मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के पहलेमंत्रिमंडल का विस्तार गुरुवार को होने जा रहा है। इसमें शिवराज सिंह के पिछले मंत्रिमंडल के प्रमुख चेहरों सीनियर विधायक और पूर्व मंत्री गोपाल भार्गव, भूपेंद्र सिंह, यशोधरा राजे सिंधिया, विजय शाह के साथ नए नामों को भी मौका दिए जाने पर सहमति बन गई है। शपथ कार्यक्रम सुबह 11 बजे होगा।
बताया जा रहा है कि पुराने चेहरों में पारस जैन, गौरीशंकर बिसेन, रामपाल सिंह, राजेंद्र शुक्ला, संजय पाठक, जालम सिंह पटेल और सुरेंद्र पटवा को लेकर सहमति नहीं बनी। लिहाजा इनके नामों पर देर रात तक असमंजस बरकरार रहा। वहीं, कुछ नए चेहरों को भी मौका मिल सकता है।
केंद्रीय नेतृत्व से मिले कुछ निर्देशों के साथ प्रदेश प्रभारी विनय सहस्त्रबुद्धे बुधवार को भोपाल पहुंचे। इसके बाद सीएम निवास में मुख्यमंत्री, प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, प्रदेश प्रभारी सहस्त्रबुद्धे और संगठन महामंत्री सुहास भगत के बीच तमाम उलझनों पर बात हुई।
पूर्व में यह विचार था कि मंत्रिमंडल की संख्या सीमित रखी जाए
देर रात मंत्री बनाए जा रहे सभी लोगों को फोन किए गए। राजेंद्र शुक्ला, गौरीशंकर बिसेन और संजय पाठक पर सहमति नहीं थी, लिहाजा इन्हें देर रात सीएम हाउस बुलवाया गया। राजेंद्र पांडे भी दावेदारी कर रहे थे, लिहाजा उनसे भी सहस्त्रबुद्धे ने बात की। पार्टी सूत्रों का कहना है कि पूर्व में यह विचार था कि मंत्रिमंडल की संख्या सीमित रखी जाए, लेकिन 28 मंत्री बनाए जाने और पांच मंत्री पहले से होने के बाद अब मंत्रिमंडल में सिर्फ एक पद ही रिक्त रहेगा। मप्र में विधानसभा सीटों के लिहाज से मुख्यमंत्री के साथ 34 मंत्री ही बनाए जा सकते हैं।
भाजपा के 16, इनमें 7 पुराने और 9 नए चेहरों को मिलेगा मौका
- गोपाल भार्गव
- भूपेंद्र सिंह
- यशोधरा राजे सिंधिया
- विजय शाह
- जगदीश देवड़ा
- बृजेंद्र प्रताप सिंह
- विश्वास सारंग
- प्रेम सिंह पटेल
- इंदर सिंह परमार
- ऊषा ठाकुर
- ओम प्रकाश सकलेचा
- भारत सिंह कुशवाह
- रामकिशोर कांवरे
- मोहन यादव
- अरविंद भदौरिया
- राम खिलावन पटेल
सिंधिया खेमे से 9 और कांग्रेस से भाजपा में आए 3 मंत्री बनेंगे
सिंधिया खेमे से
- महेंद्र सिंह सिसोदिया
- प्रभुराम चौधरी
- प्रद्युम्न सिंह तोमर
- इमरती देवी
- राज्यवर्धन सिंह
- ओपीएस भदौरिया
- गिर्राज दंडोतिया
- सुरेश धाकड़ (राठखेड़ा)
- बृजेंद्र सिंह यादव
कांग्रेस से भाजपा में आए
- हरदीप सिंह डंग
- बिसाहूलाल सिंह
- एंदल सिंह कंसाना
22 पूर्व विधायकों के साथ आज शिवराज-सिंधिया की वन-टू-वन
ज्योतिरादित्य सिंधिया गुरुवार को कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुए 22 पूर्व विधायकों के साथ सीएम निवास में बैठक करेंगे। इसमें मुख्यमंत्री, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष समेत प्रमुख लोग मौजूद रहेंगे। इससे पहले पार्टी दफ्तर जाएंगे व कांग्रेस से भाजपा में शामिल हो रहे लोगों को सदस्यता दिलाएंगे। अगले दिन शुक्रवार को भी हाटपिपल्या के लोगों को भाजपा में शामिल कराएंगे।
मंथन में अमृत निकलता है, विष शिव पी जाते हैं : शिवराज सिंह
बुधवार को प्रभारी राज्यपाल आनंदी बेन पटेल की शपथ हुई। गुरुवार को मंत्रिमंडल शपथ लेगा। ‘मंथन से अमृत ही निकलता है, विष शिव पी जाते हैं।’ -शिवराज सिंह चौहान (मीडिया का सवाल ‘अमृत किसे और विष किसे मिलेगा’ का जवाब)
मंथन से निकले विष को अब रोज पीना पड़ेगा : कमलनाथ
मंथन से निकले विष को तो अब रोज ही पीना पड़ेगा, क्योंकि अब तो रोज मंथन करना पड़ेगा। मंथन इतना लंबा हो गया कि अमृत तो निकला नहीं, सिर्फ विष ही विष निकला है। अमृत के लिए अब तरसना पड़ेगा। -कमलनाथ, पूर्व सीएम
20 मार्च को सरकार गिरी, 23 मार्च को शिवराज चौथी बार सीएम बने
सिंधिया समर्थक छह मंत्रियों समेत 22 विधायकों के कांग्रेस से इस्तीफा देने के बाद 20 मार्च को कमलनाथ को इस्तीफा देना पड़ा था और 15 महीने पुरानी कांग्रेस सरकार गिर गई थी। 23 मार्च को शिवराज सिंह चौहान ने चौथी बार प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। इसके 28 दिन बाद 5 मंत्रियों वाली मिनी कैबिनेट ने 21 अप्रैल को शपथ ली थी।
शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार को नई कैबिनेट में मंत्रियों के नामों को लेकर आ रही खींचतान की खबरों पर बुधवार को मीडिया के सवाल पर कहा कि, 'जब भी मंथन होता है, अमृत निकलता है। अमृत तो बंट जाता है, लेकिन विष शिव पी जाते हैं।'
प्रभारी राज्यपाल के रूप में आनंदीबेन पटेल दिलाएंगी शपथ
उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने बुधवार शाम को मध्य प्रदेश की प्रभारी राज्यपाल के तौर पर शपथ ले ली थी। इस कार्यक्रम में भी सीमित लोगों को बुलाया गया था। कोरोना को देखते हुए मंत्रिमंडल विस्तार में भी बेहद कम लोगों को राजभवन में एंट्री मिलेगी। राजभवन में सभी तैयारियां हो गई हैं। शपथ के दौरान मीडिया को एंट्री नहीं मिलेगी।
उप-मुख्यमंत्री और विधानसभा अध्यक्ष पर पेंच फंसा
भाजपा सूत्रों का कहना है कि मंत्रिमंडल के साथ-साथ विधानसभा अध्यक्ष और उप-मुख्यमंत्री पद का मुद्दा भी नहीं सुलझा है। शिवराज सिंह पूर्व नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव को विधानसभा अध्यक्ष बनवाना चाहते हैं, लेकिन सहमति नहीं बन पा रही है। अगर भार्गव को मंत्री बनाया गया तो सीतासरन शर्मा को दोबारा विधानसभा अध्यक्ष बनाया जा सकता है।
दो उप-मुख्यमंत्री बनाए जाने को लेकर भी अब तक सत्ता और संगठन के बीच तालमेल नहीं बैठ पाया है। सूत्रों का कहना है कि हाईकमान ने सिंधिया खेमे से कैबिनेट मंत्री तुलसी सिलावट और गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा को उप-मुख्यमंत्री बनाने का विकल्प प्रदेश नेतृत्व को दिया है, मगर इस पर भी सहमति नहीं बन पाई।
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