आज युवाओं का दिन है। इस बार यह मौका काेरोना के दौर में आया है। इसलिए यह युवाओं के लिए एक संकल्प का दिन है। पिछले 5 महीनों में उन्होंने जिन मुश्किलों का सामना किया है, उन्हें याद करके सबक लेने का भी दिन है। यह सोचने का भी दिन है कि कोरोना के बाद युवाओं की नई दुनिया कैसी होगी? युवाओं को क्या नया करना होगा? कोरोना से युवाओं ने क्या सीखा?
रिलेशनशिप एक्सपर्ट और साइकोलॉजिस्ट डॉक्टर निशा खन्ना कहती हैं कि कोरोना ने युवाओं की पूरी दुनिया ही बदल दी है। उन्हें कोरोना से सीखने को मिला है कि जिंदगी में आउटर इंट्रैक्शन कितना ज्यादा जरूरी है, क्योंकि इस महामारी में अकेलेपन ने बहुत सताया है।
कोविड ने युवाओं को रिश्तों की अहमियत भी समझाई है। ऐसे मौके भी आए हैं, जब मेंटल और इमोशनल बैलेंस की बहुत सख्त जरूरत महसूस हुई है। उन्हें खुद से बात करने को समय मिला, इससे अपनी खूबियों और बुराइयों को पहचानने का भी वक्त मिला है, बस जरूरत इस बात की है, आज के दिन युवा खुद में बदलाव का संकल्प लें, ताकि आगे जिंदगी आसान हो। जिंदगी में असली खुशी तब आएगी, जब अपनी जिंदगी की बागडोर को अपने हाथों में लेंगे।
अपनी जिंदगी की जिम्मेदारी अपने हाथ में लें और अपने पैशन को फॉलो करें
डॉ. निशा कहती हैं कि जिंदगी में यदि आप कुछ नहीं कर पाते हैं तो इसकी जिम्मेदारी किसी और पर मत डालिए। आप जो चीजें नहीं करना चाहते हैं, उसे मत करिए, पर उसे दूसरों पर न थोंपे। मां-बाप को अपनी नाकामियों का जिम्मेदार न ठहराएं। अपनी जिंदगी की जिम्मेदारी अपने हाथ में लें और अपने पैशन को फॉलो करें।
यदि आप अपने आप में खुश नहीं हैं तो अपने आसपास के वातावरण को कभी खुशनुमा नहीं रख पाएंगे। ज्यादा पैसा कमाने या ज्यादा काम करने से कुछ नहीं होगा, यदि अपने आप में खुश नहीं हैं तो। यह खुशी तब आएगी, जब अपनी जिंदगी की बागडोर को अपने हाथों में लेंगे। जब आप जिंदगी में जो करना चाहते हैं, वह खुद करेंगे।
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