शुक्रवार, 26 जून 2020

जापान में कोरोनावायरस का इतना खौफ कि राजधानी टोक्यो समेत 4 शहर के 50% लोग गांवों में बसना चाहते हैं

जापान में 25 मई को स्टेट इमरजेंसी हटाए जाने के बाद बुधवार को पहली बार राजधानी टोक्यो में सबसे ज्यादा 55 कोरोना मरीज मिले हैं। इनमें से 9 मरीज अस्थायी रोजगार दिलाने वाली एक कंपनी के कर्मचारी हैं। 12 मरीज नाइट लाइफ के लिए मशहूर कुबिकिचो इलाके में मिले हैं। टोक्यो के गवर्नर यूरिको कोइके ने कंपनियों को अपने कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने को कहा है।

जापान में अब तक 18,024 संक्रमित मिले हैं। जबकि 963 मौतें हुई हैं। राजधानी टोक्यो, दक्षिणी शहर कितक्युशु, उत्तरी शहर होकाइदो हॉटस्पॉट हैं। जापान में एसोसिएशन ऑफ इंफेक्शियस डिजीज के अध्यक्ष काजुहिरो टेड्टा ने कहा कि अक्टूबर में देश में कोरोना की दूसरीलहर आ सकती है। इसका कारण शहरी जिंदगी को माना जा रहा है।

यह सर्वे 10 हजार लोगों पर किया गया था

कैबिनेट सचिवालय के नए सर्वे में पता चला है कि कोरोना का खौफ इतना है कि टोक्यो और उसके आसपास के शहरों कनागावा, चिबा और सीतामा के करीब 50 फीसदी लोग गांवों में बसना चाहते हैं। यह सर्वे 10 हजार लोगों पर किया गया था। दो साल पहले किए गए इसी तरह के सर्वे में 23 फीसदी लोगों ने गांवों में जाकर बसने की इच्छा जताई थी। सरकार भी ऐसे लोगों को प्रोत्साहित कर रही है।

टोक्यो महानगरीय क्षेत्र छोड़कर जो लोग गांवों में जाना चाहते हैं, उन्हें सरकार 21 लाख रुपए देगी। टोक्यो महानगरीय क्षेत्र में 3.60 करोड़ लोग रहते हैं। यहां का क्षेत्रफल 2,188 वर्ग किमी है। एक अन्य सरकारी सर्वे के अनुसार 55 फीसदी लोग अच्छे प्राकृतिक वातावरण के लिए गांवों में रहना चाहते हैं।

16%का कहना है कि वे अपने मूल निवास क्षेत्र में जाकर रहना पसंद करेंगे

जबकि 16 फीसदी का कहना है कि वे अपने परिवार के मूल निवास क्षेत्र में जाकर रहना पसंद करेंगे। उन्हें अपने लोगों की कमी महसूस होती है। इस संबंध में सरकार ने एक वेबसाइट भी तैयार की है। यह लोगों को उनके समुदाय विशेष के क्षेत्रों की जानकारी और वहां मिलने वाली सब्सिडी की जानकारी देती है।

टोक्यो की कियोको इवामुरा (40) कार कंपनी में काम करती हैं। इवामुरा कहती है, ‘मैं अपने गांव के खुले वातावरण की कमी महसूस करती हूं। इसलिए अब गांव लौटना चाहती हूं। मेरे पड़ोसी दूसरी तरह की परेशानी महसूस करते हैं। उनके घर छोटे हैं। उनके ज्यादा दोस्त भी नहीं हैं। वे खुद को अकेला महसूस करने के कारण गांव लौटना चाहते हैं।’

11 हजार रु. मासिक किराये में समुद तट पर मकान मिल रहा
अच्छे प्राकृतिक वातावरण वाले जापान के छोटे शहर नए प्रस्ताव दे रहे हैं। इनमें से एक सुवानो शहर का प्रशासन उन लोगों को 21 हजार रुपए मासिक किराये में फैमिली हाउस दे रहा है, जो 25 साल रहने का वादा कर रहे हैं। जबकि द्वीपीय शहर कुरोशिमा समुद तट के पास 11 हजार रुपए मासिक किराये में मकान दे रहा है। दूसरी ओर सरकार गांवों में रोजगार बढ़ाने पर जोर दे रही है।



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यह फोटो टोक्यो के रेस्टोरेंट की है। यहां कुर्सियों पर डिस्टेंसिंग की सलाह लिखी गई है।


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