मंगलवार, 20 अक्तूबर 2020

जदयू के हरिनारायण पिछली बार 75 के थे, अब 73 के हैं; पूनम देवी 5 साल से 48 की हैं, माले की शशि की उम्र 6 साल में 11 साल बढ़ी

5 साल पहले अगर आपकी उम्र 25 साल थी, तो जाहिर है कि अब आप 30 साल के हो गए होंगे। प्रकृति का नियम भी यही कहता है। लेकिन, प्रकृति का ये नियम नेताओं पर शायद लागू नहीं होता। क्योंकि, ये नेता 5 साल पहले जितनी उम्र के थे, अब उनकी उम्र या तो घट गई है या पांच साल से ज्यादा बढ़ गई है या फिर उतनी ही है।

बिहार चुनाव के दूसरे फेज के लिए कैंडिडेट्स का नॉमिनेशन हो चुका है। हमने दोनों बड़े गठबंधनों के उन कैंडिडेट्स की डीटेल निकाली, जो पहले भी चुनाव लड़ चुके हैं, तो कई कैंडिडेट्स की उम्र में घोटाला दिखा। जिन कैंडिडेट्स की उम्र में एक साल का हेरफेर था, उन्हें छोड़ने के बाद भी 10 नाम ऐसे मिले, जिनकी उम्र में घोटाला था। (पहले फेज के कैंडिडेट्स का उम्र घोटाला यहां पढ़ें) चलिए एक-एक करके जानते हैं इनके बारे में...

वो, जिनकी उम्र 5 साल में 5 साल से ज्यादा बढ़ गई

रेणु देवीः 5 साल में 8 साल बढ़ गईं

रेणु देवी बेतिया सीट से भाजपा की उम्मीदवार हैं। यहां से पहले चार बार विधायक रह चुकी हैं। 2015 में हार गई थीं। रेणु देवी की उम्र 5 साल में 8 साल बढ़ी है। इस बार उन्होंने जो एफिडेविट दाखिल किया है, उसमें अपनी उम्र 60 साल बताई है। जबकि, 2015 के वक्त इनकी उम्र 52 साल थी।

रवि ज्योतिः 5 साल में 9 साल बढ़ गए

रवि ज्योति इस बार राजगीर सीट से कांग्रेस के टिकट पर लड़ रहे हैं। पिछली बार जदयू के टिकट पर यहां से जीते थे। लेकिन, इस बार टिकट कटने से नाराज होकर उन्होंने जदूय छोड़कर कांग्रेस ज्वॉइन कर ली। रवि ज्योति वो हैं, जिनकी उम्र 5 साल में 5 साल नहीं, बल्कि 9 साल बढ़ी है।

2015 में वो 42 साल के थे और इस बार एफिडेविट में अपनी उम्र 51 साल बताई है।

शशि यादवः 6 साल में 11 साल बढ़ गईं

आप भी सोचेंगे कि कोई 6 साल में 11 साल कैसे बढ़ सकता है। यानी देखा जाए तो हर साल दो बार बर्थडे मनाया। भाकपा (माले) की शशि यादव के साथ तो ऐसा ही हुआ है। शशि यादव दीघा सीट से भाकपा (माले) की कैंडिडेट हैं। शशि यादव ने 2014 का लोकसभा चुनाव नालंदा सीट से लड़ा था, लेकिन हार गई थीं। उस समय उन्होंने एफिडेविट में अपनी उम्र 40 साल बताई थी। 6 साल बाद वो दीघा से विधानसभा चुनाव लड़ रही हैं और इस बार उन्होंने अपनी उम्र 51 साल बताई है।

वो, जिनकी उम्र 5 साल में एक या दो साल ही बढ़ी

नारायण प्रसादः 5 साल में एक साल ही बढ़े

नारायण प्रसाद 1985 से राजनीति में हैं। नौतन सीट से भाजपा के उम्मीदवार हैं। पिछले चुनाव में यहां से पहली बार जीते थे। आमतौर पर कोई भी व्यक्ति 5 साल में 5 साल बढ़ता है, लेकिन ये ऐसे हैं, जो 5 साल में सिर्फ एक साल ही बढ़े।

उनके एफिडेविट में 2015 में उम्र 60 साल बताई गई थी और इस बार अपनी उम्र 61 साल बताई है।

पंकज मिश्राः 5 साल में दो साल ही बढ़े

पंकज मिश्रा रुन्नीसैदपुर सीट से जदयू के उम्मीदवार हैं। पिछली बार रालोसपा के टिकट पर यहीं से खड़े हुए थे, लेकिन हार गए थे। इस बार जदयू के टिकट पर लड़ रहे हैं। ये भी ऐसे हैं, जिनकी उम्र 5 साल में दो साल ही बढ़ी। 2015 में ये 44 साल के थे और अब 46 साल के हैं।

आशा देवीः 5 साल में उम्र 52 से 54 हुई

आशा देवी भाजपा के टिकट पर दानापुर सीट से लड़ रही हैं। पिछले चार चुनावों से यहां से जीत रही हैं। आशा देवी उन नेताओं में हैं, जिनकी उम्र 5 साल में दो साल ही बढ़ी। आशा देवी 2015 में 52 साल थीं और अब 54 की हैं।

रणविजय सिंहः ये भी 5 साल में दो साल ही बढ़े

रणविजय सिंह 2015 में बख्तियारपुर सीट से पहली बार जीते थे। इस बार भी यहीं से भाजपा के उम्मीदवार हैं। पंकज मिश्रा और आशा देवी की तरह ही रणविजय सिंह भी ऐसे ही हैं, जिनकी उम्र 5 साल में दो साल ही बढ़ी। रणविजय ने 2015 में अपनी उम्र 42 साल बताई थी और इस बार 44 साल बताई है।

सुनील कुमारः 5 साल में 3 साल ही उम्र बढ़ी

2015 में सीतामढ़ी सीट से राजद के सुनील कुमार पहली बार विधायक बने थे। इस बार फिर यहीं से लड़ रहे हैं। सुनील कुमार 2015 में 39 साल के थे। तो अब उनकी उम्र कायदे से 44 साल होनी चाहिए थी। लेकिन, ऐसा नहीं है। इस बार उन्होंने जो एफिडेविट दिया है, उसमें अपनी उम्र 42 साल बताई है। यानी, 5 साल में तीन साल ही बड़े हुए। ऐसे कैसे हुआ?

वो, जो 5 साल में बढ़ने की बजाय छोटे हो गए

हरिनारायण सिंहः उम्र नहीं बढ़ी, दो साल छोटे हो गए

जदयू के हरिनारायण सिंह पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं। 1967 से राजनीति में हैं। शिक्षा मंत्री भी रहे हैं। हरिनारायण सिंह की उम्र 2015 में 75 साल थी। इस हिसाब से आज इनकी उम्र 80 साल होनी चाहिए थी। लेकिन, उम्र 80 साल तो नहीं, बल्कि दो साल और कम हो गई। ये शायद वो हैं, जो समय गुजरने के साथ छोटे होते हैं। इस बार एफिडेविट में इन्होंने अपनी उम्र 73 साल बताई है।

वो, जिनकी उम्र 5 साल में एक दिन भी नहीं बढ़ी

पूनम देवी यादवः इनकी उम्र न बढ़ी, न कम हुई

जदयू की पूनम देवी यादव 5वीं बार खगड़िया से चुनाव लड़ रही हैं। पिछले चार चुनाव से यहां से जीत रही हैं। 2015 में इन्होंने अपने एफिडेविट में बताया था कि इनकी उम्र 48 साल है। 2015 को बीते हुए 5 साल होने वाले हैं। इन 5 सालों में इनकी उम्र जरा भी नहीं बढ़ी है। वो तब भी 48 की थीं और अब भी 48 की ही हैं।

उम्र में घोटाला पार्ट-1:जदयू के सत्यदेव 1950 में पैदा हुए, उम्र बताई 61 साल, भाजपा की निक्की 5 साल से 42 की ही हैं; मंत्री जय कुमार 5 साल में 10 साल बढ़ गए



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Age Fraud In Bihar Election (Complete List 2020 Update); BJP Renu Devi, Narayan Prasad To JDU Leader Harinarayan Singh


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