिखाई दे रहे हैं। यह वीडियो वनक्षेत्र के बीटगार्ड आरएस सारला ने अपने कैमरे में कैद किया है। गिर पूर्व वन विभाग के डीएफओ डॉ. अंशुमान शर्मा ने बताया कि हो सकता है शेरों ने शिकार की तलाश में तालाब पार किया हो। यह वीडियो इस बात को गलत ठहराता है कि सिंहवंश पानी में तैर नहीं सकता।

यहां आपको दिखेंगे काले हिरणों के झुंड

सावन में हरियाली बढ़ने के साथ बारां जिले में सोरसन व उसके आसपास का इलाका काले हिरणों को सुकून दे रहा है। इन दिनों घास से लेकर पानी और अन्य स्थितियां इनके लिए बेहतर हो गई हैं और इसी कारण आपको हिरणों के झुंड आसानी से नजर आ जाते हैं। इस इलाके की खासियत ये है कि यहां ग्रामीणों ही हिरणों की सुरक्षा के लिए सारे इंतजाम करते हैं। इसी कारण यहां हिरणों की तादाद लगातार बढ़ रही है। वन विभाग के अधिकारियों के अनुसार सोरसन व उसके आसपास के इलाके में 2400 से अधिक काले हिरण हैं।



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Rivers of various blocks of Bihar's Buxar district are on the rise


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