1. पिछले दस दिनों में भारत में बुरेवी सहित दो तूफ़ान आए हैं और दोनों ही तूफानों में हम मानवीय क्षति को न्यूनतम रखने में सफल रहे हैं। सालों पहले हर चक्रवाती तूफान भारी मानवीय त्रासदी के अवशेष छोड़ जाता था, लेकिन अब हमने इनसे लड़ना सीख लिया है। आखिर यह कैसे संभव हुआ, एक पड़ताल...
अब काल नहीं बनते तूफ़ान! क्या तूफ़ानों से लड़ने का सलीक़ा आ गया?
2. कुछ सप्ताह पहले तक लग रहा था कि जीवन फिर से पटरी पर लौट रहा है। लेकिन कोरोना की दूसरी लहर के कारण फिल्म और मनोरंजन की पूरी दुनिया फिर दुविधा में नजर आ रही है। पढ़ें आज क्या हैं हालात...
कभी शुरू, कभी बंद : कोरोना की वजह से अब भी दुविधा में है मनोरंजन की दुनिया
3. विट्ठल पांडुरंग महाराष्ट्र के सबसे लोकप्रिय देवताओं में से एक हैं। उनके दर्शन करने के लिए हर साल लाखों वारकरी या तीर्थयात्री पंढरपुर की यात्रा करते हैं। 13वीं सदी में ज्ञानेश्वर से लेकर आज तक के ज्यादातर श्रद्धालु विट्ठल को कृष्ण का रूप मानते आए हैं।
विट्ठल पांडुरंग की कहानी : शास्त्र नहीं, भक्तों की श्रद्धा से स्थापित होते हैं भगवान
4. जिंदगी में दो तरह के दोस्त होने चाहिए। एक, बौद्धिक और दूसरे, निजी। दुनिया के सबसे बड़े निवेशक वॉरेन बफे और सबसे अमीरों में से एक बिल गेट्स की दोस्ती से जानते हैं कि बौद्धिक दोस्ती कैसी होती है। साथ ही, निजी दोस्त कैसे होने चाहिए, यह भी जानते हैं इस स्टोरी में:
सावधानी से चुनें दोस्त, क्योंकि ये ही आपकी प्रगति की राह प्रशस्त करेंगे
5. पाकिस्तान में टीवी पर एक ड्रामा "एर्तुग़ुल गाज़ी' चल रहा है। यह एक तारीख़ी ड्रामा है और मारधाड़ से भरपूर है। कुछ हफ्तों पहले जब एर्तुग़ुल ड्रामे की जानबाज़ हीरोइन आइकिज़ हातून ने टेलीविज़न स्क्रीन पर आखिरी सांसें लीं तो देखने वाली हर एक आंख उसके लिए रो रही थी।
'एर्तुग़ुल गाज़ी' की ख़ूब लड़ी वह मर्दानी, जिसने 'मौत' से पहले सबका दिल जीत लिया
6. फिल्म 'मदर इंडिया' में दिलीप साहब के मंजर से रुख्सत होते ही ‘मदर इंडिया’ वाला मसला तो नरगिस ने आकर हल कर दिया। लेकिन बिरजू के किरदार वाला मामला अब भी बाकी था। सुनील दत्त को कैसे मिला बिगड़ैल बेटे बिरजू का किरदार, पढ़िए यहां...
'मदर इंडिया' में सुनील दत्त को कैसे मिला बिगड़ैल बेटे बिरजू का किरदार...
7. किसानों द्वारा केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों का विरोध अब भारत बंद की ओर बढ़ चला है। सरकार जहां अभी भी इन कृषि कानूनों को किसान हितैषी बता रही है, वहीं किसान तीनों कानूनों को रद्द करने पर अड़े हुए हैं। ऐसे में यह जानना जरूरी है कि देश के किसान आखिर किस स्थिति में जी रहे हैं।
देश के हर किसान पर 1 लाख रु. का कर्ज, एमएसपी का लाभ सिर्फ 6% को
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