बीते कुछ दिनों से दिल्ली-एनसीआर में हो रही बारिश के कारण लोगों कोखासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।गुड़गांव में लगातार हो रही बारिश के कारण दिल्ली-गुड़गांव एक्सप्रेस-वे पर नरसिंगपुर के पास 3 फीट तक पानी भर गया। इससे कई जगह जाम जैसे हालात बन गए।
असम में बाढ़ से 89 लोगों की मौत, 45 हजार शिविरों में
असम में कुछ दिनों की राहत के बाद फिर बारिश का दौर शुरू हो गया है। बाढ़ और बारिश के कारण अब तक 89 लोगों की मौत हो चुकी है। ब्रह्मपुत्र नदी का जलस्तर बढ़ता ही जा रहा है। एनडीआरएफ की 12 टीम असम में हैं। यहां पर 45 हजार से ज्यादा लोगों को 281 शिविरों में पहुंचाया गया है।
अफसरों की लापरवाही
मध्य प्रदेश के खंडवा में खुलेमें रखा 12.50 करोड़ रुपए का 63 हजार क्विंटल गेहूं सड़कर खराब हो गया है। अब विपणन संघ इसे उज्जैन, देवास, क्षिप्रा, रतनपुर सहित 10 से ज्यादा समितियों को लौटा रहा है। बारिश में गीले हुए गेहूं को पहले ही लौटा देना था, लेकिन अफसरों की लापरवाही से बड़ा नुकसान हो गया।
नेशनल हाईवे-27 के डिवाइडर परठिकाना
बिहार में बाढ़ का दायरा बढ़कर 10 जिलों की 282 पंचायतों तक फैल गया है। इससे करीब 4.5 लाख लोग प्रभावित हैं। मुजफ्फरपुर में गंडक नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। कोसी नदी की भी यही स्थिति है। लोगों में बाढ़ का खौफ इस कदर बैठ गया है कि नेशनल हाईवे-27 के डिवाइडर पर ही ठिकाना बना लिया है।
लहरिया पहनकरझूली महिलाएं, आज मनाएंगी तीज
राजस्थान केझुंझुनूं में तीज से एक दिन पहले बुधवार को महिलाओं ने सिंजारा मनाया। कई स्थानों पर झूले लगा कर लहरिया जैसे कपड़ेपहन कर महिलाओं ने खूब पींगें बढ़ाई। ननद-भोजाई, देवरानी-जेठानी के जोड़ों के साथ ही कई जगह सास को भी झूले झुलाए गए। हाल के दिनों में जिन लड़कियों की सगाई हुई है, उनके ससुर, जेठ सहित ससुराल के अन्य लोग साड़ी, मिठाई औरफल के साथ सिंजारा लेकर पहुंचे।
मंत्री ने दिया था गो कोरोना गो का नारा
महाराष्ट्र के कोल्हापुर में एक किसान ने खेत में धान की खड़ी फसल से ‘गो कोरोना गो’ लिख दिया।सालगांव में रहने वाले किसान सचिन सदाशिव केसरकर ने बताया कि इसे लिखने के लिए वाक्य के आधार पर धान की बुवाई की। करीब 15 दिन बाद यह आकृति उभरकर आ गई। यह वाक्य इलाके में चर्चा का विषय बन गया है।केंद्रीयमंत्री रामदास अठावले ने गो कोरोना गो का नारा दिया था। इसके बाद सोशल मीडिया पर इसकेखूब मीम बने थे।
छात्र-छात्राओं का रुझान बढ़ेगा
चौंकिए मत। यह ट्रेन नहीं राजस्थान के आमेसर के सरकारीस्कूल का बरामदा है। प्रिंसिपल शैवालिनी शर्मा की कल्पना से बरामदे काे भामाशाह के सहयाेग से इस तरह रंगवाया गया कि दूर सेट्रेन के काेच का जैसा नजर आए। उनका कहना है कि इससे बच्चों काका स्कूल आने के प्रति रुझान बढ़ेगा। इस गांव के छात्राें सहित कई लाेगाें ने ट्रेन नहीं देखी है,क्याेंकि 40 किमी के दायरे में स्टेशन या रेलवे लाइन नहीं है।
एक मिनट में 200 लोगों की थर्मल स्क्रीनिंग होगी
कोरोना के मामले रोकने के लिए मुंबई के कई इलाकों में स्मार्ट हेलमेट से डोर टू डोर थर्मल स्क्रीनिंग की जा रही है। इससे कम समय में बड़ी संख्या में स्क्रीनिंग हो रही है। इस हेलमेट के जरिए एक मिनट में 200 लोगों की थर्मल स्क्रीनिंग की जा सकती है। यह हेलमेट एक साथ कई लोगों को डेटा उपलब्ध कराता है। इसे स्मार्ट वॉच से जोड़ा गया है। जैसे ही इसके कैमरे की नजर इंसान पर पड़ती है तुरंत उसके शरीर के टैम्प्रेचर का डेटा स्मार्ट वॉच में आ जाता है।
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