महाराष्ट्र के अकोला में चार कलाकारों ने 10 दिन में चॉकलेट से गजानन की प्रतिमा तैयार की है। यह दो फीट ऊंची और 12 किलो वजनी है। कलाकर बताते हैं कि प्रतिमा को आकर्षक बनाने में फ्रूट कलर्स का इस्तेमाल किया है। दूध में विसर्जित कर इसे प्रसाद के तौर पर बांटा जा सकेगा। आज देशभर में गणेश चतुर्थी मनाई जाएगी।
विराजमान होंगे प्रथम पूज्य श्री गणेश
गणपति महोत्सव आज से शुरू हो रहा है। जिसकी तैयारियां शहरवासियों व धर्मप्रेमियों ने कर ली हैं। कोविड-19 के प्रकोप के चलते इस बार शहर में बड़े पंडाल नहीं लगेंगे। बल्कि सोशल डिस्टेंस को ध्यान में रखते हुए घरों-मंदिरों में गणपति जी विराजमान होंगे। पंजाब के बरनाल जिले के दुकानदार और कारीगरों ने बताया कि इस बार लोग गणपति जी की छोटी प्रतिमाएं लोग जा रहे हैं।
भक्त आज बांधेंगे मन्नती नारियल
बूढ़ापारा का गणेश मंदिर... रायपुर में इकलौती जगह है जहां बप्पा को विघ्नहर्ता के रूप में स्थापित किया गया है। भगवान का सिंहासन 75 किलो चांदी से बना है। वहीं उनके प्रिय गण मूषक की प्रतिमा भी करीब 4 किलो चांदी से बनी है। गणेशोत्सव में भक्त मनोकामना की पूर्ति के लिए यहां नारियल बांधते हैं। जिन भक्तों की मनोकामना पूरी हो जाती है वे नारियल फोड़ने के लिए मंदिर वापस आते हैं। यहां स्थापित प्रतिमा दक्षिणमुखी है।
खरीदारी के लिए निकले, सोशल डिस्टेंसिंग भूले
फोटो मुंबई के दादर बाजार की है। शुक्रवार को गणेश चतुर्थी के लिए खरीदारी करने घरों से निकले लोग सोशल डिस्टेंसिंग भूल बैठे। देश में कोरोना संक्रमण से सबसे बुरी तरह प्रभावित राज्य से भीड़ की ऐसी तस्वीरें डराने वाली हैं। त्योहार जरूर मनाइए, लेकिन एहतियात के साथ। ताकि उल्लास और समृद्धि के पर्व में कोरोनावायरस आपकी खुशियों को ग्रहण न लगा पाए। खरीदारी करने बाजार जरूर जाएं, लेकिन पर्याप्त दूरी रखना न भूलें।
वायरस का खौफ देखिए
कोरोनाकाल ने इंसान को सोचने पर मजबूर कर दिया है। भीड़ में कहीं वायरस न हो जाए, इसका खौफ जागरूक लोगों पर साफ देखने को मिल रहा है। औरंगाबाद के अंबा स्थित कुटुम्बा प्रखंड परिसर में आरटीपीएस काउंटर बंद है। जबकि आधार कार्ड काउंटर चालू है। यहां रोजाना 40 लोगों का ही आधार कार्ड बनाया जा रहा है।
लिहाजा लोग काउंटर खुलने से पहले ही पहुंचकर अपने बजाय लोग ईंट-पत्थर को कतार में लगा दे रहे हैं। ताकि वह कहीं छूट न जाएं। काउंटर सुबह 10 बजे से शाम के चार बजे तक संचालित होता है। दोपहर में काफी भीड़ रहती है। लिहाजा भीड़ से बचने के लिए ईंट-पत्थर को लाइन लगाने का हथियार बना रहे हैं।
जल, जंगल, जमीन हमारी जान
चतरा में 9 कोल परियोजना की यह तस्वीर झारखंड की नई ऊर्जा का अप्रतिम उदाहरण है। दीप सी आकृति जमीन की समृद्धि बताती है। हरियाली से समृद्ध झारखंड के लिए जैसे पानी इस दीपक को रोशन कर रहा है।
पुलिस ने तैयारियों को परखा
गणेशोत्सव और मोहर्रम के दौरान कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए गुना पुलिस ने शुक्रवार को अपनी तैयारियों को परखा। इस दौरान लाल परेड ग्राउंड पर मॉक ड्रिल रखी गई। बलवा आदि की स्थितियों में पुलिस किस तरह के कदम उठाएगी और इस दौरान इस्तेमाल होने वाले हथियारों का परीक्षण भी किया गया। सब कुछ रूटीन ही था लेकिन एक मामले में गड़बड़ी हो गई। ड्रिल के दौरान आंसू गैस का एक गोला वहां खड़े पुलिसकर्मियों के पास ही फट गया। इससे उठे धुंए से बचने के लिए पुलिसकर्मियों को तेज दौड़ लगाना पड़ी।
80 फीट ऊंचाई से गिरता है पानी
शिवपुरी जिले के खनियांधाना से 12 किमी दूर घने जंगल में पनरियानाथ मंदिर है। बरसात में यहां 80 से 90 फीट ऊंचाई से पानी गिरता है। यहां प्राचीन शिवलिंग भी है, जिस पर साल भर प्राकृतिक जलाभिषेक होता है। इसलिए इस स्थल को लोग पनरियानाथ के नाम से जानते हैं। यहां कई सैलानी आते हैं।
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