शिव को आदि गुरु कहा जाता है। 15000 वर्षों से भी पहले गुरु पूर्णिमा के दिन सप्तऋषियों को पहला शिष्य बनाया और उन्हें योगिक विज्ञान की शिक्षा दी। पहलेे उपदेश में कहा- आपकी क्षमता वर्तमान से बहुत आगे बढ़ने की है। सप्तऋषि इस ज्ञान को लेकर पूरी दुनिया में गए। धरती की हर आध्यात्मिक प्रक्रिया के मूल में शिव का ज्ञान है।
दलाई लामा: बुद्ध ने 5 भिक्षुओं को धर्म उपदेश दिया
करीब 2600 साल पहले तथागत बुद्ध ने आषाढ़ी पूर्णिमा के दिन सारनाथ में पांच भिक्षुओं को धर्म का पहला उपदेश दिया। इसे ‘प्रथम धर्मचक्र प्रवर्तन’ कहते हैं। गुरु पूर्णिमा को बौद्ध ‘संघ दिवस’ कहा जाता है। बुद्ध ने उपदेश में चार आर्य सत्यों के बारे में बताया था। ये हैं- दुख है, दुख का कारण है, दुख का निदान है, निदान का मार्ग निर्वाण है।
आचार्य विद्यासागरजी: महावीर ने 5 यम बताए
जैन धर्म में आज का दिन त्रिनोक गुहा पूर्णिमा कहलाता है। 24वें तीर्थंकर भगवान महावीर को ही ‘त्रिनोक गुहा’ यानी प्रथम गुरु भी माना गया है। भगवान महावीर ने इसी दिन इंद्रभुति गौतम को अपना पहला शिष्य बनाया। उन्होंने पहले उपदेश में 5 यम- अहिंसा, सत्य, अपरिग्रह, अचौर्य (अस्तेय) और ब्रह्मचर्य काे जीवन का मार्ग बताया।
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