छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले के ग्राम पंचायत कंदाड़ी के आश्रित ग्राम आलदंड की 12 साल की मानकी की बीती रात अचानक तबीयत ज्यादा खराब हो गई। गांव में इलाज की कोई सुविधा नहीं होने के चलते रात भर घर में ही रखना पड़ा। सुबह परिजन 5 किमी पैदल चल कर बीमार मानकी को लेकर बेचाघाट पहुंचे। यहां कोटरी नदी को पार करने नाव का इंतजार एक घंटा करना पड़ा। नाव आने के बाद परिजन बीमार बच्ची कोलेकर छोटेबेठिया उपस्वास्थ्य केंद्र पहुंचे।
आलदंड से छोटेबेठिया की दूरी 6 किमी है लेकिन बीच में कोटरी नदी नाव से पार करना पड़ता है। नदी पर पुल नहीं है। छोटेबेठिया के अलावा सितरम में भी उपस्वास्थ्य केंद्र है जहां की दूरी आलदंड से 14 किमी है। वहां जाने पर भी स्वास्थ्य कार्यकर्ता मिलेंगे या नहीं यह तय नहीं रहता। इसीलिए आलदंड के ग्रामीण मजबूरी में नाव से नदी पार कर छोटेबेठिया उपस्वास्थ्य केंद्र पहुंचते हैं।
मछली पकड़ने के जालों में फंसने से तीन मगरमच्छ तोड़ चुके हैं दम
राजस्थान के पाली में स्थित जवाई बांध डूब क्षेत्र में गत शुक्रवार को 3 मगरमच्छ व 81 पक्षी मछली पकड़ने के जाल में फंस कर मृत मिले थे। बांध में मछली पकड़ने के व्यर्थ पड़े जालों में फंसी मछलियों और छोटे जीवों को खाने के चक्कर मे फंस जाते हैं ये बेजुबान वन्यजीव और भूख व पानी में डूबने के कारण तड़प-तड़प कर अपनी जान गंवा बैठते हैं। बांध क्षेत्र से वन्यजीव विशेषज्ञ कृष्णपाल पारंगी ने फोटो उपलब्ध करवाए हैं, जो कुछ माह पुराने हैं। सम्भवत शुक्रवार को जो मृत मगरमच्छ मिले थे, आशंका है कि यह वहीं मगरमच्छ हो सकता है, जो फोटो में दिख रहा है।
पीपल का पेड़ गिरने से मंदिर क्षतिग्रस्त
जयपुर के मालवीय नगर सेक्टर-5 स्थित पीपल धाम मंदिर का यह दृश्य है। 200 साल पुराना भारी भरकम पीपल के पेड़ के तीन पड़े डाले बुधवार सुबह अचानक गिर गए।शिव पंचायत वह हनुमानजी की मूर्ति वाले हिस्से पर पेड़ गिरा, जिससे मंदिर क्षतिग्रस्त हो गया। पार्क में झूले और कार दब गए। जिस वक्त पेड़ गिरा, न मंदिर में कोई था ना पार्क में इसलिए कोई हताहत नहीं हुआ। मधुमक्खियों के छत्तों के कारण पेड़ को हटाने में टीमों को मशक्कत करनी पड़ी।
टिडि्डयों का हमला:किसान ने खेत में लगाए लाउड स्पीकर
राजस्थान के झुंझुनूं में टिड्डियों की आशंका को लेकर किसान ने खेत में लाउड स्पीकर लगाए हैं। कोरोना से परे इस वक्त हमारे किसान एक बड़े संकट से जूझ रहे हैं। टिडि्डयों के रूप में यह संकट उनके खेतों में दिन-रात मंडरा रहा है और फसलों को चट कर रहा है। पिछले 40 दिन की बात करें तो शेखावाटी में सात बार टिडि्डयों का हमला हो चुका है। किसान राजेंद्र फौजी ने बताया कि ये कब, कहां और किस दिशा से आ जाएं कुछ पता नहीं हैं। किसानों के पास इन्हें भगाने के लिए केवल एक ही विकल्प है कि शोर मचाया जाए।
बारिश: स्टेशन रोड पर आवागमन बाधित
राजस्थान के चूरू जिले में बुधवार को जमकर बारिश हुई। रतनगढ़ में भी तेज हवा के साथ शाम साढ़े 3 बजे 10 मिनट बारिश हुई। शाम सवा चार बजे फिर बारिश आई। पांच बजे फिर तेज बारिश का दौर शुरू हुआ, जो आधे घंटे चला। शाम छह बजे तक 35 एमएम बारिश दर्ज की गई। निचले इलाके जलमग्न हो गए। उत्तरी बाजार में तीन फीट से अधिक पानी भर गया। स्टेशन रोड पर आवागमन बाधित हुआ।
आइसोलेशन वार्ड में काम कर रहे स्टाफ को फूल दिए
चंडीगढ़ में पीयू के सेंटर फॉर सोशल वर्क के एनएसएस वॉलिंटियर्स ने डॉक्टर्स डे पर जीएमसीएच-16 में जाकर सभी डॉक्टर्स और पैरामेडिकल स्टाफ को फूल दिए। शुभम, जसप्रीत कौर, कबीर सिंह और नरेंद्र सिंह अपने एनएसएस कोऑर्डिनेटर डॉ. गौरव गौड के साथ अस्पताल पहुंचे और आइसोलेशन वार्ड में काम कर रहे स्टाफ को फूल दिए।
हवा के साथ बादल बिना बरसे ही आगे चले जाते
चंडीगढ़ और आसपास रोज बादल तो छा रहे हैं, लेकिन बारिश नहीं हो रही। हवा के साथ बादल बिना बरसे ही आगे चले जाते हैं। बुधवार दोपहर पिंजौर में टिंबर ट्रैल के पास अचानक से काले बादल छाए। लगा कि तेज बारिश होगी, लेकिन हुआ कुछ भी नहीं।
काले बादल घिरे, आंधी में उड़ गए
राजस्थान के बीकानेर में मानसून की अच्छी बारिश का इंतजार एकबार फिर धराशायी हो गया। तेज धूप (अधिकतम तापमान 44.8 डिग्री) से बुरा हाल रहा। लेकिन, दोपहर बाद काले घने बादल छा गए। बवंडर उठा। दिन में ही अंधेरा छा गया। आधे घंटे तक धूल भरी आंधी से सबकुछ ठहर सा गया। बवंडर थमा तो बादल उड़ चुके थे। उधर, मौसम विभाग ने 2 और 3 जुलाई को बीकानेर में लू चलने की संभावना जताई है।
जून की बारिश ने पिछले चार साल का रिकॉर्ड तोड़ा
फोटो मध्यप्रदेश के उज्जैन की है। यहां केत्रिवेणी स्टाप डेम पर शिप्रा नदी ओवरफ्लो चल रही है। बुधवार को डेम के पानी के बीच मछलियों के शिकार के लिए बगुले भी आ गए।
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