शुक्रवार, 7 अगस्त 2020

अनलॉक होने के बाद रिकवरी रेट 20% से ज्यादा बढ़ा; 16 राज्य ऐसे जहां ठीक हुए मरीजों की संख्या एक्टिव केसेस से भी ज्यादा

देश में कोरोनावायरस के मामले 20 लाख के पार पहुंच गए हैं। हालांकि, अच्छी बात ये भी है कि एक तरफ भले ही कोरोना मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही हो, लेकिन दूसरी तरफ इससे ठीक होने वाले मरीजों की संख्या में भी इजाफा हो रहा है। इसका नतीजा ये हो रहा है कि देश में अब ठीक हुए मरीजों की संख्या एक्टिव मरीजों से दोगुने से ज्यादा हो गई है। covid19india.org के डेटा के मुताबिक, 6 अगस्त की रात 10 बजे तक देश में 6.04 लाख एक्टिव केस हैं, जबकि 13.75 लाख मरीज ठीक हो चुके हैं।

इस स्टोरी में हम आपको 5 ग्राफिक्स के जरिए देश में कोरोनावायरस के हालात समझाने की कोशिश करेंगे।

1. लॉकडाउन से पहले रिकवरी रेट 7.1% था, अब 67% से भी ज्यादा
बात जब ठीक हुए मरीजों की हो रही है, तो सबसे पहले बात रिकवरी रेट की ही हो। देश में रिकवरी रेट लगातार बढ़ रहा है। लॉकडाउन से पहले यानी 25 मार्च तक देश में रिकवरी रेट 7.10% ही था। लॉकडाउन-4 तक रिकवरी रेट बढ़कर 38% के पार पहुंच गया। जबकि, अब देश में कोरोना मरीजों के ठीक होने की दर 67% के ऊपर पहुंच गई है। 1 जून से देश अनलॉक हो गया है और उसके बाद रिकवरी रेट 20% से ज्यादा बढ़ा है।

2. 16 राज्य ऐसे, जहां ठीक हुए मरीजों की संख्या एक्टिव केसेस से ज्यादा
रिकवरी रेट के बाद बात उन राज्यों की जहां ठीक हुए मरीजों की संख्या एक्टिव केसेस से भी ज्यादा है। इन 16 राज्यों में 6 राज्य ऐसे भी हैं, जो कोरोना से सबसे ज्यादा संक्रमित 10 राज्यों की लिस्ट में भी शामिल हैं। सबसे ज्यादा रिकवरी रेट दिल्ली में है, जहां के करीब 90% मरीज ठीक हो चुके हैं। यहां अब 10 हजार से कुछ ज्यादा ही एक्टिव केस है।

देश के 17 राज्य और केंद्र शासित प्रदेश ऐसे भी हैं, जहां कोरोना से 100 से भी कम मौतें हुई हैं। इनमें से 12 राज्यों में मौतों का आंकड़ा 50 से भी कम है। हालांकि, ये मौतें भी नहीं होनी चाहिए थी।

3. 28 राज्यों में डब्ल्यूएचओ के तय मानक से ज्यादा टेस्ट हो रहे
देश में अब तक 2.08 करोड़ लोगों का कोरोना टेस्ट हो चुका है। इस तरह अब हमारे देश में हर 10 लाख आबादी पर 15 हजार 119 लोगों की जांच हो चुकी है।

डब्ल्यूएचओ का मानक है कि हर देश में हर 10 लाख आबादी पर रोजाना 140 से ज्यादा टेस्ट होने चाहिए। अच्छी बात ये है कि भारत में अब 28 राज्यों में रोजाना हर 10 लाख आबादी पर 140 से ज्यादा टेस्ट हो रहे हैं। हालांकि, ये आंकड़ा रोज बदलता भी है।

5 अगस्त को देशभर में 6.64 लाख से ज्यादा सैंपल जांचे गए। जबकि, 4 अगस्त को देश में 6.61 लाख से ज्यादा सैंपल टेस्ट हुए थे। इस दिन हर 10 लाख आबादी पर 479 टेस्ट हुए थे। इसी दिन देश के 28 राज्य ऐसे थे, जहां डब्ल्यूएचओ के तय मानक से ज्यादा टेस्ट हुए थे यानी 140 टेस्ट से ज्यादा।

4. देश के 28 राज्यों में पॉजिटिविटी रेट 10% से कम
5 अगस्त तक के डेटा के मुताबिक, देश में पॉजिटिविटी रेट 8.89% था। जबकि, 28 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में ये पॉजिटिविटी रेट 10% से भी कम था। पॉजिटिविटी रेट यानी जितने टेस्ट हो रहे हैं, उसमें से कितने पॉजिटिव मिल रहे हैं।

यानी हर 100 टेस्ट में से 9 से भी कम कोरोना पॉजिटिव मिल रहे हैं।

5. कोरोना से जान गंवाने वालों में पुरुष ज्यादा, उम्रदराज लोगों को ज्यादा खतरा
कई रिसर्च में सामने आया है कि कोरोनावायरस की वजह से महिलाओं की तुलना में पुरुषों की जान ज्यादा जा रही है। इसके साथ ही ये भी सामने आया है कि जिनकी उम्र ज्यादा है, उनको भी खतरा है।

4 अगस्त तक देश में जितनी मौतें हुई थीं, उनमें से 68% पुरुष थे यानी हर 100 मौतों में से 68 पुरुष हैं। इसके साथ ही मरने वालों में 80% से ज्यादा लोग ऐसे हैं, जिनकी उम्र 45 साल से ज्यादा है।

देश के लिए कोरोना से लड़ाई मुश्किल क्योंकि महज 36% परिवारों में लोग खाने से पहले साबुन से हाथ धोते हैं, एक किमी के दायरे में 450 से ज्यादा लोग रहते हैं



आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
In 28 states, more tests are being done than the WHO standard, 68% of the deaths are male; More recovery cases than active cases in 17 states


from Dainik Bhaskar https://ift.tt/2DI3cxC
https://ift.tt/3kj5F2D

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

If you have any doubt, please let me know.

Popular Post