सोमवार, 8 जून 2020

मरीजों के मामले में इंदौर छठे स्थान पर; यहां पीक में 13 हजार के बजाय 9 हजार ही मरीज होंगे, फिर भी 750 बेड्स कम पड़ेंगे

देश में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या बढ़ने के बाद दिल्ली जैसे शहरों के अस्पतालों में भी बेड्स की तंगी आने लगी है। वह भी तब, जब जून अंत तक कोरोना के पीक पर आने की बात कही जा रही है। इंदौर के लिए सरकार का अनुमान था कि पीक के दौरान मरीजों की संख्या 13 हजार 400 तक पहुंच सकती है, जो ताजा आंकड़ों के बाद घटकर अधिकतम 9 हजार मानी जा रही है। इंदौर देश के टॉप-10 संक्रमितशहरों में छठे और भोपाल 10वें स्थान पर है।

इन मरीजों के हिसाब से सरकार ने इंदौर में 2000 से अधिक ऑक्सीजन बेड्स, 672 आईसीयू बेड्स और 10 हजार 700 बिना ऑक्सीजन वाले बेड्स तैयार रखने को कहा है, पर सारे संसाधन झोंकने के बाद भी स्थिति बहुत अच्छी नहीं लग रही। अगर वाकई में 9 हजार मरीज आ गए तो ऑक्सीजन वाले 600, आईसीयू वाले 150 और बिना ऑक्सीजन वाले 5 हजार बेड कम पड़ेंगे। ऐसी स्थिति में प्रशासन के पास मैक शिफ्ट अस्पताल और होम आइसोलेशन का ही रास्ता बचेगा।

भोपाल 10वें पर और इंदौर छठे नंबर पर आया

कोरोना संक्रमण के मामलों में रविवार को भोपाल 10वें स्थान पर पहुंच गया। देश में कोरोना के सबसे ज्यादा संक्रमित मरीज मुंबई, चैन्नई, अहमदाबाद और पुणे में मिले हैं। यह खुलासा केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालयके कोविड-19 इंडिया पोर्टल की रिपोर्ट में हुआ। मरीजों की संख्या में मुंबई टॉप पर है, चेन्नई दूसरे और अहमदाबाद तीसरे नंबर परहै। इंदौर का स्थान छठा और भोपाल का 10वां है।

शहर संक्रमित
मुंबई 47,354
चेन्नई 20,955
अहमदाबाद 13,967
ठाणे 12,464
पुणे 9289
इंदौर 3749
कोलकाता 2684
जयपुर 2188
सूरत 2034
भोपाल 1886

इंदौर केसरकारी अस्पताल में क्षमता बढ़ाने पर जोर

  • एमआरटीबी में अभी 100 बेड्स है। इसे 200 कर रहे हैं। इससे आईसीयू के 44 और ऑक्सीजन वाले बेड्स 60 होंगे।
  • न्यू चेस्ट वार्ड में अभी 70 बेड्स हैं। इसमें आईसीयू में छह और ऑक्सीजन बेड्स 64 हैं। यहां ऑक्सीजन बेड्स 30 और बढाएंगे इससे 94 हो जाएंगे।
  • एमटीएच में अभी 220 बेड्स हैं, इसमें 40 आईसीयू में और 180 सिलेंडर ऑक्सीजन के साथ हैं। इन्हें बढ़ाकर 350 करना है, इससे यहां आईसीयू बेड्स 70 और ऑक्सीजन बेड्स 280 हो जाएंगे।

इंदौर के अस्पतालों में बेड्स की स्थिति और कमी

  • पीक में672 आईसीयू चाहिए, जो अभी 420 हैं। सुपर स्पेशलिटी तैयार होने पर 520 हो जाएंगे। फिर भी 150 आईसीयू बेड्स की कमी होगी।
  • ऑक्सीजन वाले बेड 2016 चाहिए, जो अभी 1050 हैं। यह क्षमता 400 करीब और बढ़ेगी। फिर भी 600 बेड्स की कमी रहेगी।
  • बिना ऑक्सीजन वाले बेड्स 10 हजार 700 चाहिए। कोविड अस्पतालों में अभी 1500 करीब हैं। मैक शिफ्ट स्थिति में यह क्षमता 4000 कर सकते हैं। इसके बाद भी पांच हजार बेड्स की कमी होगी। इसे होम आइसोलेशन से पूरी करने की योजना है।

सब कुछ सुपर स्पेशिलिटी पर निर्भर
सुपर स्पेशिलिटी तैयार करने पर यहां कुल 536 बेड्स मिल सकेंगे, इसमें आईसीयू में कुल 102 बेड्स, ऑक्सीजन वाले 300 बेड्स व बिना ऑक्सीजन वाले 134 बेड्स बढ़ सकेंगे।

मेक शिफ्ट अस्पताल इसलिए, क्योंकि- कोविड अस्पतालों में बेड्स ही 3 हजार
कोविड अस्पतालों में कुल बेड्स ही तीन हजार करीब हैं। इसमें बिना ऑक्सीजन वाले 1500, ऑक्सीजन वाले 1150 और आईसीयू बेड्स 450 करीब हैं। इनकी क्षमता बढ़ी भी तो ऑक्सीजन वाले 1500 और आईसीयू 600 तक हो सकेंगे।

आपात स्थिति में फिर एमवाय का और निजी अस्पतालों को लेना पड़ेगा
यदि आपात स्थिति आती है तो प्रशासन को एक बार फिर यलो की कैटेगरी से मुक्त किए जा रहे निजी अस्पतालों को लेना होगा और इन्हें रेड में तब्दील करना होगा। वहीं 1100 बेड्स के एमवाय से भी कुछ बेड्स लेने पड़ेंगे।

15 जून तक सुपर स्पेशिलिटी तैयार करने पर फोकस
इंदौर कलेक्टरमनीष सिंह कहते हैं कि अस्पतालों की क्षमता बढ़ाने के लिए लगातार काम हो रहा है। 15 जून तक सुपर स्पेशिलिटी तैयार होने पर वहां काफी क्षमता तैयार हो जाएगी। वहीं होम आइसोलेशन में भी अब काफी मरीज जा रहे हैं।



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यह फोटो इंदौर की है। अप्रैल महीने में स्वास्थ्यकर्मी बस्तियों में जाकर भी लोगों का तापमान चेक कर रहे थे।


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