5 अगस्त को रामलला मंदिर के लिए होने वाले भूमिपूजन की लगभग सभी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। 100 करोड़ रुपए से बनने वाले मंदिर के लिए भक्त श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को खूब दान-दक्षिणा भी भेज रहे हैं। कोषाध्यक्ष गोविंद देव गिरी महाराज कह चुके हैं कि इस समय उनके पास दान में आए लगभग 15 करोड़ रुपए रखे हुए हैं।
लॉकडाउन में सबसे बड़ा दान 2 करोड़ रुपए का आया है। पिछले पांच महीनों में लगभग 5 करोड़ रुपए आ गए हैं। जबकि पहले से आए दान के 10 करोड़ रुपए हैं। मोरारी बापू ने जिस फंड में 5 करोड़ रु देने के लिए लोगों से अपील की थी उसमें 18 करोड़ रुपए आ गए हैं।
इस तरह लगभग 33 करोड़ रुपए का दान ट्रस्ट के पास माना जा सकता है। पटना के हनुमान मंदिर के महावीर ट्रस्ट से ही 2 करोड़ रु का चंदा आया है। जानकारी यह भी है कि महावीर ट्रस्ट 10 करोड़ रु का चंदा देगा, हर साल 2-2 करोड़ रु की किश्त भेजी जाएगी।
इसके अलावा ट्रस्ट की मीटिंग में तय किया गया है कि मंदिर के दान के लिए बाकायदा अभियान चलाया जाएगा। इसके लिए विज्ञापन दिए जाएंगे और सोशल मीडिया पर कैंपेन भी चलाया जाएगा। ट्रस्ट के लोग गांव-गांव, घर-घर जाएंगे और सेवा का अनुरोध करेंगे। साथ ही देश के बड़े बिजनेसमैन और नेताओं से भी दान की अपील करेंगे।
ट्रस्ट के दफ्तर में रोज पचासों फोन आते हैं, यह पूछने कि दान कहां और कैसे दें
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कार्यालय प्रभारी राम प्रकाश गुप्ता बताते हैं कि हमने दान के लिए अपनी अकाउंट डिटेल हर जगह दे रखी है। सोशल मीडिया पर भी डाली है। लेकिन, फिर भी हर दिन पचासों फोन ये पूछने के लिए आते हैं कि दान कहां और कैसे दें। कोई 500 तो कोई 5000 रुपए रामलला को भेंट करना चाहता है।
लोग कहते हैं, इन दिनों ऑनलाइन फ्रॉड खूब हो रहा है इसलिए वे अकाउंट डिटेल पुख्ता करना चाहते हैं। वो कहते हैं, लोग कुरियर और डाक से चेक भी भेज रहे हैं। कोरोना के कारण बाहर से अयोध्या रामलला के दर्शन करने अभी कम लोग आ रहे हैं, जब लोग आने लगेंगे तो दान और भी बढ़ेगा।
क्विंटल भर से ज्यादा चांदी और 500 से ज्यादा कलश आ चुके हैं
देश भर से लोग रामलला को चांदी की ईंट भेंट करने का ऐलान कर रहे हैं, लेकिन ट्रस्ट उन्हीं शिलाओं की गिनती कर रहा है जो कार्यालय के रिकॉर्ड में आ रही है। अनुमान है कि अब तक क्विंटल भर से ज्यादा चांदी की शिलाएं आ चुकी हैं। हालांकि, ट्रस्ट ने अपील की है कि चांदी की ईंट के बजाए रुपए अकाउंट में डालें।
वहीं, लगभग 500 से ज्यादा कलश कार्यालय पहुंच गए हैं, जिनसे पूरा एक कमरा भर गया है। इसमें हथेली की साइज से लेकर बड़े बड़े फूल के कलश भी शामिल हैं। लोग तो थोड़ी-थोड़ी मिट्टी भी कुरियर के जरिए भेज रहे हैं। कार्यालय में कुरियर का ढेर लग गया है।
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