छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले केबुरगुम ग्राम पंचायत के लोगों को 13 साल बाद सरकारी राशन के लिए राहत मिली थी, जब यह गांव में मिलना शुरू हो गया था। सरकारी राशन की ये सुविधा भी बुरगुम के लोगों को महज दो महीने ही मिल पाई। आंधी तूफान में गांव के पुजारीपाल में बनाई गई नई राशन दुकान की छत की शीट उड़ गई है। इसके चलते दुकान फिर मलगेर नाले के उस पार गांव से 8 किमी दूर जबेली के बचेलीपारा में शिफ्ट कर दिया गया है। दुकान मलगेर नाले के पार शिफ्ट होने से बारिश में फिर से ग्रामीणों को खतरे के बीच नाला पार कर राशन लेने जाना पड़ रहा।
चांडिल अनुमंडलीय अस्पताल में बच्चों के साथ पहुंचीं गर्भवती
फोटो झारखंडकेसरायकेला खरसावां जिले के चांडिल की है।एक तरफ कोरोना तेजी से बढ़ रहा है, वहीं ग्रामीण इलाकों में सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। गुरुवार को चांडिल अनुमंडलीय अस्पताल मेंप्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत प्रेग्नेंसी की जांच कराने आई महिलाओंकी भीड़ अस्पताल में दिखी।
महिलाओंके साथ छोटे बच्चे भी थे। ज्यादातर महिलाओंने मास्क नहीं पहना था। वहीं सोशल डिस्टेंसिंग का भी पालन नहीं हुआ। सोशल डिस्टेंसिंग पालन कराने के लिए प्रशासन भी मौजूद नहीं थे। बता दें कोरोना से सबसे ज्यादा खतरा गर्भवती व शिशु को ही है।
ग्रामीणों ने प्रशासन से रज्जू मार्ग की मरम्मत की मांग की
हिमाचल प्रदेश केगिरी नदी के किनारे बसे सबसे बड़े गांव सींऊ के ग्रामीण दोनों रज्जू मार्ग खराब होने से जान हथेली पर रखकर नदियां पार कर रहे हैं। दरअसल गिरी व पालर नदी के बीच बसे इस गांव के लोगों के लिए बरसात में यातायात का प्रमुख साधन दोनों नदियों पर बने रज्जू मार्ग अथवा झूले हैं। गत वर्ष इन दोनों रज्जू मार्ग की मरम्मत पर बीडीओ संगड़ाह के माध्यम से 2 लाख 80 हजार का बजट खर्च हो चुका है, मगर एक साल के भीतर ही झूले फिर से खराब होने से इस सरकारी निर्माण कार्य पर सवाल खड़े हो गए हैं।
पर्यटकों की आवाजाहीशुरू
अनलॉक 2.0 के दौरान, जनता के लिए फिर से खोले जाने के बाद, कुतुब मीनार के परिसर में गुरुवार को एक माली घास काटते हुए। अनलॉक के बाद से यहां पर्यटकों की आवाजाही शुरू हो गई है।
न पंचायत, न नगर निगम अपना मानने को तैयार
पटना केदक्षिण में एक नया बसा मोहल्ला है दक्षिणी रामकृष्णानगर। यहां के लोग खुद को शेखपुरा गांव का भाग मानते हैं। हालांकि, नगर निगम के तहत रामकृष्णानगर का भाग आता है। ग्रामीणोंने बताया कि करीब 150 मीटर हमें खेत पार कर ही अपने घरों तक जाना पड़ता है। एक चचरी पुल है जिसके सहारे मुख्य सड़क तक आते हैं। बीमार होने के बाद लोगों को खाट पर लेकर ही मुख्य सड़क तक आना पड़ता है।
कनौजी कछुआरा पंचायत के मुखिया मनोज कुमार ने कहा कि शेखपुरा गांव हमारी पंचायत में आता है, लेकिन दक्षिणी रामकृष्णानगर का निर्धारण अभी तक नहीं हो पाया है। नए बसे माेहल्लों के कारण यह स्थिति स्पष्ट नहीं हो पाई है कि वह ग्राम पंचायत में है या नगर निगम क्षेत्र में।
1971 में नामकुम के होरहाप में राढ़ू नदी पर बना पुल टूटकर लटका
झारखंड केआदर्श पंचायत महिलौंग के हाेरहाप गांव में 1971 में राढ़ू नदी पर बना पुल टूटकर लटक गया है और कभी भी गिर सकता है। बारिश हाेने परनदी का पानी पुल के 4 फीट ऊपर तक बहने लगता है। ग्रामीण इसी पुल से हाेकर राहे-बुंडू, तमाड़ और टाटा राेड निकलते हैं। पुल पर पानी बहने के कारण ग्रामीण अक्सर फंस जाते हैं। ग्रामीणों का कहना है कि जबसे पुल बना है, कभी इसकी मरम्मत नहीं हुई।
भ्रष्टाचार के हाईवे पर मरम्मत का पैचवर्क
बिहार काभागलपुरबाइपास230 करोड़ की लागत सेबना था, लेकिन साल भर के अंदर ही इसकी हालत कच्ची सड़क जैसी हो गई है।अगर निर्माण के वक्त विभाग के पदाधिकारी सही ढंग से निगरानी करते ताे बाइपास की ऐसी स्थिति नहीं हाेती। अब इसकी हालत बेहद खराब है। लाॅकडाउन की अवधि में इसकी मरम्मत शुरू की जानी थी।
लेकिन उस वक्त शुरू नहीं की। अब इसकी मरम्मत की जा रही है। लेकिन वह भी धीमी गति से हाे रही है। अब इसकी हालत ऐसी है कि हल्की बारिश में ही बाइपास कच्ची सड़क सी दिखने लगी है। इस पर भारी वाहन चलते हैं। ऐसे में गड्ढाें की वजह से अक्सर ट्रक खराब हाे रहे हैं और जाम की स्थिति बनी रहती है।
नौ दिन से तेज बारिश नहीं, दिन के तापमान में डेढ़ डिग्री का इजाफा
फोटो भोपाल केशीतलदास की बगिया की है। अनलॉक के बादगुरुवार शाम यहां कई लोग मौसम कालुत्फ उठाने पहुंचे।मानसून की बेरुखी के कारण शहर में धूप चटक रही है। गुरुवार को दिन का तापमान सामान्य से 1 डिग्री ज्यादा 34.1 डिग्री पर रहा। इस बार 16 जून काे मानसून भाेपाल पहुंचा और 14 दिन बाद यानी 1 जुलाई से तेज बारिश का दाैर थम गया।
इस साल समय पर मानसून के आने से देशभर में अच्छी बारिश हो रही है। दक्षिण गुजरात में लगातार हो रही बारिश से उकाई में पर्याप्त पानी का भंडारण हाे गया है। पिछले तीन-चार दिनों से लगातार हो रही बारिश से खेतों में पानी भर गया है। किसान धान की रोपाई करने में जुट गए हैं। इस साल 10 हजार एकड़ में धान की फसल पैदा होने की उम्मीद है।
स्मार्ट सिटी प्रोग्राम के तहत पर्यटन विकास निगम संभालेगा सरोवर
तालकटोरा को लेकर कई बार सरकार के अलग-अलग महकमों ने डवलपमेंट प्लान बनाए। इस कटोरे की ताल गंदे नालों के पानी से खो गई। अबकी बार फिर बड़ा प्लान बना है। हेरिटेज संरक्षण के साथ नाइट टूरिज्म की शुरुआत के रूप में इस प्लान को रखा गया गया है। स्मार्ट सिटी से 20 करोड़ के काम की प्लानिंग हो गई है, इसमें से 18 करोड़ के टेंडर लगाए जा चुके हैं। 15 जुलाई को तकनीकी बिड खुल जाएगी। आरटीडीसी की इंजीनियरिंग टीम ने डवलपमेंट का खाका तैयार कर लिया है।
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