गुरुवार, 2 जुलाई 2020

टिक टॉक की पैरेंट कंपनी ने 2019 में 1.33 लाख करोड़ रुपए का कारोबार किया, इसमें भारत की हिस्सेदारी महज 43.7 करोड़ रुपए की

सुरक्षा खतरों को लेकर सोमवार शाम भारत ने 59 ऐप्स पर बैन लगा दिया, लेकिन चर्चा रही तो केवल टिक टॉक की। देश में यह ऐप न केवल युवाओं की पहली पसंद है बल्कि इसने रातों रात वीडियो बनाने वाले सैकड़ों युवाओं को स्टार बना दिया। इस ऐप पर देश में पोर्न/ अश्लील कंटेंट से लेकर डेटा सुरक्षा समेत कई आरोप लग चुके हैं।बावजूद इसके इसकी पॉपुलेरिटी पर कोई असर नहीं पड़ा।

भारत-चीन के बीच विवाद के बाद लगे बैन ने देश में इस ऐप के भविष्य पर सवाल खड़ा कर दिया है। वर्तमान में यह दुनिया का सबसे ज्यादा वैल्यूएबल ऐप है। न्यूयॉर्क के इनवेस्टमेंट फंड टाइगर ग्लोबल मैनेजमेंट की रिपोर्ट के मुताबिक, सेकेंडरी मार्केट में वैल्यूएशन 105 से 110 बिलियन डॉलर (7.9 लाख करोड़ से 8.3 लाख करोड़ रुपए) के बीच है।

2018 में 3 बिलियन डॉलर (करीब 21 हजार करोड़ रुपए) के निवेश के बाद कंपनी की वैल्यूएशन 75 अरब डॉलर (5.6 लाख करोड़ रुपए) थी। यह निवेश सॉफ्टबैंक के सोन की तरफ से किया गया था।फाइनेंशियल टाइम्स और विशेषज्ञों के मुताबिक, प्रस्तावित आईपीओ में कंपनी की वैल्यूएशन 180 बिलियन डॉलर (13.5 लाख करोड़ रुपए) तक जा सकती है।

कोरोना टाइम में भारी भरकम फंड जुटाने वाली जियो भी काफी पीछे
टिक टॉक की पैरेंट कंपनी बाइट डांस भारी-भरकम वैल्यूएशन का अंदाजा जियो प्लेटफॉर्म की तुलना से भी लगाया जा सकता है। आज की तारीख में फंड जुटाने के लिए चर्चित जियो प्लेटफॉर्म की वैल्यूएशन 65 बिलियन डॉलर या 5.16 लाख करोड़ रुपए ही है।

जबकि बाइट डांस की वैल्यूएशन 8.3 लाख करोड़ तक पहुंच गई है और आइपीओ तक इसमें और तेजी से बढ़ोतरी का अनुमान है। टिक टॉक की तरह जियो प्लेटफॉर्म भी टेलीकॉम के साथ कई तरह की सेवाएं देती हैं। बाइट डांस के पास भी कई ऐप हैं। इसमें Toutiao, BaBe, Lark; Helo का नाम शामिल है। लेकिन, टिकटॉक सबसे ज्यादा फेमस है।

क्या भारत के बैन लगाने से टिकटॉक के आईपीओ पर असर पड़ेगा?
भारत टिक टॉक ऐप इस्तेमाल करने वाले टॉप देशों में शामिल है। लेकिन, रेवन्यू के हिसाब से भारत टिकटॉक की पैरेंट कंपनी बाइट डांस के टॉप 10 देशों में भी नहीं है। इसको ऐसे समझते हैं कि 2019 में बाइट डांस का दुनिया भर में रेवन्यू 1.33 लाख करोड़ रुपए रहा और इसमें भारत की हिस्सेदारी महज 43.7 करोड़ रुपए रही।

भारत कंपनी के लिए दूसरा सबसे बड़ा बाजार है, लेकिन कारोबारी हिस्सेदारी बेहद कम होने के कारण कंपनी के ऊपर तुरंत कोई असर नहीं पड़ेगा। इस कारण कंपनी के प्रस्तावित आईपीओ पर भी खास असर नहीं पड़ेगा। लंबे समय में कंपनी को कारोबार में नुकसान जरूर होगा।

2019 की पहली छमाही में बाइट डांस को 49 हजार करोड़ का प्रॉफिट
2019 की पहली छमाही के दौरान टिकटॉक को 49 हजार करोड़ रुपए (7 बिलियन डॉलर) का प्रॉफिट हुआ। इसे 70 रुपए प्रति डॉलर के हिसाब से कैल्कुलेट किया गया है। कंपनी ने 14 बिलियन डॉलर के रेवन्यू का लक्ष्य रखा था, लेकिन उसने 17 बिलियन डॉलर कमाए। 2018 में कंपनी का रेवन्यू 7.2 बिलियन डॉलर रहा था।

कंपनी के पास 6 बिलियन डॉलर (45 हजार करोड़ रुपए) का कैश भी है। डेटा ब्लूमबर्ग, प्राइवेट फाइनेंशियल टाइम्स और प्राइवेट इक्विटी से मिली सूचना के आधार पर है।

बाइटडांस को भारत से कमाई
2019 में बाइटडांस ने भारत में 43.7 करोड़ रुपए का कारोबार किया। कंपनी को 3.4 करोड़ का रुपए का प्रॉफिट हुआ। अमेरिका से कंपनी को 650 करोड़ का रेवेन्यू मिला था। वहीं, चीन से कंपनी को 2500 करोड़ रुपए का रेवेन्यू मिला। कारोबारी रेवेन्यू के हिसाब से भारत बाइटडांस के टॉप 10 देशों में शामिल नहीं है।

हाल के महीनों में यूजर्स की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी
ऐप्स बिजनेस कारोबार पर नजर रखने वाली सेंसर टॉवर के मुताबिक, टिक टॉक के यूजर बेस में तेजी से इजाफा हो रहा है। 29 अप्रैल के डेटा के अनुसार, दुनिया भर में टिक टॉक 200 करोड़ बार डाउनलोड किया गया। पिछले पांच महीने के दौरान ही 50 करोड़ बार से ज्यादा डाउनलोड किया गया। दुनियाभर में टिक टॉक के 80 करोड़ एक्टिव यूजर्स हैं।

नए यूजर्स में सबसे ज्यादा भारत से
2020 में टिक टॉक के सबसे ज्यादा नए यूजर्स भारत से आए। मई में भारत में इस ऐप को 61.1 करोड़ बार डाउनलोड किया गया। 19.6 करोड़ डाउनलोड के साथ चीन दूसरे नंबर पर रहा। 16.5 करोड़ डाउनलोड के साथ अमेरिका तीसरे नंबर पर रहा।

बाइटडांस को दुनिया के दूसरे देशों में भी विवादों का सामना करना पड़ा है

  • इंडोनेशिया ने 3 जुलाई 2018 को अश्लील वीडियो और दूसरे कई आरोपों को लेकर ऐप को अस्थायी रूप से बंद कर दिया था। नकारात्मक कंटेंट हटाने, ऑफिस खोलने और उम्र प्रतिबंध और सिक्योरिटी को मजबूत करने सहित कई बदलाव करने के एक सप्ताह बाद ऐप को अनब्लॉक कर दिया गया था।
  • Tencent के WeChat मंच पर डॉयिन के वीडियो को अवरुद्ध करने का आरोप लगा। डॉयिन को ही बाद में टिक टॉक के नाम से लॉन्च किया गया। अप्रैल 2018 में, डॉयिन ने Tencent पर मुकदमा दायर किया और उस पर अपने WeChat प्लेटफॉर्म पर झूठी और हानिकारक जानकारी फैलाने का आरोप लगाया। जून 2018 में, Tencent ने टाउटियाओ और डॉयिन के खिलाफ मुकदमा दायर किया।
  • 27 फरवरी 2019 को, यूनाइटेड स्टेट फेडरल ट्रेड कमीशन ने 13 वर्ष से कम आयु के नाबालिगों से जानकारी एकत्र करने के लिए बाइटडांस यूएस $ 5.7 मिलियन का जुर्माना लगाया। बाइटडांस ने टिक टॉक में किड्स-ओनली मोड जोड़कर जवाब दिया जो वीडियो अपलोड करने, यूजर प्रोफाइल के निर्माण, डायरेक्ट मैसेजिंग और दूसरे के वीडियो पर कमेंट करने के दौरान ब्लॉक करता है, जबकि अभी भी कंटेंट को देखने और रिकॉर्डिंग की अनुमति देता है।
  • 3 अप्रैल 2019 को, मद्रास उच्च न्यायालय ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए भारत सरकार से "अश्लील साहित्य को प्रोत्साहित करने" का हवाला देते हुए ऐप पर प्रतिबंध लगाने के लिए कहा था। अदालत ने यह भी कहा कि ऐप का उपयोग करने वाले बच्चों को यौन शिकारियों द्वारा लक्षित किए जाने का खतरा था। 17 अप्रैल को, Google और Apple दोनों ने TikTok को Google Play और ऐप स्टोर से हटा दिया था। 25 अप्रैल 2019 को, तमिलनाडु में एक अदालत द्वारा ऐप के डाउनलोड को प्रतिबंधित करने के अपने आदेश को रद्द करने के बाद प्रतिबंध हटा लिया गया था।
  • हाॅन्गकॉन्ग के प्रर्दशनों के वीडियो को सेंसर करने के लिए सितंबर 2019 में टिक टॉक की कड़ी निंदा की गई थी। ऐप के ऊपर आरोप लगे थे कि उसने डेमोक्रेसी को समर्थन देने वाले वीडियो कंटेंट को रोका था। फेसबुक के सीईओ मार्क जकरबर्ग कीआलोचना के बाद इंटेरनेशनल स्तर पर मामला काफी चर्चा में रहा था।

2012 में शुरू हुई थी बाइटडांस
झांग यिमिंग ने 2012 में बाइटडांस की शुरुआत की थी। झांग यिमिंग का सोचना रहा है कि खुद को जताने में विश्वास रखने वाली नई पीढ़ी अच्छी-खराब अपनी हर तरह की वास्तविक भावनाएं व्यक्त करना चाहती है। इसलिए उन्होंने छोटे-छोटे म्यूजिक वीडियो को लेकर काम की शुरुआत की। इसमें आर्टिफीशियल इंटेलीजेंस का भी इस्तेमाल किया गया। इस समय वह 13.5 अरब डॉलर की कुल पूंजी के साथ हुरून चाइना रिच लिस्ट के टॉप 20 अमीरों में गिने जाते हैं।



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