पिछले दो साल में सोना 55% महंगा हो चुका है। करीब 1900 टन सोना खरीदने वाले देशों भारत और चीन ने कोरोना के कारण फरवरी से सोना नहीं खरीदा है। इसके बावजूद सोना 50 हजार रु. प्रति 10 ग्राम के करीब पहुंच गया। विशेषज्ञों का कहना है कि इसकी कीमत और बढ़ेगी।
इंडिया बुलियन एवं ज्वेलर्स एसोसिएशन (आईबीजेए) की डायरेक्टर तान्या रस्तोगी कहती हैं, ‘लोगों काे 50 हजार पर सोना महंगा लग सकता है, लेकिन सोना खरीदने का अब भी अच्छा समय है। दिवाली तक कीमत 82 हजार रुपए से पार जा सकती है।’ एडिशन इंवेस्टमेंट रिसर्च यूके जैसी कंपनी की रिपोर्ट भी यही दावा करती है।
इसके अनुसार सोने के दाम 82 हजार पार गए तो और तेजी से बढ़ेंगे। चीन और भारत सोना न खरीदें तो भी भाव कम नहीं होंगे। दुनिया के लगभग सभी देश अभी सोना खरीद रहे हैं। आईबीजेए के अनुसार मंदी आने पर सोना महंगा होता है। इस बार लग रहा था कि लोग घर खर्च के लिए सोना बेच सकते हैं, पर ऐसा नहीं हुआ। भारतीय घरों में 25 हजार टन सोना है। इसमें से 70% ग्रामीण क्षेत्र में है।
इन चार कारणों से लगातार बढ़ती जा रही है सोने की कीमत
- जिनका सोना गिरवी था, वे वापस ले रहे
जो सरकारें पहले सोना बेचती थीं, वे खरीदने लगी हैं। दो साल पहले 16 देशों के सेंट्रल बैंकों ने सोना खरीदना शुरू किया है। जिनका सोना गिरवी था, वे भी वापस लेे रहे हैं। जर्मनी ने स्विट्जरलैंड से अपना सोना मंगा लिया। बाकी देश भी स्विट्जरलैंड, अमेरिका से सोना मंगवा रहे हैं।
- अमेरिका में ब्याज दर शून्य पर है
सोने की कीमत डॉलर के मूल्य पर निर्भर होती है। डॉलर का मूल्य इस पर निर्भर करता है कि कितना कैश सर्कुलेशन में है। अभी ये 5 ट्रिलियन के आस-पास हो गया है। डॉलर का मूल्य गिरेगा ताे सोने की कीमत बढ़ना तय है। अमेरिका में इंटरेस्ट रेट जीरो हो गया है, जिससे सोने में तेजी जारी है।
- निवेश के लिए सोना पसंद बना
बाजार मंदी के कारण निवेशक सोने में रुचि दिखा रहे हैं। कोविड से कब तक लड़ना है, यह किसी को पता नहीं है। इसलिए सभी निवेशकों का रुझान सोने की तरफ हो गया है।
- उत्पादन-तस्करी दोनों ही बंद है
इस समय कोरोना के कारण पूरे विश्व में सोने का उत्पादन बंद है। तस्करी भी नहीं हो पा रही है। इससे सोने में एकतरफा तेजी है। ये तेजी आगे भी रहेगी।
दो साल में सोने ने 55% रिटर्न दिया, पिछले छह महीने में ही 24% तक बढ़ गई कीमत
केडिया कमोडिटीज के डायरेक्टर अजय केडिया के मुताबिक भारत और चीन सोना नहीं खरीदते हैं तो दाम कुछ कम हो सकते हैं। फिर भी सोना 40 हजार से नीचे नहीं जाएगा। 43 हजार पर खरीदने से बेहतर रिटर्न मिलेगा। ये करेक्शन कोराेना वैक्सीन आने पर दिख सकता है।
इंडियन ज्वेलरी एसोसिएशन के मुताबिक सोने की तेजी वक्ती नहीं है। ये तो 2018 से तेजी पर है। सितंबर 2018 से सोना 55% तेज है। इस साल 6 महीने में ही 24% तेजी आईहै। अगले 2 साल में सोने के भाव प्रति 10 ग्राम 20 हजार रुपए तक बढ़ सकते हैं।
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